जालंधर में गजब कन्फ्यूजन, ढिलवां चौक पर एक साथ 16 ट्रैफिक लाइटें, ग्रीन, रेड और येलो सिग्नल एकसाथ
रामा मंडी चौक से होशियारपुर की तरफ जाते मार्ग पर स्थित ढिलवां चौक पर एक ही तरफ 16 ट्रैफिक लाइट लगी हुई हैं। सब अपने हिसाब से आन-आफ होती हैं। चौक पर एक साथ ग्रीन रेड और येलो सिग्नल के कारण दुर्घटना के आशंका बनी रहती है।
मनुपाल शर्मा, जालंधर। एक तरफ बात सड़क सुरक्षा की हो रही है तो दूसरी तरफ सड़क पर प्रशासनिक लापरवाही वाहन चालकों के लिए भारी परेशानी का सबब बन रहा है। सड़क सुरक्षा का अहम हिस्सा ट्रैफिक लाइटें ही स्थानीय प्रशासन की तरफ से बेतरतीब तरीके से लगाई जा रही हैं और उनका संचालन भी लापरवाही की भेंट चढ़ा हुआ है।
जालंधर के रामा मंडी चौक से होशियारपुर मार्ग पर ढिलवां चौक पर एक ही तरफ 16 ट्रैफिक लाइट लगी हुई हैं।हैरानी इस बात की है कि सब अपने हिसाब से आन-आफ होती हैं। एक साथ ग्रीन, रेड और येलो लाइट देखने को मिलती है। पहली लापरवाही तो यह है कि एक ही दिशा में ट्रैफिक लाइटों के कई सेट लगाने का कोई औचित्य ही नहीं है। यह मात्र सरकारी पैसे की बर्बादी है। दूसरा यह कि सभी लाइटें अलग-अलग जानकारी दे रही हैं।
ग्रीन, रेड और येलो लाइट एक साथ आन
सबसे ऊपर लगी लाइट हरा सिग्नल दे रही है तो मध्य में लगी लाल नजर आ रही है। इन सबसे आगे लगी पीली लाइट ब्लिंकर है, जो बार-बार बुझते हुए सरकारी तंत्र कि असलियत बयां कर रही है। मानो कह रही हो कि सड़क पर धीरे ही चलो कभी भी कुछ भी संभव है।
ट्रैफिक लाइट का कन्फ्यूजन यानी दुर्घटना को दावत
हैरानी इस बात की है कि इस सड़क पर राजस्थान से लेकर हिमाचल तक की तरफ जाने वाला ट्रैफिक गुजरता है। संकरे फोरलेन के ऊपर एलपीजी बुलेट ट्रक, कई राज्यों की बसें, थ्री व्हीलर, टू व्हीलर, रेहड़ी चालकों का भारी रश रहता है। इसी चौक के बगल में अस्पताल है, जहां इमरजेंसी में मरीजों को एंबुलेंस लेकर आती हैं। इसी रोड पर कुछ प्रमुख स्कूल हैं, जहां से स्कूली बच्चों को लेकर बसें आवागमन करती रहती हैं। ट्रेफिक लाइट पर ऐसा कन्फ्यूजन किसी भी समय कोई बड़ा दर्दनाक हादसा करवा सकता है।
जब से ट्रैफिक लाइट लगी, जाम लगना शुरू हो गया
समाज सेवक एवं पेट्रोल पंप डीलर एसोसिएशन पंजाब के प्रवक्ता मौंटी गुरमीत सहगल ने कहा कि पहले तो इस चौक पर ट्रैफिक लाइट लगाने की जरूरत ही नहीं थी। यहां पर ब्लिंकर लगाकर ट्रैफिक कर्मचारी तैनात किए जाने चाहिए थे। ट्रैफिक लाइट की वजह से ही ट्रैफिक जाम होना शुरू हो गया है, क्योंकि कोई ट्रैफिक लाइट का पालन ही नहीं कर रहा है।
जिम्मेदार अधिकारियों पर हो कार्रवाई
उन्होंने कहा कि ट्रैफिक लाइटों के कई सेट लगाकर सरकारी खजाने का दुरुपयोग किया जा रहा है, जिसकी जांच होनी चाहिए। ट्रैफिक लाइटों पर सही सिग्नल न आने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए।
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