जालंधर के स्पा सेंटर में जिस्मफरोशी का धंधा, हर राज पर पर्दा डाल रही पुलिस; कई सफेदपोश नेता कठघरे में
जालंधर के कई स्पा सेंटरों व मसाज पार्लरों की आड़ में खुलेआम हो रहे जिस्मफरोशी के धंधे को लेकर पुलिस तीन सप्ताह से कठघरे में खड़ी है। बीते दिनों 10 हजार रुपये के लिए एक स्पा सेंटर में हुई घिनौनी हरकत के बाद पुलिस की भी पोल खुल गई है

जालंधर [मनोज त्रिपाठी]। शहर के कई स्पा सेंटरों व मसाज पार्लरों की आड़ में खुलेआम हो रहे जिस्मफरोशी के धंधे को लेकर पुलिस तीन सप्ताह से ज्यादा समय से कठघरे में खड़ी है। बीते दिनों 10 हजार रुपये के लिए एक स्पा सेंटर में हुई घिनौनी हरकत के बाद पुलिस की भी पोल खुल गई है और कई सफेदपोश नेताओं सहित खबरनवीस भी कठघरे में हैं। पहले कुछ लोगों ने मिलकर एक पार्षद को कठघरे में खड़ा किया, फिर धीरे-धीरे वह खुद ही फंसते चले गए। कुल मिलाकर धंधे के मास्टरमाइंड की डायरी से लेकर मोबाइल की काल डिटेल्स से खुलने वाले तमाम राजों पर पुलिस कैसे पर्दा डालने में लगी है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि तीन सप्ताह से ज्यादा समय बीतने के बाद भी तमाम आरोपितों तक पुलिस नहीं पहुंच सकी है। लोग सफेदपोशों के नाम के साथ ही यह भी जानना चाहते हैं कि पुलिस उन्हें क्यों बचा रही है?
चुनाव से पहले बिजली के झटके
पिछले विधानसभा चुनाव के बाद उद्योग जगत को सस्ती दरों पर बिजली सप्लाई करने का वादा करने वाली कांग्रेस सरकार के खिलाफ अचानक से उद्योगपतियों ने आग उगलनी शुरू कर दी है। भीषण गर्मी में बिजली के रेट बढ़ाने की उद्योगपतियों की ओर से घोर निंदा की जा रही है, लेकिन बयानों में। कुछ साल पहले यही उद्योगपति सरकार की बिजली की नीतियों को लेकर वाहवाही करते नहीं थकते थे। फिर पालिसी को लागू करवाने की कवायद शुरू हुई तो उद्योगपतियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। अब विधानसभा चुनाव नजदीक है तो सरकार ने फिर से बिजली का झटका उद्योग जगत को दे दिया है। इतना कुछ होने के बाद भी सरकार के इस फैसले के विरोध की कमान किसके हाथों में होगी और कौन करेगा इसकी पैरवी जैसे सवालों के जवाब उद्योगपतियों के पास नहीं हैं, लेकिन मंथन जारी है। आने वाले समय में इसका जवाब जरूर मिल जाएगा।
कैंट से अमरी ने ठोकी ताल
जालंधर वेस्ट हलके से कांग्रेस के विधायक सुशील रिंकू स्टेट लेवल के बाक्सिंग के खिलाड़ी भी रह चुके हैं। सियासत में न आना चाहते हुए भी पिता की मौत के बाद उन्हें सत्ता बचाने के लिए सियासत में आना पड़ा। चार सालों तक लगातार सियासी पिच पर बैटिंग करने के बाद विधायक जी ने अपनी अलग इमेज बना ली है। पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की गलत नीतियों का विरोध करके मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की गुड बुक में शामिल हुए रिंकू अब कांग्रेस में होने वाले बदलाव के इंतजार में हैं। अब उनकी नजरें कैबिनेट में खाली होने वाली दलित कोटे के मंत्री की सीट पर पड़ी हुई है। दोआबा में कांग्रेस के दलित चेहरे के रूप में अलग पहचान बनाने के बाद युवा होने के नाते रिंकू इस बार मौका आने के बाद सही पंच मार पाते हैं या नहीं, इसी पर सबकी निगाहें जमी हुई हैं।
चर्चा में विधायक जी का पंच
जालंधर वेस्ट हलके से कांग्रेस के विधायक सुशील रिंकू स्टेट लेवल के बाक्सिंग के खिलाड़ी भी रह चुके हैं। सियासत में न आना चाहते हुए भी पिता की मौत के बाद उन्हें सत्ता बचाने के लिए सियासत में आना पड़ा। चार सालों तक लगातार सियासी पिच पर बैटिंग करने के बाद विधायक जी ने अपनी अलग इमेज बना ली है। पूर्व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की गलत नीतियों का विरोध करके मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की गुड बुक में शामिल हुए रिंकू अब कांग्रेस में होने वाले बदलाव के इंतजार में हैं। अब उनकी नजरें कैबिनेट में खाली होने वाली दलित कोटे के मंत्री की सीट पर पड़ी हुई है। दोआबा में कांग्रेस के दलित चेहरे के रूप में अलग पहचान बनाने के बाद युवा होने के नाते रिंकू इस बार मौका आने के बाद सही पंच मार पाते हैं या नहीं, इसी पर सबकी निगाहें जमी हुई हैं।
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