Nag Panchami 2022 : जालंधर में विशेष संयोग में मनाई जाएगी नाग पंचमी, श्री गोपीनाथ मंदिर में होगा महा काल सर्पदोष पूजन; जानिए शुभ मूहुर्त
जालंधर में सावन मास की पंचमी यानी नागपंचमी इस बार विशेष संयोग में मनाई जाएगी। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित भोलानाथ द्विवेदी के मुताबिक इसी दिन शिव योग तथा सिद्धि योग भी बन रहा है। जिसमें विधिवत की गई नाग पूजा से जातक की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
जागरण संवाददाता, जालंधर। सावन मास की पंचमी यानी नागपंचमी इस बार विशेष संयोग में मनाई जाएगी। इस बार दो अगस्त को मनाई जा रही नाग पंचमी वाले दिन की पति की दीर्घायु की कामना को लेकर रखे जाते मंगला गौरी व्रत भी है। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित भोलानाथ द्विवेदी के मुताबिक इसी दिन शिव योग तथा सिद्धि योग भी बन रहा है। जिसमें विधिवत की गई नाग पूजा से जातक की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। वह बताते हैं कि भगवान शिव के परम भक्त नाग देवता की पूजा करने से कुंडली में कालसर्प योग का दोष तो दूर होता ही है साथ ही भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है।
सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा का विधान है। खासकर सनातन धर्म में नाग को देवताओं के समान पूजा जाता है। सनातन संस्कृति में नाग देवताओं की पूजा के लिए वर्ष में कुछ दिन विशेष होते हैं। जिसमें सावन माह की पंचमी तिथि के दिन नाग देवताओं की पूजा करना अत्यंत फलदाई माना गया है। इस दिन नाग देवता की पूजा करने के साथ उन्हें दूध पिलाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। भगवान शिव को अति प्रिय सावन के महीने में आने वाली नाग पंचमी का दिन शिव भक्ति के लिए श्रेष्ठ बताया गया है।
एक दिन में बन रहे दो शुभ संयोग
नाग पंचमी के दिन दो शुभ संयोग बन रहे हैं। इस बारे में श्री गोपीनाथ मंदिर सर्कुलर रोड के प्रमुख पुजारी पंडित दीनदयाल शास्त्री बताते हैं कि नागपंचमी मंगलवार को होने के चलते इस दिन मंगला गौरी का व्रत भी रखा जाएगा तथा इसी दिन सिद्धि योग तथा शिव योग भी बन रहा है। जिसमें नाग देवता की पूजा करने से भगवान शिव तथा मां पार्वती जी भी प्रसन्न होते हैं। वह बताते हैं कि भगवान विष्णु भी शेषनाग पर विराजित विराजमान है। ऐसे में नाग देवता की पूजा करने से भगवान विष्णु की कृपा सदैव बनी रहती है।
श्री गोपीनाथ मंदिर में आज होगा काल सर्प दोष व मंगलीक दोष की महापूजा
सर्कुलर रोड पर स्थित श्री गोपीनाथ मंदिर में नाग पंचमी को लेकर कालसर्प दोष तथा मंगलीक दोष शांति हेतु महायज्ञ तथा महा पूजा का आयोजन दो अगस्त को सुबह 8 बजे से होगा। इस बारे में जानकारी देते हुए विश्व मानव कल्याण मिशन चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष तथा राष्ट्रीय संत परम पूज्य पंडित दीनदयाल शास्त्री बताते हैं कि जिन लोगों की जन्म कुंडली में कालसर्प दोष तथा मंगलीक दोष हो उन्हें यह नाग पंचमी के दिन इस महायज्ञ तथा महा पूजन में शामिल होकर इसका प्रभाव कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव को समर्पित इस पूजा में अधिकतर वही समान इस्तेमाल किया जाता है जो भगवान शिव की पूजा के दौरान होता है।
नाग पंचमी पर यह रहेगा शुभ संयोग
1-नाग पंचमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त
सुबह : 5.43 से 8.25 बजे
2-सावन माह की पंचमी प्रारंभ
दो अगस्त : सुबह 5.13 बजे
3-सावन मास की पंचमी संपन्न
तीन अगस्त : सुबह 5.41 बजे
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