केरल नन दुष्कर्म केसः पूर्व बिशप फ्रैंको मुलक्कल से जालंधर में हुई थी पूछताछ, बरी होने पर समर्थकों ने डाला भंगड़ा
केरल नन दुष्कर्म मामले में जालंधर के पूर्व बिशप फ्रेंको मुलक्कल आरोपित थे। उनसे जालंधर में पूछताछ की गई थी। उन्हें 21 सितंबर 2018 में अरेस्ट किया गया था। करीब एक महीने बाद उन्हें इस मामले में जमानत मिल गई थी।

जासं, जालंधर। Former Bishop Franco Mulakkal Aquitted केरल के नन दुष्कर्म केस में डायोसिस आफ जालंधर के पूर्व बिशप फ्रैंको मुलक्कल को कोट्टयम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने बरी कर दिया है। इसका यहां ईसाई भाईचारे के सदस्यों ने स्वागत किया है। शुक्रवार को जालंधर के बिशप हाउस उनकी समर्थकों ने ढोल की थाप पर खुशी मनाई। चर्च के गेट के बाहर आतिशबाजी का दौर भी जारी है। फ्रैंको मुलक्कल पर जब केरल की नन ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था तो केरल पुलिस की टीम जालंधर पहुंची थी। दो दिन तक पुलिस लाइन के पास स्थित चर्च में उनसे पूछताछ हुई थी। नन ने उन पर 13 बार दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। यह घटना जालंधर डायोसीस द्वारा कोट्टयम जिले में संचालित कॉन्वेंट के बिशप के दौरे के दौरान हुई थी।
जालंधर में शुक्रवार को बिशप हाउस के बाहर ढोल बजाकर पूर्व बिशप फ्रैंको मुलक्कल को बरी किए जाने का स्वागत करते हुए उनके समर्थक।
नन ने 28 जून, 2018 को पुलिस में दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। मामले में जालंधर के पूर्व बिशप फ्रेंको मुलक्कल आरोपित थे। उन्हें 21 सितंबर, 2018 में अरेस्ट किया गया था। करीब एक महीने बाद उन्हें इस मामले में जमानत मिल गई थी।
जालंधर में बिशप हाउस के बाहर भंगड़ा डालते हए ईसाई भाईचारे के सदस्य।
अदालत का फैसला आते ही सिविल लाइंस स्थित बिशप हाउस में ईसाई भाईचारे के लोगों ने ढोल की थाप पर भंगड़ा डाला। इसके बाद आतिशबाजी का दौर चला। इस दौरान सूरज मसीह ने कहा कि पूर्व बिशप फ्रैंको मुलक्कल को बरी किए जाने का फैसला सच्चाई की जीत है। उन्होंने कहा कि पूर्व बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने हमेशा मानवता की सेवा की बात की थी। उन्हें साजिश के तहत फंसाए जाने की कोशिश की गई थी। अब अदालत के फैसले ने दूध का दूध तथा पानी का पानी कर दिया है।
पूर्व बिशप फ्रैंको मुलक्कल को बरी किए जाने के बाद जालंधर में बिशप हाउस के बाहर आतिशबाजी करते हुए ईसाई भाईचारे के सदस्य। यहां लड्डू बांटकर फैसले की खुशी मनाई गई है।
इसके उपरांत चर्च में ईसाई भाईचारे के लोगों ने प्रार्थना करके ईश्वर का आभार जताया। फैसला आने के बाद चर्च में उत्सव सा माहौल रहा। ईसाई भाईचारे के लोग एक-दूसरे को लड्डू बांटकर और गले मिलकर बधाई दे रहे हैं।
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