जालंधर में दशहरा उत्सव का सबसे पुराना साक्षी है बर्ल्टन पार्क Jalandhar News
जालंधर में इस समय 20 जगह पर व्यापक स्तर पर दशहरा मनाया जाता है। इसके अलावा कॉलोनी व मोहल्लों में भी करीब 130 स्थानों पर दशहरा सेलिब्रेट करने की परंपरा है।
जालंधर, [शाम सहगल]। महाराजा रणजीत सिंह के समय से लेकर अंग्रेजों के जमाने तक, शहरवासियों में दशहरा मनाने का क्रेज कभी कम नहीं हुआ। शहर के बर्ल्टन पार्क में 125 साल से भी ज्यादा समय से इस पर्व को धूमधाम से मनाया जा रहा है। रावण दहन के लिए निकलने वाली शोभायात्रा नौहरियां मंदिर से शुरू होती थीं। यह सिलसिला आज भी जारी है। जालंधर में एक अनोखी परंपरा रावण के दहन के बाद जले हुए पुतले पर गधे का पुतला रख कर लोगों को बदी पर नेकी की जीत का संदेश देने की भी रही है। आइए जानते हैं जालंधर के दशहरे के इतिहास की ऐसी ही कुछ रोचक बातें।
बर्ल्टन पार्क दशहरा उत्सव के दौरान नौहरियां मंदिर से शोभायात्रा निकाली जाती थी।
बताया जाता है कि करीब 125 वर्ष पूर्व शहर में दो व इसके कुछ वर्ष बाद केवल चार जगह पर दशहरा मनाया जाता था। इन स्थानों बर्ल्टन पार्क, श्री देवी तालाब मंदिर, बस्ती शेख दशहरा ग्राउंड और कैंट शामिल हैं। शहर में सबसे पुराने बर्ल्टन पार्क दशहरा को लेकर प्राचीन नौहरियां मंदिर, गुड़ मंडी से शोभायात्रा निकाली जाती थी। यह परंपरा आज भी बरकरार है। विकसित होते शहर और तेजी से बढ़़ी जनसंख्या के बीच इस समय 20 जगह पर व्यापक स्तर पर दशहरा मनाया जाता है। इसके अलावा कॉलोनी व मोहल्ला स्तर पर भी 130 के करीब जगह पर दशहरा सेलिब्रेट करने की परंपरा है।
रावण के पुतले पर गधे का पुतला रखकर देते थे नेकी कर संदेश
पुरानी सब्जी मंडी में करियाना का कारोबारी और वरिष्ठ नागरिक गोपी चंद गुलाटी बताते हैं कि शहर में चार जगह पर होने वाले दशहरा उत्सव के दौरान पुतलों को जलाने के बाद समाज को नेकी का संदेश दिया जाता था। जिसमें नारी का सम्मान, अहंकार का त्याग तथा नेकी के मार्ग पर चलने को प्रेरित किया जाता था। उस समय पुतलों के ऊपर गधे का पुतला जलाकर बताया जाता था कि सबसे बड़ा विद्धान होने के बाद भी रावण ने सीता का हरण करके अपने गलत होने का प्रमाण दिया था।
फिल्म कलाकार अदा करते थे भूमिका
100 वर्ष पूर्व शहर में होने वाले दशहरे से पहले रामलीला एक माह पूर्व से मनाई जाती थी। इसमें फिल्मी आर्टिस्ट्स भूमिका अदा करते थे। इनमें उस समय के डॉक्यूमेंट्री मूवी आर्टिस्ट हेमराज शर्मा, शाम लाल, मूलराज शर्मा, पृथ्वीराज कपूर, जसवंत सिंह चौहान, बेदी राम, टेक चंद से लेकर विधायक गुरदयाल सैनी शामिल थे।
आजादी पूर्व यहां होता था दशहरा
विभाजन से पूर्व जब सांझा पंजाब था तब शहर में सिद्ध शक्तिपीठ श्री देवी तलाब मंदिर, बर्ल्टन पार्क, कैंट और बस्ती शेख दशहरा ग्राउंड में दशहरा मनाया जाता था। सीमित स्थान में बसे शहर के लोग यहां पर परिवार सहित शामिल होते थे।
जालंधर के प्रमुख दशहरा आयोजन
- महानगर दशहरा कमेटी की तरफ से गर्वेमेंट ट्रेनिंग कालेज की ग्राउंड
- श्री रामलीला कमेटी मंदिर, नौहरियां की तरफ से बर्ल्टन पार्क
- श्री राम उत्सव कमेटी द्वारा पुड्डा मार्केट, लाडोवाली रोड
- श्री महाकाली मंदिर, दशहरा कमेटी की तरफ से साईं दास स्कूल की ग्राउंड
- श्री देवी तालाब मंदिर प्रबंधक कमेटी की तरफ से ब्रम्हकुंड आश्रम, किशनपुरा रोड
- श्री राम वेलफेयर सोसायटी व दशहरा कमेटी की तरफ से बाग कर्म बख्श ढन्न मोहल्ला
- मां भारती सेवा संघ द्वारा श्री राम मंदिर के पास गुरु गोबिंद सिंह एवेन्यू
- श्री गीता मंदिर, जालंधर कुंज, कपूरथला रोड
- नव दुर्गा रामलीला समिति द्वारा बेअंत सिंह पार्क फोकल प्वाइंट
- आदर्श नगर दशहरा वेलफेयर कमेटी की तरफ आदर्श नगर पार्क
- बस्ती शेख दशहरा ग्राउंड
- बाबा जीवन सिंह चौक, गढ़ा
- कीर्ति नगर पार्क, लाडोवाली रोड
- नीविया ग्राउंड, इंडस्ट्रीयल एरिया
- दशहरा ग्राउंड, माडल हाउस
- सेवा समिति दशहरा कमेटी की तरफ से नेता जी पार्क, मास्टर तारा सिंह नगर
- उपकार दशहरा कमेटी की तरफ से चौपाटी पार्क, आदर्श नगर
- श्री दुर्गा ड्रमैटिक क्लब रामलीला कमेटी शिवबाड़ी मंदिर, मोहल्ला मखदुमपुरा
- मां अन्नपूर्णा दशहरा कमेटी की तरफ से कोट किशन चंद स्थित अन्नपूर्णा मंदिर
- दशहरा ग्राउंड, बस्ती शेख
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