लौकी ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, जालंधर में रिटेल में दाम पहुंचे Rs 80 Per Kg, माह के अंत तक मार सकता है सेंचुरी
इन दिनों सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं। आमतौर पर लौकी की सब्जी सस्ती होती थी लेकिन इस बार इसके दाम 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। माह के अंत तक दाम 100 तक पहुंच सकते हैं।

जागरण संवाददाता, जालंधर। महंगाई के दौर में लौकी खाकर गुजारा करते हैं... यह बात अब बेमानी हो गई है। कारण, कभी सब्जियों में सबसे सस्ती गिनी जाती लौकी के दाम इन दिनों जालंधर में 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। व्यापारियों की मानें तो आने वाले दिनों में लौकी के दाम सेंचुरी भी मार सकते हैं।
दरअसल, दालों के भाव व सब्जियों के दामों में लगातार इजाफा होता जा रहा है। अभी तक सस्ती सब्जियों में गिनी जाती लौकी के दाम भी आसमान छूने लगे हैं। जुलाई माह में 30 रुपये प्रति किलो तक बिक रही लौकी के दाम बढ़कर इन दिनों 80 रुपये तक पहुंच चुके हैं। हांलांकि इसके लिए लोकल माल की आमद कम होने को कारण बताया जा रहा है, लेकिन मौजूदा दामों के चलते केवल निम्न ही नहीं बल्कि मध्यम वर्ग की पहुंच से भी लौकी दूर हो गई है।
ताइवान से मंगवा रहे व्यापारी
इस बारे में मकसूदा स्थित थोक सब्जी मंडी के कारोबारी विजय कुमार बताते हैं कि गर्मी के सीजन में लौकी की मांग में इजाफा हो जाता है। लोकल फसल इन दिनों नहीं आ रही। ऐसे में दिल्ली तथा चंडीगढ़ के व्यापारी ताइवान से लौकी मंगवा रहे हैं। यही कारण है कि परिवहन तथा अन्य खर्च पड़ने के बाद दामों में कितना इजाफा हो गया है।
सेंचुरी तक पहुंच सकते हैं दाम
मंडी के थोक कारोबारी जसपाल सिंह के मुताबिक रिटेल में 80 रुपये प्रति किलो लौकी बेचने के बाद भी खासा मार्जिन नहीं होता। कारण गर्मी के सीजन में लौकी की क्वालिटी अधिक दिन तक नहीं बनी रह सकती। जिसके चलते 2 दिन बाद यह खराब होनी शुरू हो जाती है। जिसका नुकसान भी व्यापारियों को झेलना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली तथा चंडीगढ़ से आ रही लौकी के दामों में गिरावट न हुई तो आने वाले दिनों में इसके दाम 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंचने तय हैं।
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