जालंधर में रिश्वतखोरी के आरोप में पुलिस रिमांड पर विधायक रमन अरोड़ा, पुलिस ने क्यों लगाया समय खराब करने का आरोप?
जालंधर में भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार विधायक रमन अरोड़ा को अदालत ने तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। पुलिस का आरोप है कि विधायक ने खराब स्वास्थ्य का बहाना बनाकर रिमांड का समय बर्बाद किया। पहले से ही भ्रष्टाचार के मामले में जांच का सामना कर रहे अरोड़ा पर एक ठेकेदार से जबरन वसूली का आरोप है।

संवाद सहयोगी, जालंधर। जबरन वसूली के मामले में गिरफ्तार विधायक रमन अरोड़ा को थाना रामामंडी की पुलिस ने बुधवार को अदालत में पेश किया, जहां पुलिस की ओर से पेश हुए सरकारी वकील ने कहा विधायक ने खराब सेहत का बहाना पुलिस रिमांड का समय खराब किया और जानकारी नहीं मिली।
पुलिस को जांच के लिए पांच दिन का पुलिस रिमांड दिया जाए। अदालत ने फैसला सुरक्षित रखा, वहीं अदालत के बाहर बैठे आरोपित विधायक निराश नजर आए और चिंता की वजह से उनके माथे से लगातार पसीना छूट रहा था। विधायक रमन अरोड़ा ज्यादा किसी से बात नहीं कर रहे थे और वह बार बार चेहरे पर हाथ लगा रहे थे।
करीब 15 मिनट के बाद अदालत ने विधायक को तीन दिन के रिमांड पर भेज दिया। थाना रामामंडी की पुलिस ने विधायक को दोपहर 2.53 बजे सिविल अस्पताल में लेकर पहुंची, जहां पुलिस ने डाक्टरों की टीम से विधायक का मेडिकल करवाया, मेडिकल के बाद पुलिस विधायक को 3.01 बजे गाड़ी में बैठे कर अदालत की ओर निकल गई। 3.07 बजे कोर्ट परिसर पुलिस की गाड़ी विधायक को लेकर पहुंची।
पेशी के दौरान चार गाडियों में 31 पुलिसकर्मी विधायक की सिक्योरिटी में मौजूद रहे। 3.11 बजे ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट राम पाल की अदालत में पेश किया, जहां 3.41 बजे विधायक के वकील ओर सरकारी वकील में बहस हुई। 3.43 बजे अदालत ने फैसला सुरक्षित रख और पुलिस विधायक को लेकर अदालत के बाहर बैठ गई। विधायक के चारों ओर 31 पुलिसकर्मी तैनात रहे वकील अलावा किसी बात करने नहीं दी।
अदालत की ओर से 3.57 बजे दोबारा थाना प्रभारी मनजिंदर सिंह को अंदर बुलाया और 4.03 बजे तीन दिन का रिमांड दे दिया। रिमांड मिलने के बाद विधायक के चेहरे को नीचे कर जमीन पर देखते हुए पुलिस के साथ साथ चलते रहे और पुलिस की गाड़ी में बैठकर थाने की ओर चले गए।
बता दें कि विधायक रमन अरोड़ा के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में पहले से ही जांच चल रही थी। बुधवार को उन्हें अदालत से जमानत मिल गई थी, मगर राहत का यह दौर ज्यादा देर तक नहीं टिक पाया। अगले ही दिन यानी गुरुवार को पुलिस ने उन्हें एक नई एफआईआर में गिरफ्तार कर लिया।
शिकायत में कहां गया था कि विधायक हर महीने एक ठेकेदार से 30 हजार रुपये की वसूली करता था। यह रकम किस तरह से इकट्ठा की जाती थी और कहां रखी जाती थी, यह जानना पुलिस के लिए जांच का अहम हिस्सा है। इसी वजह से विधायक को पुलिस रिमांड पर भेजा गया है ताकि पूछताछ में इन सवालों के जवाब निकल सकें।
फिलहाल पुलिस तीन दिन के रिमांड में विधायक से पूछताछ कर रही है। जांच अधिकारी अन्य संबंधित लोगों से भी पूछताछ कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि वसूली की रकम कहां रखी गई और उसे कौन-कौन लेता था।
विधायक की ओर वकील ने कहा कि 7 तारीख विधायक सेहत ठीक न होने के कारण सिविल अस्पताल से उन्हें अमृतसर मेडिकल कालेज में रेफर कर दिया था, जहां डाक्टरों ने उनके टेस्ट के बाद मेडिकल रिपोर्ट फिट देकर रात को वापस भेज दिया था। पुलिस को पता था कि विधायक मेडिकल रिपोर्ट ठीक है।
विधायक उस दिन के अलावा भी दो पुलिस के पास रहे और पुलिस पूछताछ कर सकती थी। विधायक की ओर वकील ने कहा कि अगर विधायक मेडिकल रिपोर्ट फिट थे तो पुलिस कैसे अंदाजा लगा लिया कि वह ठीक नहीं है। यह बात को विधायक के परेशान करने के लिए किए जा रही है।
विधायक की ओर वकील ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में जब विधायक को विजिलेंस ने गिरफ्तार किया था तो उन्हें तीन प्रापर्टी के बारे में विधायक ने बताया था। प्रापर्टी के सारे दस्तावेज विजिलेंस को दिखाए गए थे और प्रापर्टी के अलावा बरामद हुए गहने भी सारे दस्तावेज दिए जा चुके है। विधायक को परेशान करने के लिए पुलिस जान बूझकर ऐसा कर रही है।
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