50 वर्ग गज की छूट खत्म कर सबसे प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने की तैयारी
यदि आपका मकान 50 वर्ग गज या फिर इससे भी कम जगह में बना है तो टैक्स देने के लिए तैयार रहें। क्योंकि स्थानीय निकाय विभाग ने अब तक प्रॉपर्टी टैक्स में जिन विभिन्न श्रेणी के लोगों को विशेष छूट मिल रही थी उसका दायरा सीमित करने का प्रस्ताव तैयार किया है।
जासं, जालंधर : यदि आपका मकान 50 वर्ग गज या फिर इससे भी कम जगह में बना है तो टैक्स देने के लिए तैयार रहें। क्योंकि स्थानीय निकाय विभाग ने अब तक प्रॉपर्टी टैक्स में जिन विभिन्न श्रेणी के लोगों को विशेष छूट मिल रही थी उसका दायरा सीमित करने का प्रस्ताव तैयार किया है। प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने के लिए नगर निगम ने शहर को तीन ए, बी और सी तीन श्रेणियों में बांटा है। शहर की 70 प्रतिशत हिस्सा बी श्रेणी में ही आता है।
वीरवार को चंडीगढ़ में होने वाली बैठक में मेयर जगदीश राजा और कमिश्नर डॉक्टर बसंत गर्ग निगम द्वारा प्रस्तावित रेट और सुझाव सरकार को सौपेंगे। गौरतलब है कि प्रॉपर्टी टैक्स के अलावा अर्बन वाटर टैरिफ पॉलिसी में भी हर तरह के कनेक्शन से शुल्क वसूलने की तैयारी की जा रही है। इस पर भी वीरवार को चंडीगढ़ में होने वाली बैठक में चर्चा होनी तय है।
नगर निगम प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक इससे पहले 2016 में सरकार द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स के रेट रिवाइज किए गए थे। 2017 में ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया था। निगम के अधिकारियों ने बताया कि 2012-13 में सरकार द्वारा हाउस टैक्स समाप्त करने के बाद से लेकर 2016 तक लगातार हर साल रेट रिवाइज किए गए। हालांकि, रिवीजन बहुत सीमित रहा। गौरतलब है कि नगर निगम की ओर से शहर को ए, बी और सी तीन श्रेणियों में बांटा गया है। आधिकारिक रिकार्ड के मुताबिक 70 फीसदी से अधिक शहर का हिस्सा बी श्रेणी में आता है। खाली प्लाटों पर भी कसा ¨शकजा
निगम अफसरों के मुताबिक सरकार द्वारा 2012-13 में हाउस टैक्स समाप्त करने से पहले खाली प्लाटों से भी टैक्स वसूला जाता था। लेकिन बाद में इन्हें छूट दे दी गई। सूत्रों के मुताबिक नगर निगम की ओर से सरकार को दिए गए सुझावों में अब फिर से खाली प्लाटों से टैक्स वसूली की बात कही गई है। खाली प्लाट किस इलाके में है और उसके पास बनी बि¨ल्डग से कितना टैक्स वसूला जा रहा है, उसके हिसाब से खाली प्लाट के मालिक से 50 फीसदी टैक्स वसूला जाएगा। शिक्षण संस्थानों से वसूला जाएगा कॉमर्शियल टैक्स
नगर निगम के सूत्रों के मुताबिक सरकार को शिक्षण संस्थानों से कॉमर्शियल टैक्स वसूलने का सुझाव दिया गया है। हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि पीएमए-1911 की धारा 61-सी के अंतर्गत स्कूलों और कालेजों को इसमें 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। बहुमंजिला होटलों से हर मंजिल का बराबर टैक्स होगा वसूल
होटलों से कॉमर्शियल श्रेणी में प्रॉपर्टी टैक्स वसूल किया जाता है। हालांकि, बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर, प्रथम तल एवं अन्य ऊपरी तलों का अलग-अलग दर से टैक्स वूसल किया जाता है। लेकिन नगर निगम द्वारा सरकार को भेजे गए सुझावों में स्पष्ट किया गया है कि होटल में ग्रांउड फ्लोर, प्रथम तल, द्वितीय तल अथवा अन्य ऊपरी तलों के रेंट में कमी नहीं आती, बल्कि अधिकतर मामलों में बहुमंजिला होटलों में ऊपरी तलों पर महंगे कमरे अथवा सुईट मिलते हैं। इसके चलते सुझाव दिया गया है कि होटला से अब सभी तलों का एक समान कमर्शियल टैक्स वसूला जाए। टैक्स में छूट का दायरा सीमित करने का भी सुझाव
नगर निगम द्वारा सरकार को दिए गए सुझावों में स्वतंत्रता सेनानियों अथवा केंद्र एवं प्रदेश सरकार से पेंशन ले रहे लोगों, गरीबी रेखा के नीचे रह रहे लोगों जिनके पास उनकी यथास्थिति साबित करने के प्रमाण पत्र उपलब्ध हों, नेवी, थल सेना और एयरफोर्स में नौकरी करने वालों एवं सेवानिवृत्त लोगों को प्रापर्टी टैक्स से छूट है। सरकार को भेजे गए सुझावों में कहा गया है कि अब जिस प्रापर्टी में पात्र खुद रह रहे हों, उसी प्रापर्टी को टैक्स से छूट के दायरे में रखा जाएगा। पात्र के नाम पर अगर अन्य कोई संपत्ति है तो उस पर प्रापर्टी टैक्स वसूला जाना चाहिए। वहीं, विधवाओं, दिव्यांगों जिन्हें आयकर एक्ट 1961 की धारा 80 यू के तहत छूट का प्रावधान है, उनके मामले में भी पात्र की एक ही प्रापर्टी को टैक्स से छूट देने का सुझाव दिया गया है। निगम द्वारा दिए गए अन्य अहम सुझाव
अब तक
- 50 वर्ग गज या इससे कम के रिहायशी निर्माण और 125 वर्ग गज तक में ¨सगल स्टोरी मकान को प्रॉपर्टी टैक्स से छूट थी।
- अब
- 50 गज तक के रिहायशी मकान पर सालाना 50 रुपये और 125 गज तक के ¨सगल स्टोरी रिहायशी मकान पर सालाना 100 रुपये टैक्स का सुझाव है। अब तक
- रिहायाशी मकान में चल रहे पीजी आदि अथवा मकान किराए पर देने वालों से रिहायशी दरों के हिसाब से ही प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जा रहा था। अब
- रिहायशी इमारत में व्यावसायिक गतिविधियों को अंजाम देने पर अथवा किराए पर मकान देने पर सालाना रेंट का साढ़े तीन प्रतिशत प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जाएगा।
- गैर रिहायशी इमारतों को किराए पर देने पर सालाना किराये का साढ़े सात प्रतिशत प्रॉपर्टी टैक्स के तौर पर वसूला जाएगा। अब तक
- गोडाउनों को कमर्शियल बि¨ल्डगों की श्रेणी में नहीं लाया गया था।
अब
- गोडाउनों को कमर्शियल बि¨ल्डगों की श्रेणी में लाए जाने का प्रस्ताव है। अब तक
- मल्टीप्लेक्स, मॉल्स आदि से निगम अब तक 15 रुपये वर्ग फुट और 10 रुपये वर्ग फुट के हिसाब से टैक्स वसूल रहा है। जबकि म्यूनिसिपल काउंसिलों द्वारा अभी दस रुपये और आठ रुपये प्रति वर्ग फुट प्रापर्टी टैक्स वसूला जा रहा है। अब
-नगर निगम की ओर से अब मल्टीप्लेक्स, माल्स (रेस्तरां नहीं) से 20 रुपये और 15 रुपये प्रति फुट के हिसाब से प्रापर्टी टैक्स वसूल करने का सुझाव दिया गया है।
म्यूनिसिपल काउंसिलों के मामले में प्रापर्टी टैक्स को दस रुपये और आठ रुपये प्रति वर्ग फुट करने का सुझाव है। अब तक
- मैरिज पैलेसों से नगर निगम प्रशासन द्वारा छह रुपये प्रति वर्ग गज और चार रुपये प्रति वर्ग गज प्रॉपर्टी टैक्स वसूल रहा है। म्यूनिसिपल काउंसिलों द्वारा मैरिज पैलेसों से चार रुपये प्रति वर्ग गज और दो रुपये प्रति वर्ग गज के हिसाब से प्रॉपर्टी टैक्स वसूल किया जाता है। अब
- नगर निगम द्वारा सरकार को मैरिज पैलेसों से 15 रुपये और 12 रुपये प्रति वर्ग गज के हिसाब से प्रॉपर्टी टैक्स वसूल करने का सुझाव दिया गया है। म्यूनिसिपलों काउंसिलों के अधीन आने वाले इलाकों में प्रति वर्ग गज 10 रुपये और 12 रुपये वसूल करने का सुझाव दिया गया है।
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