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    Adampur Airport Update: नया पैसेंजर टर्मिनल बनकर तैयार, टैक्सी ट्रैक निर्माण पूरा होने पर शुरू होंगी उड़ानें

    By Manupal SharmaEdited By: Pankaj Dwivedi
    Updated: Mon, 21 Nov 2022 06:49 PM (IST)

    आदमपुर एयरपोर्ट पर नया टर्मिनल तैयार होने के बाद यहां से बोइंग कंपनी के 2 बड़े विमानों का संचालन एक साथ हो सकेगा। वर्तमान में केवल 78 सीटों की क्षमता वाला छोटा विमान उड़ान भरता था। अभी 300 मीटर के टैक्सी ट्रैक का निर्माण पूरा होना बाकी है।

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    आदमपुर सिविल एयरपोर्ट का नया टर्मिनल अब लगभग बनकर तैयार है। जागरण

    मनुपाल शर्मा, जालंधर। नया पैसेंजर टर्मिनल तैयार हो जाने के बावजूद आदमपुर में बड़े यात्री विमानों का एपरन (जहां विमान खड़े होते हैं) तक पहुंच पाना फिलहाल असंभव है। एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया (एएआइ) की तरफ से टैक्सी ट्रैक का निर्माण कार्य निजी कंपनी को अलाट कर दिए जाने के बावजूद काम शुरू नहीं हो पा रहा है।

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    टैक्सी ट्रैक वह रास्ता होता है, जहां विमान एपरन से रनवे तक आवागमन करते हैं। सिविल एयरपोर्ट टर्मिनल के एपरन से वायुसेना स्टेशन के अंदर स्थित रनवे तक बनाए जाने वाले टैक्सी ट्रैक की लंबाई 300 मीटर से कुछ ज्यादा होगी। टैक्सी ट्रैक एयरफोर्स स्टेशन की बाउंड्री वाल के बीच से होते हुए रनवे तक पहुंचेगा। हालांकि एयरफोर्स स्टेशन के अंदर अथवा बाउंड्री वाल पर कोई भी निर्माण संबंधी गतिविधि के लिए एयरफोर्स की अनुमति जरूरी है।

    अब एक साथ उड़ सकेंगे दो बड़े विमान

    आदमपुर सिविल एयरपोर्ट का नया टर्मिनल कुछ इस तरह से बनाया गया है कि एक ही समय में दो बड़े विमानों का संचालन संभव हो सके। सिविल टर्मिनल वायुसेना स्टेशन के बाहर बनाया गया है और अब विमान भी वायुसेना स्टेशन के बाहर आकर टर्मिनल के एपरन पर खड़े होंगे। टैक्सी ट्रैक के बन जाने तक बड़े जहाज का संचालन संभव नहीं है। एपरन पर एक ही समय में दो बड़े विमान खड़े होने की सुविधा होगी।

    जब आदमपुर सिविल एयरपोर्ट पर फ्लाइट शुरू की गई थी, तब विमान वायुसेना स्टेशन के अंदर ही खड़ा हो रहा था और यात्री पैदल चलकर विमान में सवार होते थे। वह विमान मात्र 78 सीटों की क्षमता वाला था। जानकारी के मुताबिक अगर अति शीघ्र भी टैक्सी ट्रैक का निर्माण शुरू कर दिया जाए, तब भी कम से कम तीन महीने का समय निर्माण पूरा करने में लग जाएगा। यानी वर्ष के अंत तक आदमपुर एयरपोर्ट से बड़े यात्री विमानों का संचालन संभव हो जाएगा।