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    नार्वे के आइस हाउस में रहने का सपना है शटलर व फुटबालर तारी का, जानें विधायक हैनरी जूनियर से जुड़ी दिलचस्प बातें

    By Vikas_KumarEdited By:
    Updated: Mon, 26 Apr 2021 02:31 PM (IST)

    जालंधर के नार्थ हलके के विधायक अवतार हैनरी जूनियर उर्फ बावा हैनरी उर्फ तारी एक अच्छे शटलर फुटबालर व स्विमर भी हैं । करीबी दोस्तों व परिवार में प्यार से इन्हें सभी तारी के नाम से बुलाते हैं।

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    विधायक अवतार हैनरी जूनियर उर्फ बावा हैनरी उर्फ तारी एक अच्छे शटलर, फुटबालर व स्विमर भी हैं।

    जालंधर, [मनोज त्रिपाठी]। ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय के साथ-साथ जालंधर के नार्थ हलके के विधायक अवतार हैनरी जूनियर उर्फ बावा हैनरी उर्फ तारी एक अच्छे शटलर, फुटबालर व स्विमर भी हैं। करीबी दोस्तों व परिवार में प्यार से इन्हें सभी तारी के नाम से बुलाते हैं। विभिन्न गुणों के धनी बावा 42 साल की उम्र में रोजाना खेलने व इतिहास की  किताबें पढऩे का समय निकाल ही लेते हैं। यह आदत बचपन से भी इनके अंदर विकसित हो गई जो अभी तक बनी हुई है। इनका सपना नार्वे के आइस हाउस में रहने का है।

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    पटियाला में अपने नानके परिवार में जन्मे बावा की शुरुआती शिक्षा जालंधर के एपीजे स्कूल से हुई। उसके बाद हिमाचल प्रदेश के आर्मी स्कूल और फिर जालंधर के डीएवी कालेज से पढ़ाई करने के बाद उन्होंने इंग्लैंड से फाइनांस में डिग्री की पढ़ाई पूरी की। पारिवारिक व्यवसाय ट्रांसपोर्ट का था। पिता अवतार हैनरी कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं और कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। ट्रांसपोर्ट व सियासत उन्हेंं विरासत में मिली है। इसी विरासत को वह बखूबी आगे बढ़ाने में लगे हैं। बहुत कम लोगों को यह पता है कि अमेरिका, इंग्लैंड व स्विट्जरलैंड सहित दुनिया के तमाम देश सड़क के रास्ते घूमने का शौक रखने वाले बावा का सपना है कि एक दिन वह नार्वे में बनने वाले आइस हाउस में जरूर रहें।

     

    कोठी में  विकसित किया किचन गार्डेन

    पारिवारिक जमीन पर होने वाली खेती ने अब बावा के अंदर भी एक किसान को पैदा कर दिया है। वह परमाकल्चर से बेहद आकर्षित हैं और इसे बढ़ावा देने के लिए पहले इसका प्रशिक्षण ले रहे हैं। इसके लिए खुद अपनी कोठी में  किचन गार्डेन विकसित किया है। मौके पर सूखे पत्तों से खाद बनाने से लेकर बोतलों में सब्जियां उगा रहे हैं। बैंगन, टमाटर, कद्दू व मिर्च के रोजाना बढ़ते पौधे इनका उत्साह भी बढ़ाते हैं और इन्हें देखकर बाकी की सब्जियों को भी इन्होंने किचन गार्डेन में उगाना शुरू कर दिया है।

     

    स्कूल से ही खेलों के प्रति बावा का रुझान रहा है। यही वजह है कि फुटबाल, स्वीमिंग, स्क्वैश, टेबल टेनिस व बैडमिंटन जैसे खेलों का साथ इन्होंने आज तक नहीं छोड़ा है। सुबह जिम, खेल, नाश्ता और फिर हलके के लोगों से मुलाकात के बाद दोपहर का खाना, थोड़ा आराम और फिर काम के बीच में दिन या रात को जब भी मौका मिलता है बावा इतिहास की किताबें पढऩा नहीं भूलते हैं। पंजाब के अमीर इतिहास की तमाम जानकारियां इनकी जुबां पर रहती हैं। किताबों के माध्यम से दुनिया के तमाम देशों व उनके इतिहास से रूबरू होने के शौक ने इन्हें कई देशों को घूमने वाली लिस्ट में शामिल कर दिया है। केन्या, साउथ अमेरिका व नार्वे सहित एक दर्जन देश आगामी समय में ये घूमना चाहते हैं।

     

    लाइब्रेरी में एक हजार से ज्यादा इतिहास की किताबें

    इतिहास की करीब एक हजार से ज्यादा किताबों से भरी इनकी लाइब्रेरी का अक्स इनके व्यक्तित्व में भी दिखाई देता है। साधारण खाने के शौकीन बावा आलू, गोभी की सब्जी व साग बेहद पसंद करते हैं। मिठाई इनकी कमजोरी है। हर प्रकार की मिठाई खाना और दूध व कढ़ी चावल इनके स्वाद को बढ़ा देते हैं। कभी मौका मिलता है तो किचन में चिकन बनाने का शौक भी जरूर पूरा करते हैं। इनके हाथ के बने चिकन की तारीफ बेटा रहमत भी जमकर करता है।

    गैराज में मारुति 800 से लेकर मर्सिडीज, ट्रैक्टर और खुली जीप

    मारुति 800 से लेकर मर्सिडीज, ट्रैक्टर और खुली जीप की दीवाने बावा महंगी घड़ियों का भी शौक रखते हैं। यह सबकुछ इनकी जिंदगी का हिस्सा है। आज भी इन्होंने अपने घर में सबसे पुराने माडल की मारुति 800 रखी हुई है। वाहनों के गैराज में एक कोने में मारुति तो दूसरे कोने पर जीप के साथ-साथ ट्रैक्टर और बाकी लग्जरी गाड़ियां इनकी लाइफ स्टाइल को बाकियों से अलग करती हैं।