Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जालंधर का आइकानिक टीवी टावर अब नहीं करेगा Doordarshan के कार्यक्रमों का प्रसारण, 43 साल बाद सेवा से रिटायर

    By Manupal SharmaEdited By: Pankaj Dwivedi
    Updated: Tue, 01 Nov 2022 07:47 PM (IST)

    जालंधर के आइकोनिक टीवी टावर से अब दूरदर्शन के कार्यक्रम प्रसारित नहीं होंगे। उन्नत डिजिटल तकनीके आगमन के बाद अब इसकी आवश्यकता नहीं रह गई है। नकोदर रोड स्थित खांबड़ा के नजदीक स्थित टीवी टावर वर्ष 1979 में बनकर तैयार हुआ था।

    Hero Image
    जालंधर में 43 वर्ष की सेवा के बाद 31 अक्टूबर से टीवी टावर की सेवाएं समाप्त हो गईं।

    जागरण संवाददाता, जालंधर। कभी अपनी ऊंचाई को लेकर दुनिया के मानचित्र पर जालंधर का नाम दर्ज कराने वाला टीवी टावर अब दूरदर्शन के कार्यक्रम को प्रेषित नहीं करेगा। टावर की पहचान ही टीवी के नाम के साथ विख्यात हुई थी, लेकिन लगभग 43 वर्ष की सेवा के बाद 31 अक्टूबर से टीवी टावर की दूरदर्शन के कार्यक्रम प्रेषित करने की सेवाओं को समाप्त कर दिया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कारण, केबल, डीटीएच और ओटीटी के दौर में ट्रांसमीटरों की उपयोगिता खत्म हो गई है। टावर से दूरदर्शन के कार्यक्रम का प्रेषण बंद किए जाने की पुष्टि दूरदर्शन केंद्र जालंधर के प्रमुख आरके जारंगल ने भी की है।

    टीवी टावर से जुड़ीं विशेष बातें

    • 1975 में शुरू किया गया था टीवी टावर का निर्माण
    • 1979 में टावर कार्यक्रम प्रेषित करने के लिए बनकर तैयार हुआ था
    • 800 फुट (225) मीटर के लगभग है ऊंचाई
    • 100 किलोमीटर के दायरे में टावर से सेवाओं का होता था प्रसारण

    उन्नत डिजिटल तकनीक ने बंद करवाया

    जालंधर का टीवी टावर लगभग 100 किलोमीटर के दायरे में (ओमनी डायरेक्शन) में दूरदर्शन के कार्यक्रम प्रेषित किया करता था। टीवी टावर के प्रेषण की सेवाओं को समाप्त करने के लिए वजह मात्र उन्नत होती डिजिटल तकनीक बनी है। अब डिश टीवी और विभिन्न एप्स के जरिए दूरदर्शन के कार्यक्रम लोगों तक पहुंच रहे हैं। इस वजह से टीवी टावर से दूरदर्शन के कार्यक्रम प्रेषित करने की कोई आवश्यकता नहीं रही है।

    दूर-दूर तक टीवी टावर प्रसिद्ध

    टीवी टावर इतना प्रसिद्ध है कि आसपास की कुछ कालोनियों के नाम तक भी टावर के साथ जोड़कर रखे गए हैं। कुछ कामर्शियल इमारतें भी टावर के नाम पर जानी जाती हैं। नकोदर रोड स्थित खांबड़ा के नजदीक टीवी टावर का निर्माण 1975 में शुरू किया गया था। वर्ष 1979 में टावर कार्यक्रम प्रेषित करने के लिए बनकर तैयार हो गया था। जालंधर टीवी टावर की ऊंचाई 800 फुट अथवा 225 मीटर के लगभग है।