ज्ञानी मोहन सिंह ने अमृतसर में एक करोड़ की कोठी Golden Temple के नाम की दान, रह चुके हैं मुख्य ग्रंथी
अमृतसर की अंतरयामी कालोनी में रहने वाले ज्ञानी मोहन सिंह ने अपनी जीवनभर की जमा पूंजी से तैयार एक करोड़ रुपये की कोठी श्री हरिमंदिर साहिब के नाम दान कर दी है। वह श्री हरिमंदिर साहिब में मुख्य ग्रंथी रह चुके हैं।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। अंतरयामी कालोनी में रहने वाले ज्ञानी मोहन सिंह ने अपनी 200 वर्ग की कोठी श्री हरिमंदिर साहिब (स्वर्ण मंदिर) के नाम दान कर दी है। इस कोठी की कीमत लगभग एक करोड़ रुपये है। ज्ञानी मोहन सिंह ने शुक्रवार को एसजीपीसी के अधिकारियों को अपने घर बुलाया और अपनी कोठी श्री हरिमंदिर साहिब के नाम दान करने का एलान किया।
ज्ञानी मोहन सिंह की कोठी ईस्ट मोहन नगर के साथ ही स्थित अंतरयामी कालोनी में है। वह श्री हरिमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी रह चुके हैं। रिटायरमेंट के बाद भी उन्हें एडिशनल ग्रंथी तैनात किया गया था। ज्ञानी मोहन सिंह पत्नी के साथ इस कोठी में रह रहे हैं। उनका एक बेटा कनाडा में रहता है। ज्ञानी मोहन सिंह ने कहा कि उन्होंने काफी समय से फैसला लिया था कि अपनी यह रिहायश वह श्री गुरु राम दास जी के नाम कर देंगे।
ज्ञानी मोहन सिंह ने कहा कि आयु काफी हो चुकी है, इसलिए वह यह शुभ काम अपने जीवित रहते हुए ही करना चाहते थे। इसीलिए उन्होंने एसजीपीसी के अधिकारियों को बुलाकर कह दिया कि यह रिहायश गुरु घर श्री हरिमंदिर साहिब को दी जाती है। एसजीपीसी के सचिव सुखदेव सिंह भूराकोहना ने कहा कि ज्ञानी मोहन सिंह इस रिहायश में जब तक रहना चाहें रहेंगे। जब उनकी इच्छा होगी तब एसजीपीसी की ओर से यह रिहायश उनसे ले ली जाएगी।
वहीं, जब कोठी दान के करने के संबंध में ज्ञानी मोहन सिंह से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से साफ इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्होंने कोठी सुर्खियों में आने के लिए दान नहीं की है। दान का अपना महत्व होता है। वह नहीं चाहते कि इसका प्रचार प्रसार हो। बता दें, स्वर्ण मंदिर में पहले भी कई लोग दान करते रहे हैं।
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