आर्थिक संकट से जूझ रहा जिमखाना क्लब मेंबरों की जेब काटने पर उतरा
जालंधर के सबसे प्रतिष्ठित जिमखाना क्लब गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। क्लब के सदस्यों को चुनाव से पहले तमाम सुविधाएं देने का वादा कर चुनाव जीतने वा ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, जालंधर : जालंधर के सबसे प्रतिष्ठित जिमखाना क्लब गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। क्लब के सदस्यों को चुनाव से पहले तमाम सुविधाएं देने का वादा कर चुनाव जीतने वाले पदाधिकारियों ने कार्यकारिणी की बैठक में क्लब सदस्यों पर ही बोझ बढ़ाने का फैसला कर लिया है। कार्यकारिणी की बैठक में यह फैसला किया गया है कि पहली अप्रैल से क्लब के सदस्यों को मासिक फीस के रूप में 200 रुपये अतिरिक्त देने होंगे। मौजूदा समय में क्लब के लगभग 4500 सदस्य है। इन सदस्यों से लाखों रुपये वसूलने की रणनीति कार्यकारिणी की बैठक में तय कर ली गई है। साथ ही आर्थिक संकट के बावजूद क्लब में लाखों रुपये की फिजूलखर्ची पर भी कार्यकारिणी ने मुहर लगा दी है।
क्लब का निर्माण 1958 में द इम्पीरियल जालंधर जिमखाना क्लब के नाम से छह एकड़ जमीन में किया गया था। उसके बाद क्लब का नाम बदलकर जालंधर जिमखाना क्लब रख दिया गया। सभी सदस्यों से कैटेगरी वाइज फीस वसूली जाती है। कुछ समय पहले कोरोना काल के खत्म होने के बाद क्लब के चुनाव करवाए गए और इस चुनाव में पुरानी कार्यकारिणी के अधिकतर सदस्यों को हराकर नई कार्यकारिणी बनाई गई। सचिव संदीप बहल, ज्वाइंट सेक्रेटरी सौरभ खुल्लर, कैशियर गुरप्रीत सिंह कोछड़ और जूनियर वाइस प्रेसिडेंट अमित कुकरेजा के अलावा 10 कार्यकारिणी के सदस्यों का चुनाव भी करवाया गया था। बीते दिनों क्लब की कार्यकारिणी की बैठक में क्लब के प्रधान आईएएस वीके मीणा, जूनियर वाइस प्रेजिडेंट अमित कुकरेजा, सचिव संदीप बहल, संयुक्त सचिव सौरभ खुल्लर, कैशियर गुरप्रीत सिंह कोछड़, कार्यकारिणी सदस्य प्रो. विपिन झांजी, नितिन बहल, राजिदरपाल सिंह, शालीन जोशी, मोहिदर सिंह, निखिल गुप्ता, राजीव बांसल, अतुल तलवाड़, गगनदीप सिंह सोढी मौजूद थे। सभी ने बीती 11 फरवरी को हुई कार्यकारिणी की बैठक में रखे गए प्रस्तावों पर चर्चा की और आर्थिक तंगी का हवाला देकर क्लब को चलाने के लिए 50 लाख रुपये का ओवरड्राफ्ट (एक तरह का लोन) करने का प्रस्ताव पास किया।
कार्यकारिणी के सदस्यों ने इस बात को स्वीकार किया और प्रस्ताव को मजबूती के साथ रखा कि क्लब को चलाने के लिए आर्थिक मदद की जरूरत है। इसके लिए 50 लाख रुपये का लोन लिया जाए। इस प्रस्ताव को सभी सदस्यों ने स्वीकृत भी कर दिया। साथ ही क्लब के सदस्यों पर आर्थिक बोझ बढ़ाने के लिए हर महीने उनकी सदस्यता फीस को 200 रुपये बढ़ाने का फैसला भी कार्यकारिणी में किया गया। अभी तक क्लब के सदस्यों को इसकी जानकारी नहीं है लेकिन कुछ खास सदस्यों को इसकी जानकारी मिलते ही वे इसका विरोध करने लगे हैं। फिजूलखर्ची पर भी प्रस्ताव पास
क्लब को चलाने के लिए क्लब के सदस्यों की जेब काटने की शुरू की गई। इस कवायद के बीच में ही कार्यकारिणी ने लाखों रुपये फिजूलखर्ची पर भी खर्च करने का प्रस्ताव पास कर लिया है। एक तरफ क्लब प्रशासन व कार्यकारिणी खुद को आर्थिक तंगी से घिरा हुआ बता रहा है तो दूसरी तरफ क्लब की अत्याधुनिक सुविधाओं वाले स्वीमिग पूल को तोड़कर नया स्वीमिग पूल बनाने का प्रस्ताव भी रखा गया है। इस स्वीमिग पूल के निर्माण पर हाल ही में लगभग 37 लाख रुपये पुरानी कार्यकारिणी ने खर्च किए थे और तमाम सदस्यों का यह मानना है कि इतनी जल्दी स्वीमिग पूल को 37 लाख रुपये खर्च करने के बाद तुड़वाने का क्या मतलब है। इस मुद्दे को लेकर क्लब के कुछ वरिष्ठ सदस्यों ने लाबिग भी शुरू कर दी है क्योंकि पूरे स्वीमिग पूल को 2018 में मौजूदा सचिव के कार्यकाल में ही लगभग 37 लाख रुपये की लागत से रेनोवेट किया गया था। इसके बाद कोरोना काल शुरू हो गया और स्वीमिग पूल बंद हो गया था। अब दोबारा नई कार्यकारिणी में सचिव के पोस्ट पर संदीप बहल अपनी टीम के साथ काबिज हैं और पूल को तोड़कर नया स्वीमिग पूल बनवाने की कवायद में जुट गए हैं। नया स्वीमिग पूल ओलिंपिक साइज का बनाया जाएगा। कार्यकारिणी की बैठक में लिए गए अन्य फैसले
-क्लब की आय बढ़ाने के लिए विज्ञापनों का सहारा लिया जाएगा और पार्किंग एरिया में विज्ञापन लगाने की सुविधा के बदले 50 हजार रुपये प्रति माह वसूले जाएंगे।
-क्लब में जिमखाना प्रीमियर लीग के क्रिकेट मैच अप्रैल के दूसरे सप्ताह से शुरू करवाए जाएंगे।
-क्लब के नियमों को एक सिगल बुकलेट में दर्ज करवाया जाएगा।
-अमित कुकरेजा, नितिन बहल व अतुल तलवाड़ की तीन सदस्यीय कमेटी क्लब के रूल्स को कंपाइल करेगी।
-क्लब के शौचालयों का पुनर्निर्माण करवाया जाएगा।

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