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    बेसिक लाइफ सपोर्ट देने से बच सकता है संकट में फंसा जीवन, जालंधर के डाक्टर से जानें ट्रेनिंग टिप्स

    By Pankaj DwivediEdited By:
    Updated: Mon, 27 Jun 2022 06:03 AM (IST)

    Basic Life Support Training - आपातकालीन स्थिति में घायल की सहायता करने के लिए बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) का ज्ञान होना जरूरी है। ऐसा करने से संकट में फंसी जान बच सकती है। जालंधर के डा. मुकेश गुप्ता अब तक 50 हजार लोगों को इसका प्रशिक्षण दे चुके हैं।

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    बेसिक लाइफ सपोर्ट में घायल की नाड़ी देखकर जांचते हैं कि उसकी सांसें चल रही हैं या नहीं। सांकेतिक चित्र।

    जगदीश कुमार, जालंधर। अगर कोई हादसे में घायल हो जाए या चलते-चलते सड़क पर बेहोश होकर गिर जाए तो किसी भी व्यक्ति का प्रथम कर्तव्य उसकी जान बचाना होगा। इसके लिए बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) का ज्ञान होना जरूरी है। इंडियन रेडियोलाजिकल इमेजिंग एसोसिएशन (आइआरआइए) के प्रदेश प्रधान डा. मुकेश गुप्ता ने बीएलएस का पाठ पढ़ाने के लिए मुहिम शुरू कर रखी है। अब तक वह 73 कैंपों में 50 हजार के करीब लोगों को इसका प्रशिक्षण दे चुके हैं। 

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    क्या है बीएलएस?

    • बीएलएस बुनियादी चिकित्सा सहायता है, जो लोगों को अस्पताल पहुंचने से पहले या उन स्थितियों में दी जाती है, जहां चिकित्सा सुविधा तुरंत उपलब्ध नहीं होती है।
    • मौके पर घायल को सीधा लिटा दें। उसकी नब्ज देखें, गर्दन की नाड़ी, नाक पर हाथ लगा देखें कि उसकी सांसें चल रही हैं।
    • इसके बाद उसकी छाती खत्म होने व पेट शुरू होने वाली जगह पर अपने एक हाथ की हथेली पर दूसरे हाथ को रख कर उसे प्रेस करें। एक मिनट में 100 से 120 बार ऐसा करें। इसके बाद उसे अस्पताल पहुंचा दें।

    जालंधर के ऊधम सिंह नगर में बेसिक लाइफ सपोर्ट देने का प्रशिक्षण देते हुए डा. मुकेश गुप्ता।

    डा. मुकेश गुप्ता कहते हैं कि साल 2015 में आस्ट्रेलिया में उनकी साली की बेटी हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गई थी। उसे बीएलएस की सुविधा नहीं मिली और तीन साल कोमा में रहने के बाद फरवरी, 2018 में उसका निधन हो गया। उन्होंने उसी साल बीएलएस की ट्रेनिंग देकर लोगों को मौत से मुंह से बचाने के लिए मुहिम शुरू की।

    वर्ष 2021 में लुधियाना से आ रहे थे। फगवाड़ा में फ्लाईओवर पर एक 24 साल का युवक घायल मिला। उन्होंने तुरंत बीएलएस से सांसें चलाईं और ईएसआइ अस्पताल में पहुंचा कर उसे मौत के मुंह से बचाया।

    डा. गुप्ता 2018 में आइएमए जालंधर के प्रधान थे। उन्होंने पुलिस लाइन, थाने, पार्क, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, क्लबों व इंडस्ट्री में पहुंच कर लोगों को बीएलएस का पाठ पढ़ाया। अब देश के विभिन्न राज्यों के लोगों को ट्रेंड किया जाएगा। छह जुलाई को एसोसिएशन की नेशनल कान्फ्रेंस में भाग लेने वालों को बीएलएस की ट्रेनिंग दी जाएगी।

    साइकिलिस्टों को पठाया बीएलएस का पाठ

    जालंधर: सड़क हादसों में घायलों तथा अचानक दिल का दौरा पड़ने पर लोगों को प्राथमिक सहायता देने के लिए स्काई राइडर्स की ओर से आइआरआइए के सहयोग से शहीद ऊधम सिंह नगर में सेमिनार कम प्रशिक्षण कार्यक्रम करवाया गया। डा. मुकेश गुप्ता ने साइकिलिस्टों को बीएलएस के गुर सिखाए।

    उन्होंने कहा कि सड़क पर घायल पड़े व्यक्ति को कभी नजरअंदाज न करें। उसे तुरंत बीएलएस की सुविधा दें और एंबुलेंस बुला कर अस्पताल पहुंचाएं। आपका थोड़ा सा समय उसकी जिंदगी बचा सकता है। इस मौके पर डा. रीना मल्होत्रा, डा. विनय मल्होत्रा, विनित कुमार, अमनप्रीत कौर, राखी मित्तल, अमनजोत कौर, जसकरण सिंह, डा. सतबीर सह, गुलशन सिंह, सरवन कुमार, जुगनू चोपड़ा, डा. मीनल छाबड़ा, हरमीत सिंह, ज्योति व अन्य मौजूद थे।