जालंधर के शेखां बाजार में सुविधाएं जीरो, टैक्स वसूलने में सरकार 'हीरो'; व्यापारियों में रोष
जालंधर के शेखां बाजार के व्यापारी प्रापर्टी जीएसटी आयकर से लेकर तमाम तरह के टैक्स अदा कर रहे हैं। इसके बावजूद अब सरकार डेवलपमेंट टैक्स लेगी। वह भी जुर्माना सहित अदा करने को कहा गया है। इसे लेकर व्यापारियों में भारी रोष है।
जालंधर, जेएनएन। जिले के सबसे पुराने बाजारों में एक शेखां बाजार के व्यापारी प्रापर्टी, जीएसटी, आयकर से लेकर तमाम तरह के टैक्स अदा कर रहे हैं। इसके बावजूद अब सरकार डेवलपमेंट टैक्स लेगी। वह भी जुर्माना सहित अदा करने को कहा गया है। इसे लेकर व्यापारियों में भारी रोष है। उनका मानना है कि सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए। सरकार के इस फरमान से व्यापारी आहत हैं। भारी मंदी के बीच इस तरह के फरमान के बाद उनकी परेशानी बढ़ गई है, जबकि उन्हें किसी तरह की सुविधा नहीं मिल रही है। व्यापारियों ने अपने विचार 'दैनिक जागरण' टीम के सामने व्यक्त किए।
शहर के बाजारों में चार दशक बाद भी सीवरेज निकासी की व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया है। जब भी बारिश होती है तो जिले का सबसे पुराना शेखां बाजार शहर से कट जाता है। मानसून के दिनों में तो कई बार दुकानदार दुकानें भी नहीं खोल पाते। इस दौरान उन्होंने दोहरा नुकसान झेलना पड़ता है।
- इंद्रजीत सिंह।
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व्यापारी हर तरह के टैक्स ईमानदारी के साथ सरकार को अदा करते हैं। बावजूद इसके सुविधाओं के नाम पर उन्हें कुछ भी नहीं दिया गया है। बाजार में पिछले लंबे अर्से से अतिक्रमण से ही निजात नहीं दिलाई जा सकी है। इससे भीड़ के बीच कारोबार बुरी तरह के प्रभावित हो रहा है। यही कारण है कि व्यापारी वर्ग इन दिनों निराशा में हैं।
- बूटा सिंह सचदेवा।
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बाजार में लटक रही बिजली की तारें खतरे का सबब बनी हुई हैं। इन तारों से अक्सर चिंगारियां निकलती हैं। जोड़ उखड़ चुके हैं और मामूली बारिश में ही तारें आपस में टकराकर चिंगारियां छोड़ती हैं। इससे आगजनी जैसी घटना की आशंका बनी रहती है।
- हरप्रीत सिंह।
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शुरुआत में बाजार में बड़ी गाडिय़ां आसानी से गुजरती थी। दूर-दराज से आने वाले ग्राहक सीधे दुकान के आगे गाड़ी लगाते थे और बिना किसी विघ्न के खरीदारी करके लौटते थे। समय के साथ बाजार में ट्रैफिक की समस्या विकराल बन गई है। इस कारण बाजार के ग्राहक अब जीटी रोड के माल्स पर शिफ्ट हो रहे हैं।
- वरिंदर सिंह चौहान।
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कोरोना महामारी का असर बहुत पड़ा है। बढ़ती भीड़ के चलते ग्राहक बाजारों में आने से कतरा रहे हैं। व्यापारियों द्वारा दुकानों पर खुद मास्क पहनने के साथ ही ग्राहकों को भी जागरूक किया जाता है, लेकिन निगम द्वारा बाजार में न तो सैनिटाइज स्प्रे किया जा रहा है और न ही उनके स्तर पर कोई अन्य सुविधा दी जा रही है।
- राकेश कुमार।
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बाजार की सुंदरता को अतिक्रमण का दाग लग गया है। इस कारण बाजारों का ग्राहक समय के साथ कम हो रहा है। अभी तक इस दिशा में की गई कार्रवाई महज औपचारिकता साबित हुई है। इस पर निगम को गंभीरता दिखानी चाहिए। इसमें व्यापारी वर्ग प्रशासन के सहयोग को तैयार है।
- मुनीष कुमार।
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शेखां बाजार किसी समय पूरे दोआबे में विख्यात हुआ करता है। शादी-विवाह की बात हो या फिर दिन त्योहार की, पूरे दोआबे से लोग यहां खरीदारी के लिए आते थे, लेकिन समस्याओं के घिरा यह बाजार अब जिले में भी अपनी पहचान खोता जा रहा है।
- सौरव गाबा।
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केवल शेखां बाजार ही नहीं जिले भर में सेवाएं दे रहे सीनियर व्यापारियों को सरकार द्वारा छूट दी जानी चाहिए। वरिष्ठ नागरिकों को संवैधानिक रूप से हर क्षेत्र में सरकार द्वारा छूट दी जाती है। इसी तर्ज पर बुजुर्ग व्यापारियों को सरकार द्वारा विभिन्न मदों में छूट का प्रावधान निर्धारित करना चाहिए।
- कृष्ण लाल।
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बाजार के व्यापारी विभिन्न प्रकार के टैक्स देकर सूबे व देश के विकास में योगदान दे रहे हैं। इसके बाद उन्हें अब डेवलपमेंट टैक्स को लेकर नोटिस भेजे जा रहे है। मंदी के दौर से गुजर रहे व्यापारियों को डेवलपमेंट टैक्स से छूट दी जानी चाहिए।
- जीवन ज्योति।