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    Punjab Politics: जालंधर कैंट सीट पर बराड़ बढ़ा सकते हैं परगट की मुश्किलें, मिल सकता है बसपा से गठबंधन का फायदा

    By Pankaj DwivediEdited By:
    Updated: Wed, 18 Aug 2021 12:07 PM (IST)

    जगबीर बराड़ के शिरोमणि अकाली दल का दामन थाम लेने से जालंधर कैंट सीट को लेकर नए समीकरण बनने लगे हैं। इस सीट पर दिलचस्पी इसलिए भी है क्योंकि इस सीट पर हाकी के पूर्व कप्तान और मौजूदा विधायक परगट सिंह के लिए चुनौती बढ़ गई है।

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    जगबीर बराड़ के अकाली दल में शामिल होने से जालंधर कैंट सीट पर नए समीकरण बन गए हैं। फाइल फोटो

    इंद्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। कांग्रेस के सीनियर नेता रहे जगबीर बराड़ के शिरोमणि अकाली दल का दामन थाम लेने से जालंधर कैंट सीट को लेकर नए समीकरण बनने लगे हैं। इस सीट पर दिलचस्पी इसलिए भी है क्योंकि यहां से हाकी के पूर्व कप्तान और मौजूदा विधायक परगट सिंह विधायक हैं। अकाली दल में जगबीर की एंट्री से परगट के लिए चुनौती बढ़ गई है। उन्हें 2017 वाली अपनी परफारमेंस को बरकरार रखते हुए 59 हजार के करीब वोट लेने ही होंगे अन्यथा अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के रूप में बना गठबंधन उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।

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    इसी सीट से विधायक रहे जगबीर बराड़ वापस अकाली दल में आ गए हैं और उन्हें पार्टी ने यहां से उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है। इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी की भी अच्छी खासी वोट है और अगर यह अकाली दल को शिफ्ट हो जाती है तो परगट सिंह के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।

    लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिले वोट बढ़ाएंगे परगट की टेंशन

    2017 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव में पड़े वोटों के आधार पर यदि समीकरण बनाकर देखना हो तो परगट इस सीट को केवल इसी आधार पर जीत पाएंगे कि वह अपनी 2017 की परफारमेंस को बनाए रखें। 2017 में उन्होंने इस सीट पर 59349 वोट हासिल किए थे जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी शिअद प्रत्याशी सरबजीत मक्कड़ को 30225 और बसपा के उम्मीदवार को 7987 वोट मिले। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बेशक जालंधर लोकसभा सीट जीत ली लेकिन इस सीट पर कांग्रेस को मिले वोट परगट की चिंता बढ़ा सकते हैं। कांग्रेस को जालंधर कैंट सीट पर 37790 वोट मिले जबकि अकाली दल और बसपा दोनों ने अपना अपना वोट शेयर बढ़ाया। अकाली दल के चरणजीत अटवाल को 43132 वोट मिले और बसपा को 10634 वोट मिले जो 2017 के विधानसभा चुनाव से 13 हजार के करीब वोट ज्यादा हैं।

    दोनों पार्टियां इस परफारमेंस से तो खुश हो सकती हैं लेकिन दोनों पार्टियों के वोट को मिला भी लिया जाए तो यह 53766 ही होते हैं जो परगट सिंह को 2017 में मिले 59349 वोट से 5583 कम हैं। इसलिए सारा दारोमदार इस बात पर है कि परगट सिंह की 2022 की परफारमेंस कैसी रहती है।