Jalandhar News: सरकार की चुप्पी से उद्योग जगत निराश, सूक्ष्म एवं मध्यम वर्गीय उद्योग संचालक परेशान
पंजाब के मध्यम एवं सूक्ष्म इंडस्ट्री के संचालक सरकार से खासे खफा हैं। सरकार की तरफ से फिलहाल राहत तो नहीं दी गई थी और ऊपर से जीएसटी विभाग की तरफ से की जा रही छापेमारी ने उद्योगपतियों के आक्रोश को और बढ़ा दिया।

मनुपाल शर्मा, जालंधर: सरकार की तरफ से बजट और प्रदेश की औद्योगिक पॉलिसी निर्धारित करने से पहले उद्योगपतियों की राय जानने के बावजूद भी राहत न दिए जाने से प्रदेश की मध्यम एवं सूक्ष्म इंडस्ट्री के संचालक सरकार से खासे खफा हैं। सरकार की तरफ से फिलहाल राहत तो नहीं दी गई थी और ऊपर से जीएसटी विभाग की तरफ से की जा रही छापेमारी ने उद्योगपतियों के आक्रोश को और बढ़ा डाला है।
रही कसर सोमवार को मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के जालंधर दौरे ने निकाल दी है, जहां मुख्यमंत्री कुछ मिनट रुकने के बाद ही उद्योगपतियों को बैठा छोड़कर निकल गए। नतीजा यह निकला है कि जालंधर के बाद अब लुधियाना में भी उद्योगपतियों ने सरकार का विरोध करना शुरू कर दिया है।
थालियां बजाकर सरकार को जगाने की कोशिश
जालंधर में खेल उद्योग संघ की तरफ से पहले कैंडल मार्च निकाला गया और फिर उसके बाद खाली थालियां बजाकर सरकार को जगाने की कोशिश की गई। जालंधर के बाद लुधियाना की साइकिल उद्योग से जुड़े कारोबारियों की तरफ से भी सरकार का विरोध जताना शुरू कर दिया गया है।
इन्वेस्टर्स समिट के जालंधर सेशन के दौरान मुख्यमंत्री ने मात्र कुछ मिनट के लिए उद्योगपतियों को संबोधित किया और यह बताया कि परेशान नहीं किया जाएगा, बल्कि इंडस्ट्री के उत्थान के लिए सरकार कार्य करेगी, लेकिन उसके कुछ ही घंटों के भीतर जीएसटी विभाग की तरफ से फिर से जालंधर में छापेमारी कर दी गई।
हालांकि कुछ औद्योगिक संगठनों से जुड़े उद्योगपति मुख्यमंत्री के जाने के बावजूद भी कार्यक्रम में बैठे रहे, लेकिन उद्योगपतियों में सरकार के इस रवैया को लेकर खासी निराशा भी पाई जा रही है।
जीएसटी की छापेमारी का विरोध
खेल उद्योग संघ पंजाब के कन्वीनर एवं कारोबारी नेता रविंदर धीर ने कहा कि सरकार की तरफ से बजट और औद्योगिक पॉलिसी के गठन से पहले प्रदेश के उद्योगपतियों एवं कारोबारियों से सुझाव मांगे गए थे। सभी की तरफ से सुझाव भेजे गए, लेकिन आकलन यह किया जाना चाहिए कि उनमें से कितने फीसद सुझाव सरकार ने लागू किए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में इंस्पेक्टरी राज का खात्मा नहीं हुआ है। कारोबारी लगातार जीएसटी की छापेमारी का विरोध कर रहे हैं, लेकिन उसे बंद नहीं किया जा रहा है। कारोबारी वैट एसेसमेंट के लंबित केसों के निपटारे के लिए वन टाइम सेटेलमेंट स्कीम (ओटीएस) मांग रहे हैं। वह भी घोषित नहीं की जा रही है।
उद्योग के हक में योजनाएं घोषित करे सरकार
रविंदर धीर ने कहा कि सोमवार को मुख्यमंत्री ने जिस तरह से जालंधर की इंडस्ट्री को नजरअंदाज किया है, उससे उद्योग एवं कारोबार जगत में निराशा है, लेकिन उद्योगपति इस तर्क के साथ चुप हो रहे हैं कि अभी सरकार का चार साल का कार्यकाल बाकी बचा हुआ है। अगर सरकार के खिलाफ आवाज उठाएंगे अथवा असंतोष दिखाएंगे तो जीएसटी छापेमारी के अलावा अन्य तरह के छापे भी शुरू कर दिए जाएंगे।
रविंदर धीर ने कहा कि प्रदेश के प्रमुख औद्योगिक घराने तो पहले ही उत्तर प्रदेश के लिए पलायन जारी कर चुके हैं और कुछ गिने-चुने घरानों की तरफ से जो सरकार का धन्यवाद और वाहवाही की जा रही है। उस बारे में तो संबंधित घराने ही कुछ बता सकते हैं।
उन्होंने कहा कि खेल उद्योग संघ उद्योग एवं कारोबारी जगत के साथ खड़ा है। कारोबारियों के हक में संघर्ष जारी है और जब तक सरकार अपने रवैए को तब्दील नहीं करेगी और उद्योग एवं कारोबार के हक में योजनाएं घोषित नहीं करेगी। संघर्ष बदस्तूर जारी रहेगा।
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