Punjab: विवाद के बाद सिंगर Gurdas Maan ने मांगी माफी, सिख संगठनों ने नकारा; मामला दर्ज करवाने पर अड़े
गुरदास मान ने हाल ही में नकोदर स्थित डेरा बाबा मुराद शाह में संपन्न हुए मेले के दौरान श्री गुरु अमरदास जी को लेकर की गई टिप्पणी को लेकर माफी मांगी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर माफी मांगते हुए वीडियो शेयर की है।

संवाद सहयोगी, जालंधर। डेरा बाबा मुराद शाह में लाडी शाह जी को तीसरे गुरु श्री गुरु अमर दास जी का वंशज बताने पर शुरू हुए विवाद के बाद मंगलवार को पंजाब के गायक गुरदास मान ने वीडियो जारी कर माफी मांगी है। गुरदास मान ने वीडियो में कहा कि गुरुओं की तुलना किसी से नहीं की जा सकती क्योंकि वह सबसे ऊपर हैं। उन्होंने कहा कि बाबा मुराद शाह जी के डेरे में यह बात जरूर कही कि श्री गुरु अमरदास जी के वंशज साईं लाडी शाह जी हैं, लेकिन इसमें वह गुरुओं से तुलना नहीं कर सकते। ना ही उनकी मंशा किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करने की थी। इस बात के लिए यदि किसी की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं तो वह सौ सौ बार माफी मांगते हैं।
उधर, सिख संगठनों ने गुरदास मान की माफी को नकार दिया है। जालंधर के एसएसपी दफ्तर के बाहर धरने पर बैठे सिख संगठनों ने कहा गुरदास मान की कही बात माफी योग्य नहीं है। उन्होंने मांग की है कि गुरदास मान पर मामला दर्ज किया जाए। उनका कहना था कि जब तक मामला दर्ज नहीं होगा तब तक वह लोग धरने से नहीं उठेंगे। वही इस संबंध में एसएसपी नवीन सिंगला का कहना था कि मामले की जांच की जा रही है। सिख संगठनों से बातचीत करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है।
बता दें कि हाल ही में नकोदर स्थित डेरा बाबा मुराद शाह में संपन्न हुए मेले के दौरान गायक गुरदास मान द्वारा मंच पर से श्री गुरु अमरदास जी को लेकर टिप्पणी की गई थी। जिसे लेकर सिख संगत में भारी रोष है। मामले को लेकर जिले के सिख संगठनों ने सोमवार सुबह पुलिस कमिश्नर के नाम पर एसएसपी नवीन सिंगला को मांगपत्र भी दिया। वहीं, गुरदास मान पर पर्चा दर्ज करने की मांग को लेकर एसएसपी आफिस के बाहर धरना लगा दिया, जो रात तक चल कर मंगलवार को भी जारी है। सिख तालमेल कमेटी के प्रमुख तेजिंदर सिंह परदेसी व हरप्रीत सिंह नीटू ने कहा कि गुरदास मान ने मंच पर से गुरुओं की तुलना साईं लाडी शाह से की है, जबकि सिख मर्यादा का डेरे की परंपरा के साथ कोई मिलान नहीं किया जा सकता है। ऐसा करना सिख मर्यादा के विपरीत है। इससे सिखों की धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं।

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