Jalandhar: सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ने से टूटा धुस्सी बांध, ग्रामीणों ने किया पलायन; फसलें पूरी तरह हुई नष्ट
Jalandhar News जालंधर के लोहिया के चन्ना गांव में बढ़िया सतलुज के किनारे बनाया गया बांध टूट गया है। उसी जगह पर बांध टूटा है जहां पर अगस्त 2019 में बाढ़ आई थी। उफनते दरिया सतलुज का पानी अब गांवों में प्रवेश करने लगा है। सोमवार रात को दरिया सतलुज में पानी तीन लाख क्यूसेक को पार कर गया था।

जालंधर, जागरण संवाददाता। मानसून की बारिश ने कई राज्यों में भारी तबाही मचाई हुई है। हिमाचल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब समेत कई इलाकों में लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी है। वहीं, आज सुबह पंजाब के जिला जालंधर के लोहिया के चन्ना गांव में बढ़िया सतलुज के किनारे बनाया गया बांध टूट गया है।
तीन लाख क्यूसेक के पार गया सतलुज का पानी
जानकारी के मुताबिक उसी जगह पर बांध टूटा है जहां पर अगस्त 2019 में बाढ़ आई थी। उफनते दरिया सतलुज का पानी अब गांवों में प्रवेश करने लगा है। सोमवार देर रात को दरिया सतलुज में पानी तीन लाख क्यूसेक को पार कर गया था। बांध टूटने के बाद सतलुज का पानी गांव जानिया चाहल की तरफ तेजी से बढ़ रहा है।
ग्रामीणों का पलायन शुरू
अंतर्राष्ट्रीय हिंदू पाक सीमा के साथ लगते गांव कालूवाला में सतलुज दरिया के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए ग्रामीणों ने पलायन करना शुरू कर दिया है। सतलुज में पानी का स्तर बढ़ने के कारण जहां धुस्सी बांध टूटता हुआ नजर आ रहा है, वहीं खेतों में पानी जाने से किसानों की पूरी फसल नष्ट हो गई है।
हरिके हेडवर्क मे बढ़ा जलस्तर
जल स्त्रोत विभाग के आंकड़ों की बात करें तो हरीके हेडवर्क्स से सोमवार सुबह 6:00 बजे 151204 क्यूसिक पानी हुसैनीवाला की तरफ रिलीज किया गया था, जबकि हुसैनीवाला हेडवर्क्स से सुबह 8:00 बजे 90950 क्यूसिक पानी पाकिस्तान की तरफ छोड़ा गया है। वहीं, हरिके हेडवर्क में जल सत्र बढ़ गया है।
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