Kashmir Terror Funding: श्रीनगर के स्मगलर फैयाज को जालंधर लाएगी पुलिस, हेरोइन तस्करी के बड़े नेटवर्क का खुलासा संभव
जिस जेन कार में जालंधर में हेरोइन की सप्लाई होती है वह श्रीनगर के रहने वाले फैयाज अहमद निदाफ की थी। जालंधर पुलिस की सूचना पर श्रीनगर पुलिस ने उसे तीन किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार कर लिया था। अब उसे प्रोडक्शन वारंट पर जालंधर लाने की तैयारी है।
जालंधर, जेएनएन। चार किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार लोहियां के जसविंदर सिंह उर्फ जस्सा और रमेश कुमार उर्फ केसा के मामले में प्रोडक्शन वारंट पर लाए गए गैंगस्टर भिंदा और टोपी के बाद पुलिस ने महितपुर के बलजीत सिंह को गिरफ्तार किया है। उसके पास से दो लाख रुपये की ड्रग मनी बरामद हुई है। उसके खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया गया था तो सामने आया था कि जिस जेन कार में हेरोइन सप्लाई होती है वह श्रीनगर के रहने वाले फैयाज अहमद निदाफ की थी। जालंधर पुलिस की सूचना पर श्रीनगर पुलिस ने उसे तीन किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार कर लिया था। उसी की जेन कार में जालंधर में श्रीनगर से हेरोइन लाई जाती थी। अब जालंधर पुलिस फैयाज को जालंधर लाने की तैयारी कर रही है। वहां पर पुलिस ने उसे रिमांड पर लिया हुआ है।
उसका रिमांड खत्म होने पर जालंधर पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर लाएगी और अपने केस में गिरफ्तार करेगी। उससे इस धंधे में जुड़े और लोगों के बारे में पूछताछ की जाएगी जिससे जालंधऱ के कई और तस्करों के नाम सामने आ सकते हैं।
गैंगस्टरों और दुबई के तस्कर के साथ संंबध
बीते शनिवार को लोहिया पुलिस ने जस्सा और केसा को चार किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया था कि उनके पंजाब की जेलों में बंद कुछ गैंगस्टरों और दुबई के एक तस्कर के साथ संबंध हैं। एसएसपी डा. संदीप गर्ग ने बताया था कि कश्मीर से पंजाब में तस्करी किए गए नशे की बिक्री के पैसे का प्रयोग आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग के लिए किया जा रहा था। ड्रग माफिया के तार दुबई के एक व्यक्ति के साथ जुड़े हैं।
श्रीनगर से पंजाब में की जाती थी नशा तस्करी
एएसपी गर्ग ने बताया था गुरसेवक सिंह निवासी पटियाला अभी फराह है और उसकी तलाश में छापे मारे जा रहे हैं। आरोपितों से पूछताछ से पता चला है कि उनकी योजना पलविंदर सिंह के माध्यम से जम्मू-कश्मीर की गाड़ी में श्रीनगर से पंजाब में नशा तस्करी करने की थी। पुलिस के अनुसार सरहद पार से भारत में नशों की तस्करी इसी में की जाती थी। फिर इसे मार्केट में बेचे जाते थे। इसका पैसा गैंगस्टरों और आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग के लिए जाता था। आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया था। फिरोजपुर जेल में बैठे गैंगस्टर भिंदा और संगरूर जेल में बैठे रणदीप सिंह टोपी को प्रोडक्शन वारंट पर लाकर इस मामले में गिरफ्तार किया गया था।