शौक के लिए हथियार रखने वाले सुधर जाएं, नहीं तो जालंधर पुलिस सुधार देगी : डीसीपी गुप्ता
शहर में क्राइम खत्म करने का टारगेट है। इसके लिए जालंधर कमिश्नरेट की पूरी पुलिस फोर्स मिलकर काम करेगी। साथ ही पुराने केस जल्द हल किए जाएंगे और नए केस थ ...और पढ़ें

सुक्रात, जालंधरः शहर में क्राइम खत्म करने का टारगेट है। इसके लिए जालंधर कमिश्नरेट की पूरी पुलिस फोर्स मिलकर काम करेगी। इसके साथ ही पुराने केस जल्द हल किए जाएंगे और नए केस थानों में कम हों, इसका पूरा प्रयास किया जाएगा। यह कहन है जालंधर के नए डीसीपी डा. अंकुर गुप्ता का। दैनिक जागरण के साथ विशेष बातचीत के दौरान उन्होंने शहर में बढ़ रही अपराध की घटनाओं पर खुलकर बात की। डा. गुप्ता इससे पहले आदमपुर में बतौर एएसपी रह चुके हैं। उनकी पत्नी आईएएस दीपशिखा जालंधर नगर निगम की कमिश्नर हैं और उन्होंने भी करीब तीन हफ्ते पहले ही जालंधर में पदभार संभाला है।
आईपीएस डा. गुप्ता के परिवार में उनके पिता एचजी गुप्ता व्यवसायी हैं और उनकी माता सुमन गुप्ता गृहणी हैं। 2016 बैच के आईपीएस डा. गुप्ता मूल रूप से पटियाला जिले के समानिया गेट के रहने वाले हैं। बुडलाडा में बतौर एएसपी अपना करियर शुरू करने वाले डा. गुप्ता रोपड़ में बतौर एसपी हेडक्वार्टर पद्दोन्नत होने के बाद जालंधर में डीसीपी ला एंड आर्डर बने हैं।
प्रश्न : हथियारों का प्रचलन बढ़ता जा रहा है, वैध हथियारों के साथ अवैध हथियार भी जालंधर में काफी हैं, क्या किया जाएगा?
जवाब : पहले तो सारे लाइसेंसी हथियारों का रिव्यू करवाने की योजना है ताकि पता चल सके कि हथियार की जरूरत रखने वालों को है या नहीं। यदि किसी ने सिर्फ दिखाने के लिए या दूसरों पर दबाव बनाने के लिए हथियार लिए हैं तो उनके लाइसेंस रद करवाने की तैयारी की जाएगी। अवैध हथियारों के खिलाफ स्पेशल आपरेशन चलाया जाएगा। हथियार तस्करों को पकड़ कर उनसे पूछताछ की जाएगी, जिसमें थोड़ी सख्ती होगी ताकि जिनको अवैध हथियार सप्लाई हुए हैं, उन तक पहुंचा जा सके। हथियार रखने वालों को चेतावनी भी है कि यदि ऐसा कुछ है तो तुरंत सुधर जाएं, अन्यथा पुलिस सुधार देगी।
प्रश्न : शहर के कई बड़े केस, जिनमें डिप्टी व टिंकू मर्डर केस हैं। कई गाड़िया लूटे जाने के केस पेंडिंग हैं, उनके लिए क्या कर रहे हैं?
जवाब : पुराने केस ट्रेस करवाने के लिए पूरी कोशिश की जाएगी। इसके लिए स्पेशल टीमें भी बनाई जा सकती हैं। इन टीमों का काम सिर्फ पुराने केस स्टडी कर उनके आरोपितों को गिरफ्तार करना होगा और उनको हर तरह की आजादी भी दी जा सकती है। इसके लिए जल्द ही आला अधिकारियों को बुलाकर बैठक की जाएगी।
प्रश्न : अपराध पर अंकुश लाने के लिए क्या योजनाएं हैं?
जवाब : अपराध पर अंकुश लगाने या कमी लाने के लिए फोर्स का दिखाई देना बेहद जरूरी है। पुलिस कर्मियों को दफ्तरों में रहने की बजाय फील्ड में रहने के लिए तैयार किया जाएगा। सड़कों पर चेकिंग बढ़ाई जाएगी। रेड अलर्ट जारी कर जगह जगह नाकाबंदी की जाएगी ताकि अपराध करने वालों के दिलों में डर बिठाया जा सके।
प्रश्न : नशे की चेन ब्रेक करने के लिए कई दावे हो चुके हैं लेकिन नहीं हो पाई है, क्या योजना बनाई है?
जवाब : नशे की चेन ब्रेक करने के लिए स्पेशल आपरेशन चलाने की योजना पर काम किया जाएगा। इसके लिए सारा डाटा इकट्ठा किए जाएंगे और फिर उन डाटा के हिसाब से काम किया जाएगा। नशा तस्करों के बजाय उनके साथ रहने वाले और काम करने वाले लोगों की लिस्ट बना कर उनको भी जाच के अधीन लाया जाएगा।
प्रश्न: साइबर क्राइम ज्यादा बढ़ गया है, रोकथाम के लिए क्या किया जा रहा है?
जवाब : साइबर क्राइम को रोकना पुलिस से ज्यादा लोगों के हाथ में है। न किसी को अपने बैंक अकाउंट के बारे में कुछ बताएं, न फोन करने वालों के झासे में आएं और न ही किसी को अपना ओटीपी दें। फिर भी यदि कोई फंसता है तो उनकी हरसंभव मदद करने के लिए प्रयास किया जाएगा। साइबर सेल को और मजबूत बनाने के लिए भी नई योजनाओं पर काम किया जाएगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।