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    सरफेस वाटर प्रोजेक्ट : पिम्स-टैगोर अस्पताल रोड तीन हफ्ते में बनाने के निर्देश

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 24 Aug 2022 09:07 PM (IST)

    सरफेस वाटर प्रोजेक्ट में देरी पर निगम कमिश्नर व स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ दविदर सिंह ने ठेका कंपनी और सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों को चेतावनी दी है।

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    सरफेस वाटर प्रोजेक्ट : पिम्स-टैगोर अस्पताल रोड तीन हफ्ते में बनाने के निर्देश

    जागरण संवाददाता जालंधर : सरफेस वाटर प्रोजेक्ट में देरी पर निगम कमिश्नर व स्मार्ट सिटी कंपनी के सीईओ दविदर सिंह ने ठेका कंपनी और सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों को चेतावनी दी है। एलएंडटी कंपनी को कहा है कि वह काम में लापरवाही न करे और तय समय के मुताबिक सितंबर 2023 तक काम पूरा करे। सीईओ ने कंपनी को निर्देश दिया कि पिम्स और टैगोर अस्पताल के सामने की सड़कों को तीन हफ्ते में बनाया जाए। यह सड़कें करीब एक साल पहले पानी की पाइप बिछाने के लिए तोड़ी गई थी लेकिन आज तक नहीं बनाई गई। यहां पर ट्रैफिक प्रभावित रहता है और लोग इसे लेकर खासे परेशान हैं। सीईओ ने यह निर्देश भी दिया कि जहां-जहां काम लंबित है, उसे तुरंत शुरू किया जाए।

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    कंपनी ने नई पाइपलाइन बिछाने के लिए नौ किलोमीटर सड़कों की सूची भी निगम कमिश्नर को भेजी थी लेकिन निगम कमिश्नर ने इसकी मंजूरी देने से साफ इनकार कर दिया। कमिश्नर ने कहा है कि जब तक पुराना काम पूरा नहीं होता तब तक नई सड़क पर नई पाइपलाइन बिछाने के लिए सड़कें तोड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी। कंपनी को सिर्फ एक किलोमीटर सड़क पर पाइप डालने की मंजूरी दी जाएगी और यहां पर काम पूरा होने और सड़क बनाने के बाद ही अगले काम की मंजूरी दी जाएगी।

    स्मार्ट सिटी कंपनी में लंबी चली मीटिग में पंजाब सीवरेज बोर्ड के इंजीनियर इन चीफ दलजीत सिंह, नगर निगम के एसई रजनीश डोगरा, स्मार्ट सिटी कंपनी के एडवाइजर और एलएंडटी कंपनी के दिल्ली से आए वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मीटिग के बाद दविदर सिंह और दलजीत सिंह ने पूरी टीम के साथ टैगोर अस्पताल के पास मौके का मुआयना किया। सीईओ ने एलएंडटी कंपनी के अधिकारियों को मौका दिखाया और कहा कि यहां पर डेढ़ साल से सड़क तोड़ी गई है। लोग धूल फांक रहे हैं। ट्रैफिक यहां पर हमेशा अवरुद्ध रहता है और कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। निगम कमिश्नर ने एलएंडटी कंपनी के दिल्ली से आए अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जहां जहां काम चलेगा, वहां पूरी बेरिकेडिंग की जाए और ट्रैफिक व्यवस्था में रुकावट नहीं आनी चाहिए। कमिश्नर ने कहा कि कंपनी के काम के तरीके से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ी है। आगे से ऐसा नहीं होना चाहिए।

    ------- अंडरग्राउंड वाटर टैंक में रुकावटें दूर होंगी कमिश्नर

    एलएंडटी कंपनी के अधिकारियों ने शहर में बनाए जा रहे अंडरग्राउंड वाटर टैंक के निर्माण में आ रही रुकावटों पर निगम कमिश्नर को पत्र लिखा था। निगम कमिश्नर ने इन सभी रुकावटों को जल्द दूर करने का आश्वासन दिया है। ब‌र्ल्टन पार्क में अंडरग्राउंड वाटर टैंक के निर्माण के साथ पंपिग सेट की जमीन पर कूड़े के डंप से रुकावट थी। कमिश्नर ने कहा है कि तीन हफ्ते में डंप को किसी अन्य जगह शिफ्ट करेंगे और पंपसेट लगाने के लिए जगह खाली करवा दी जाएगी। फोकल प्वाइंट के बेअंत सिंह पार्क के साथ की जमीन पर बने प्रस्तावित अंडर ग्राउंड वाटर टैंक के लिए भी जमीन की पैमाइश इसी सप्ताह कर दी जाएगी। पैमाइश के दौरान नगर निगम, पंजाब सीवरेज बोर्ड और कंपनी के अधिकारी मौजूद रहेंगे। कमिश्नर ने कहा है कि सूर्या एनक्लेव में अंडरग्राउंड वाटर टैंक के लिए जो जमीन इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने देनी है उसका प्रस्ताव इंप्रूवमेंट ट्रस्ट से सरकार को भिजवाया जाएगा ताकि जल्द से जल्द जमीन ट्रांसफर हो सके। गांव जगरावां में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के काम में आ रहे रुकावट को लेकर निगम कमिश्नर का है कि इस संबंध में गांववालों के एतराज को दूर करने के लिए एसडीएम से तालमेल किया जाएगा। सीवरेज बोर्ड के अफसरों की भूमिका संदिग्ध

    स्मार्ट सिटी कंपनी के सभी प्रोजेक्ट की विजिलेंस जांच शुरू होने के बाद सरफेस वाटर प्रोजेक्ट भी जांच के घेरे में है। स्मार्ट सिटी कंपनी के एक हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्टों में से 50 प्रतिशत फंड सरफेस वाटर प्रोजेक्ट पर लगे हैं। करीब 500 करोड़ के प्रोजेक्ट पर केंद्र सरकार की नजर भी है। यह प्रोजेक्ट वातावरण और जल संरक्षण के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं तो साथ ही केंद्र सरकार ने इसके लिए बड़ा फंड जारी किया है। इस प्रोजेक्ट में पंजाब सीवरेज बोर्ड के अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध नजर आ रही है और सीवरेज बोर्ड के अधिकारी प्रोजेक्ट पर काम नहीं करवा पाए हैं। इस प्रोजेक्ट की नोडल एजेंसी सीवरेज बोर्ड ही है। कंपनी को 127 करोड़ रुपये सीवरेज बोर्ड ने जारी करवाए हैं लेकिन अभी तक काम में तेजी नजर नहीं आ रही है। तीन महीने से काम ठप है।