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    सुप्रीम कोर्ट के फरमान को ठेंगा! लतीफपुरा रोड पर कब्जे न हटे तो DC पर गिरी गाज; हाईकोर्ट भी सख्त

    Updated: Thu, 27 Nov 2025 09:13 AM (IST)

    जालंधर के लतीफपुरा रोड पर अवैध कब्जों को हटाने में देरी के कारण डिप्टी कमिश्नर के खिलाफ हाई कोर्ट में अवमानना का केस दायर किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी 120 फीट रोड पर कब्जा बरकरार है, जिससे यातायात प्रभावित है। हाई कोर्ट ने पहले भी अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे, लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। अब देखना है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।

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    लतीफपुरा रोड के कब्जे न हटाने पर डीसी के खिलाफ अवमानना का केस दायर (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, जालंधर। पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश पर माडल टाउन से सटे लतीफपुरा की मेन रोड पर हुए कब्जे न हटाने पर डिप्टी कमिश्नर के खिलाफ अदालत की अवमानना का केस दायर किया गया है। हाई कोर्ट में इसकी सुनवाई 15 दिसंबर को होगी।

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    सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इंप्रूवमेंट ट्रस्ट और जिला प्रशासन ने लतीफपुरा से कब्जे हटाए लिए थे, लेकिन इसके साथ लगती 120 फीट रोड पर लोगों ने कब्जा कर लिया और करीब 34 महीने बाद भी लोगों का कब्जा बरकरार है।

    याचिकाकर्ता सोहन सिंह और रबिंदर सिंह ने अपने वकीलों के जरिए हाई कोर्ट में डिप्टी कमिश्नर के खिलाफ केस दर्ज कराया है। लतीफपुरा में अतिक्रमण हटाने का मामला लंबे समय से चल रहा है।

    इस मामले को लेकर बुधवार को जस्टिस पंकज जैन की कोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें अतिक्रमण हटाने के आदेशों को लागू करने के निर्देश दिए गए। लतीफपुरा की 120 फीट रोड बंद रहने से ट्रैफिक सिस्टम बुरी तरह से प्रभावित है और लोगों को आसपास की कालोनियों से होकर जाना पड़ता है।

    हाई कोर्ट ने इस मामले में याचिका पर सुनवाई करते हुए जुलाई में प्रशासन को ये अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे। जिला प्रशासन ने हाई कोर्ट की आदेश की बावजूद सड़क से कब्जा नहीं हटाया है।

    इस मामले में याचिकाकर्ता के वकीलों एडवोकेट रणजीत सिंह बजाज और सिदकजीत सिंह बजाज ने अतिक्रमण हटाने के आदेश का पालन करने के लिए पहले लीगल नोटिस भेजा था, लेकिन जब तय समय में अतिक्रमण नहीं हटाए गए तो हाई कोर्ट में कोर्ट के आदेश के उल्लंघन का केस दायर किया गया है।

    चर्चा है कि जिला प्रशासन कोर्ट में दायर अवमानना याचिका की सुनवाई से पहले कब्जे हटाने के लिए कार्रवाई कर सकता है। जिला प्रशासन ने कब्जे को लेकर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के अधिकारियों के साथ मीटिंग भी की थी, लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं की गई।