जालंधर में भगवानपुरिया गैंग पर पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई, मुठभेड़ में कुख्यात गैंगस्टर घायल; दो धराए
जालंधर में पुलिस और जग्गू भगवानपुरिया गिरोह के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें एक सदस्य मनकरण घायल हो गया और दो अन्य गिरफ्तार हुए। पुलिस ने उनके पास से हथियार बरामद किए। मनकरण पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या और शस्त्र अधिनियम के मामले शामिल हैं। पुलिस आगे की जांच कर रही है।

पुलिस मुठभेड़ में जग्गू भगवानपुरिया गैंग के एक गुर्गे को लगी गोली, दो गिरफ्तार (फोटो: जागरण)
संवाद सहयोगी, जालंधर। पुलिस और जग्गू भगवानपुरिया गैंग के तीन गुर्गों में बुधवार दोपहर रामामंडी के गांव सलेमपुर मसंदा में मुठभेड़ हो गई। पुलिस की जवाबी फायरिंग में मनकरण के पेट में गोली लगी। पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया और घायल को सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया। पुलिस ने आरोपितों के पास से एक विदेशी पिस्तौल और दो कारतूस बरामद किए। मनकरण अमृतसर के धर्मा मर्डर केस में शूटरों का मददगार था।
पुलिस जांच में सामने आया कि मनकरण दो साथी जय वीर और सिमरजीत सिंह के साथ कार से रामामंडी की ओर जा रहा था। पुलिस कमिश्नर धनप्रीत कौर ने बताया कि बुधवार सुबह करीब 11 बजे सीआइए स्टाफ के इंचार्ज सुरिंदर सिंह को मनकरण की लोकेशन सलेमपुर मसंदा इलाके में मिली, जिसके बाद वह टीम सहित आरोपित को पकड़ने के लिए मौके पर पहुंचे तो उसने दो साथियों सहित पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी।
पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए गोली चलाई तो मनकरण घायल हो गया और पुलिस ने उसके पास से अवैध हथियार बरामद किया। पुलिस की प्राथमिक जांच में पता चला कि मनकरण दियोल गैंग्सटर जग्गू भगवानपुरीआ और अमृतपाल बाठ का करीबी है। मनकरण अमृतसर के छेहरटा इलाके के चर्चित धर्मजीत सिंह धर्मा का मर्डर और कमल विहार में रेलवे ट्रैक पर गोलीकांड का मुख्य आरोपित था।
उसे वर्ष 2012 में एएसआइ रविंदरपाल की हत्या के मामले में दोषी ठहराया गया था और उसके खिलाफ एनडीपीएस व आर्म्स एक्ट के चार अन्य केस दर्ज थे। पुलिस उसके दोनों साथियों के अदालत में पेश कर रिमांड पर लेगी, ताकि हथियार के बारे में पता चल सके। वहीं मनकरण को सिविल अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पूछताछ की जाएगी।
12 जुलाई की रात कमल विहार रेलवे ट्रैक पर मनकरण दो साथियों सहित कमल विहार बशीरपुरा के रहने वाले केबल आपरेटर मनीष कुमार को गोली मार दी थी। गोली लगने के बाद आरोपित मौके से भाग गया था। वहीं मनीष की इलाज दौरान मौत हो गई थी, जिसके बाद जीआरपी ने मनकरण सहित उसके दो साथियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था। आरोपित तब से फरार चल रहा था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।