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    Jalandhar News: CIA स्टाफ में कटी विधायक रमन अरोड़ा की रात, मैस की खिलाई रोटी

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 10:06 PM (IST)

    जालंधर से सेंट्रल हलके के विधायक रमन अरोड़ा भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद जबरन वसूली के एक नए मामले में गिरफ्तार किए गए हैं। रामामंडी पुलिस ने उन्हें तीन दिन के रिमांड पर लिया है। विधायक पर एक ठेकेदार से हर महीने 30 हजार रुपये की वसूली करने का आरोप है और पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। विधायक ने पूछताछ में सहयोग नहीं किया है।

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    सीआईए स्टाफ में कटी विधायक रमन अरोड़ा की रात। फाइल फोटो

    सुक्रांत, जालंधर।  सेंट्रल हलके के विधायक रमन अरोड़ा पर भ्रष्टाचार और वसूली के आरोप लगने के बाद उन पर पुलिस का शिकंजा लगातार कस रहा है। थाना रामामंडी की पुलिस ने उन्हें जबरन वसूली के नए मामले में वीरवार को गिरफ्तार कर तीन दिन के रिमांड पर लिया है।

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    विधायक की पहली रात थाना रामामंडी में नहीं बल्कि सीआइए स्टाफ में कटी, जहां किसी बाहरी व्यक्ति को उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई। उन्हें मैस की रोटी खिलाई गई।  गिरफ्तारी के बाद विधायक को वीरवार रात तक थाना रामामंडी में रखा गया।

    पुलिस अधिकारियों को आशंका थी कि थाने में विधायक की ‘खातिरदारी’ हो सकती है। यहां मिलने वाले लोग ज्यादा पहुंच सकते हैं। इसी वजह से रात करीब नौ बजे उन्हें सीआइए स्टाफ में शिफ्ट कर दिया गया। वहां रात भर विधायक को पुलिस निगरानी में रखा गया।

    यहां विधायक से किसी को भी मिलने नहीं दिया गया। पहले तो कुछ लोग थाना रामामंडी पहुंचे, जहां उन्हें जानकारी मिली कि अरोड़ा को वहां से सीआइए स्टाफ में भेज दिया गया है तो वे वहां भी पहुंचे। सीआइए स्टाफ का गेट बंद था और पुलिस ने किसी को अंदर नहीं जाने दिया।

    बाहर खड़े स्वजन, समर्थकों व कुछ नेताओं ने काफी देर तक गेट खुलवाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। पुलिस के सवालों पर विधायक का एक ही जवाब, ऐसा कोई काम नहीं किया पुलिस ने सीआइए स्टाफ में विधायक रमन आरोड़ा से जबरन वसूली के संबंध में कई सवाल पूछे।

    जांच अधिकारियों के अनुसार अब तक सामने आया है कि अरोड़ा ने अलग-अलग लोगों से रकम इकट्ठा करवाई और उसे किसी जगह पर रखवाया। कुछ लोग नियमित रूप से वह रकम लेने जाते थे। जब पुलिस ने इस बारे में जानकारी मांगी तो विधायक ने सहयोग करने से इन्कार कर दिया। हर सवाल का जवाब उन्होंने यही दिया कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया है।

    इसी रवैये को आधार बनाकर पुलिस ने अदालत में कहा था कि आरोपित सहयोग नहीं कर रहा। ऐसे में गहन पूछताछ के लिए दस दिन का रिमांड जरूरी है, लेकिन अदालत ने तीन दिन का रिमांड दिया।

    यह है मामला

    विधायक रमन अरोड़ा के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में पहले से ही जांच चल रही थी। बुधवार को उन्हें अदालत से जमानत मिल गई थी, मगर राहत का यह दौर ज्यादा देर तक नहीं टिक पाया। वीरवार को पुलिस ने उन्हें एक नई एफआइआर में गिरफ्तार कर लिया।

    शिकायत में कहां गया था कि विधायक हर महीने एक ठेकेदार से 30 हजार रुपये की वसूली करते थे। यह रकम किस तरह से इकट्ठा की जाती थी और कहां रखी जाती थी, यह जानना पुलिस के लिए जांच का अहम हिस्सा है। इसी वजह से विधायक को पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।

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