जालंधर में 'जय श्रीराम' नारे पर बवाल के बाद हिंदू संगठनों का प्रदर्शन, मुस्लिम-सिख समुदाय ने की निष्पक्ष जांच की मांग
जालंधर में जय श्रीराम के नारे को लेकर विवाद बढ़ गया है। हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया और आरोपियों पर कार्रवाई की मांग की। मुस्लिम समुदाय ने भाजपा नेताओं पर माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया और निष्पक्ष जांच की मांग की। सिख संगठनों ने भी मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। पुलिस ने 8 अक्टूबर तक कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

जागरण संवाददाता, जालंधर। शुक्रवार को जिला प्रशासकीय परिसर के बाहर युवक द्वारा जय श्रीराम का जयघोष लगाए जाने के बाद हुए विवाद के मामले में शनिवार को हिंदू संगठनों व भाजपा नेताओं ने संत समाज के नेतृत्व में श्रीराम चौक में दो घंटे तक रोष प्रदर्शन किया।
उनका आरोप था कि मुस्लिम भाईचारे के सदस्यों ने योगेश को जय श्रीराम का जयघोष लगाने के विरोध में उसके साथ मारपीट की है। ऐसे में योगेश मैनी के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ केस दर्ज कर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। धरनास्थल पर पहुंचे ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर संदीप शर्मा तथा डीसीपी नरेश डोगरा को मांगपत्र देते हुए कार्रवाई को लेकर तीन दिन का समय दिया।
उधर, मुस्लिम समाज के सदस्यों ने मुस्लिम संगठन पंजाब के अध्यक्ष एडवोकेट नईम खान की अध्यक्षता में शनिवार शाम को पहले बैठक तथा बाद में पुलिस अधिकारियों को मांगपत्र देकर भाजपा नेताओं पर मिलीभगत कर माहौल खराब करने का आरोप लगाते कार्रवाई की मांग की।
लोगों ने उठाई निष्पक्ष जांच की मांग
इस बीच जिले के सिख संगठनों ने भी पुलिस अधिकारियों को मांगपत्र देकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग रखी। इस दौरान पूर्व विधायक शीतल अंगुराल, केडी भंडारी, मनोरंजन कालिया, अमित तनेजा व सुशील शर्मा ने कहा कि जय श्रीराम का जयघोष लगाने के विरोध में युवक के साथ की गई मारपीट कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इसी तरह हिंद क्रांति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज नन्हा, शिवसेना नेता मुनीष बाहरी, हिंदू नेता योगेश धीर, भूवन मल्होत्रा, राम लुभाया, डिंपी सचदेवा के अलावा संत समाज के सदस्यों ने भी विचार रखे। उधर, बूटा मंडी में मुस्लिम भाईचारे के सदस्यों ने मुस्लिम संगठन पंजाब के अध्यक्ष एडवोकेट नईम खान के नेतृत्व में बैठक का आयोजन किया गया।
नईम खान ने कहा कि कुछ लोग आपसी भाईचारे में दरार डालने की नीयत से इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस प्रशासन को मामले की निष्पक्ष जांच करते हुए मौके के वीडियो, सीसीटीवी कैमरे तथा योगेश मैनी के मोबाइल की काल डिटेल निकलवाने सहित तमाम पहलुओं की गहनता के साथ जांच करनी चाहिए।
मुस्लिम समुदाय ने क्यों जताया रोष?
जिले के मुस्लिम संगठनों द्वारा उत्तर प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के लोगों पर झूठे केस दर्ज करने तथा उन पर करवाई करने का आरोप लगाते हुए शुक्रवार को श्रीराम चौक से लेकर पुलिस कमिश्नर कार्यालय तक रोष प्रदर्शन किया गया था।
इसके बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जिला प्रशासकीय परिसर के बाहर बैठकर रोष जताना शुरू कर दिया। इस बीच वहां से गुजर रहे योगेश मैनी नामक युवक द्वारा जय श्रीराम के जयघोष लगाए जाने के बाद पैदा हुए तनाव के चलते हिंदू संगठनों ने संविधान चौक में रोष प्रदर्शन किया था।
महामंडलेश्वर 1008 महंत केशव दास, महामंडलेश्वर महंत बंसी दास जी महाराज, स्वामी सज्जनानंद, स्वामी राज किशोर, महंत हरे राम दास, हिंद क्रांति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज नन्हा, पूर्व विधायक मनोरंजन कालिया, केडी भंडारी, पूर्व मेयर राकेश राठौर, अमित तनेजा, शीतल अंगुराल, सरबजीत सिंह मक्कड़, अशोक सरीन हिक्की, सुनील सहगल, योगेश धीर, रविंदर धीर, नवल किशोर कंबोज, इशांत शर्मा, नरिंदर थापर, सुनील कुमार बंटी, रोहित जोशी, मनीष बाहरी, आरती राजपूत, दीपाली बागड़िया, सुशील शर्मा, किशन लाल शर्मा, भुवन मल्होत्रा सहित सदस्य शामिल हुए।
किसने क्या दी शिकायत?
- शनिवार को हिंदू संगठनों ने पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआइआर में आरोपितों को नाम सहित नामजद करने तथा उनकी गिरफ्तारी कर कार्रवाई करने की मांग रखी है।
- मुस्लिम संगठनों ने योगेश मैनी द्वारा मुस्लिम समाज को बार-बार नारेबाजी कर उकसाने तथा पूर्व विधायक शीतल अंगुराल, केडी भंडारी, अमित तनेजा, सुशील शर्मा व अमित भाटिया से मिलीभगत कर शहर का माहौल खराब करने का आरोप लगाते हुए मामले की गहनता से जांच करने की मांग रखी है।
- सिख संगठनों ने एक समुदाय द्वारा जताए जा रहे रोष प्रदर्शन के दौरान दूसरे समुदाय के व्यक्ति द्वारा वहां से गुजरते हुए नारेबाजी करने तथा बार-बार उकसाने का आरोप लगाते हुए मामले की निष्पक्ष जांच करने तथा आरोपितों पर कार्रवाई करने की मांग रखी है।
डीसीपी नरेश डोगरा ने कहा कि पुलिस ने घटना के सभी वीडियो फुटेज हासिल कर लिए हैं और उनकी जांच की जा रही है। इसीके आधार पर हमलावरों की पहचान की जाएगी और शीघ्र गिरफ्तारी होगी। भगवान वाल्मीकि जयंती के कारण पुलिस बल इन दिनों अतिरिक्त ड्यूटी पर तैनात है, इसलिए जांच पूरी होने में कुछ दिन लग सकते हैं। डीसीपी ने प्रदर्शनकारियों को आश्वासन दिया कि आठ अक्टूबर तक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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