Religious Conversion In Punjab: जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत बोले- मतांतरण रोकने के लिए अपने इतिहास से प्रेरणा लें सिख
Religious Conversion In Punjab मतांतरण पर जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि इसे रोकने के लिए सिखों को अपने इतिहास से प्रेरणा लेनी चाहिए। इस संबंध में श्री गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादे प्रेरणास्त्रोत हैं जो लालच और मुगलों के जुल्म के आगे नहीं झुके।

जागरण संवाददाता, अमृतसर। Religious Conversion In Punjab: श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि खालसा पंथ ने हमेशा हक-सच के लिए लड़ाई लड़ी है। गुरुद्वारा गुरु का बाग का मोर्चा भी इसी के तहत फतेह किया गया। कौम के इस इतिहास को युवाओं तक ले जाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए अगली पीढ़ी तैयार हो सके।
मतांतरण पर उन्होंने कहा कि इसे रोकने के लिए सिखों को अपने इतिहास से प्रेरणा लेनी चाहिए। इस संबंध में श्री गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादे प्रेरणास्त्रोत हैं, जो लालच और मुगलों के जुल्म के आगे नहीं झुके। जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह सोमवार को गुरुद्वारा गुरु का बाग घुक्केवाली में 100वीं शताब्दी को लेकर आयोजित समागम को संबोधित कर रहे थे।
सिख इतिहास को संगत तक पहुंचाएं
इस मौके शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने सिख इतिहास को संगत तक पहुंचाने के लिए धर्म प्रचार लहर जारी रखने का एलान किया। उन्होंने कहा कि इस समय बहुत से लोग पंजाब में जमीन तैयार कर रहे हैं ताकि शिरोमणि कमेटी के चुनाव के जरिए गुरुद्वारों का प्रबंध हथियाया जा सके।
सरहदी इलाकों में प्रचार के लिए भेजे जाएंगे विद्यार्थी
धामी ने स्पष्ट किया कि सरहदी इलाके में मतांतरण संबंधी चर्चा ज्यादा है और जमीनी स्तर पर हालात कुछ और हैं। ऐसे में सिख मिशनरी कालेजों के विद्यार्थी सरहदी इलाकों में प्रचार के लिए भेजे जाएंगे, ताकि धर्म मतांतरण का सच जाना जा सके।
समागम में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) बादल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि अकाली दल और एसजीपीसी पर बिना कारण अंगुली उठाने वाले लोग खुद पंथ विरोधियों की शरण में हैं। इनसे सावधान रहने की जरूरत है।
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