एमडी के दौरे में प्रबंधों की खुली पोल, रिकार्ड देख अधिकारियों को लगाई फटकार
पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन की मैनेजिग डायरेक्टर निलिमा ने जालंधर के सिविल अस्पताल का दौरा किया।

जागरण संवाददाता, जालंधर : राज्य में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सेहत विभाग के आला अधिकारी सरकारी अस्पतालों का दौरा करने लगे है। शुक्रवार को पंजाब हेल्थ सिस्टम कारपोरेशन की मैनेजिग डायरेक्टर निलिमा ने सिविल अस्पताल का दौरा किया। विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया और उनको फटकार भी लगाई।
सबसे पहले मेडिकल सुपरिंटेंडेंट के कार्यालय अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक शुरू होते ही उन्होंने एक एक कर हर विग और विभाग के डाक्टरों को बुलाना शुरू कर दिया। करीब सवा घंटे तक चली बैठक में उन्होंने अस्पताल के तकरीबन सारे रिकार्ड खंगालकर रख दिए। अस्पताल में खराब पड़े उपकरणों को लेकर पूछे जाने पर अधिकारियों ने पत्र लिखे होने की बात कही तो उन्होंने तुरंत संबंधित विभाग से संपर्क किया तो वहां पत्र न पहुंचने की बात सामने आई। खराब पड़े डायलिसिस यूनिटों तथा लैपरोस्कोप खराब होने के मामले को लेकर अधिकारियों की कारगुजारी पर चिता व्यक्त की। उन्होंने तुरंत दोबारा पत्र भेजने की बात कही।
अस्पताल में मिलने वाली दवाइयों की डिमांड तथा वेयर हाउस में पड़ी दवाइयों का मिलान किया और ट्रामा सेंटर की बंद पड़ी सेवाओं को लेकर कर स्टाफ को आड़े हाथों लिया। अस्पताल के पार्किंग और कैंटीन का ठेका खत्म होने के कगार पर है और अस्पताल की ओर से नए ठेके के लिए प्रक्रिया शुरू न करने के मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाया। उन्होंने अस्पताल को होने वाली आमदनी व खर्च का विवरण लिया। अस्पताल में उपकरणों, डाक्टरों व स्टाफ का विवरण मांगा। बैठक में एमडी के सवालों के जवाब में अधिकारियों के पसीने छूटे।
इसके बाद उन्होंने ब्लड बैंक, लैब, जच्चा बच्चा वार्ड, आईसीयू , कैंटीन, गायनी ओपीडी, पार्किंग स्थल, ट्रेनिग सेंटर, लैबोरेटरी, इमरजेंसी और ओपीडी पर्चियां बनाने वाले कंप्यूटर सेक्शन का दौरा किया। बैठक में इमरजेंसी व ओपीडी पर्चियों बनाने का दायरा बड़ा करने और डीएनबी हास्टल बनाने की मांग रखी गई। इस मौके पर सिविल सर्जन डा. रंजीत सिंह, कार्यकारी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डा. गुरमीत लाल, एसई रजिदर सिंह, एक्सईएन सुखचैन सिंह, डा. ज्योति शर्मा, डा.वरिदर कौर, डा. सतिदर जीत सिंह बजाज मौजूद रहे।
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गर्मी में छूटे पसीने
एमएस आफिस में एक एसी खराब और दूसरे का तापमान तीस डिग्री सेल्सियस होने की वजह करीब सवा घंटा चली बैठक के दौरान एमडी के अलावा वहां मौजूद अधिकारियों के गर्मी से पसीने छूटे। हालांकि एक नया एसी वहां पड़ा है परंतु स्टाफ ने उसे लगाने की जहमत नही उठाई। बैठक खत्म होने के बाद बाहर निकलते ही सभी ने राहत की सांस ली।
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यह मिली खामियां
-ब्लड बैंक में खूनदान करने के लिए बनाई कुर्सी पर मेडिकल करवाने आए उम्मीदवार का बच्चा सो रहा था।
-लैब में मरीजों के बैठने के लिए रखा हुआ बेंच टूटा हुआ था।
-बच्चा वार्ड का प्रवेश द्वार टूटा हुआ था।
-जच्चा बच्चा वार्ड की लिफ्टें बंद मिली।
-इमरजेंसी में मरीज को सुविधाएं नहीं मिली और परिजनों ने एमडी से लगाई गुहार।
-जच्चा बच्चा सेंटर में बाल रोग माहिर डाक्टरों के कमरे खाली मिले।
-जच्चा वार्ड ओपीडी कांप्लेक्स में प्रवेश द्वार में कुत्ते सो रहे थे।
-इमरजेंसी में व ओपीडी पर्ची बनाने वाली जगह छोटी होने पर आपत्ति जताई।
-कृष्णा लैब में मरीजों का सैंपल लेने वाला कमरा काफी अंदर पाया गया।
-पार्किंग में बेतरतीब ढंग से खड़ी गाड़ियां। -----
सरकारी अस्पतालों की बदलेगी काया
आइएएस निलिमा ने बताया कि राज्य के सरकारी अस्पतालों की काया बदली जाएगी। अधिकारियों की टीमें राज्य के तमाम सरकारी अस्पतालों का दौरा कर रही है । अगले सप्ताह इसकी रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद अपग्रेड करने वाले अस्पतालों का चयन किया जाएगा। जिला तथा सबडिविजनल अस्पतालों को प्राथमिकता के आधार पर रखा जाएगा। इसमें स्टाफ की कमी दूर होगी। इमारत अपग्रेड होंगी और उपकरण मुहैया करवाए जाएंगे। चुनाव आचार संहिता के चलते दवाइयों की खरीद के टेंडर न होने की वजह से अस्पतालों में दवाइयों की किल्लत आ रही है। इस महीने के अंत में टेंडर खोले जाएंगे और समस्या का समाधान होगा। जन औषधि सेंटर खोलने के लिए बजट का अभाव है। रोगी कल्याण समितियों को इस संबंध में विचार करने के लिए कहा है। आयुष्मान भारत का काम करने वाली कंपनी ने बीच में ही काम छोड़ दिया और मामला अदालत में चल रहा है। जल्द ही फैसला होने के बाद सुचारू ढंग से सुविधाएं चलेंगी और अस्पतालों को बकाया राशि जारी होगी।
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