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    करंसी का फंडा : 'काला धन' खपाने को तीन माह का वेतन एडवांस

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Sat, 12 Nov 2016 10:19 AM (IST)

    पुराने नोट खपाने के लिए लोग कई तरह के फंडे अपना रहे हैं। जालंधर, लुधियाना और अमृतसर जैसे शहरों में फैक्‍टरी मालिक श्रमिकोें को कई माह की एडवांस सैलरी दे रहे हैं।

    जेएनएन, जालंधर। एक कहावत है 'तू डाल-डाल मैं पात-पात'। काला धन खपाने वाले इसी को चरितार्थ करते हुए रोजाना नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। पहले धर्म का सहारा लेकर गुरुद्वारों व मंदिरों में पांच सौ व हजार के नोट देकर छोटे नोट लेने का मामला सामना आया। इस पर जब कार्रवाई की बात हुई तो व्यापारियों-कारोबारियों व उद्यमियों ने नया तरीका अपना लिया। अब श्रमिकों को दो से तीन माह का वेतन एडवांस में दिया जा रहा है। इसके अलावा नोट बदलवाने के लिए स्कूली बच्चों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

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    काम करने के बजाय बैंकों में नोट एक्सचेंज करवाने भेजा

    श्रमिकों को एडवांस में वेतन देने के साथ ही उद्यमी उन्हें पुराने नोट एक्सचेंज करने के लिए फैक्टरियों में काम लेने के बजाय बैंकों में भेज रहे हैं जहां वे चार-पांच घंटे लाइनों में लगकर 500 और 1000 के पुराने नोट एक्सचेंज करवा रहे हैं। इसके लिए उन्हें प्रति हजार सौ रुपये भी दिए जा रहे हैं। जालंधर, लुधियाना, अमृतसर जैसे शहरों में बैंक खुलने से पहले ही काफी लंबी लाइनें लगने का यह भी एक बड़ा कारण है।

    जालंधर में फोकल प्वाइंट स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के बाहर लगी लाइनों में लगे लोगों से जब बात की गई तो उन्होंने इसका खुलासा किया।

    जालंधर के पीएनबी के बाहर लाइन में खड़े अनिल कुमार ने बताया कि बाबू जी (फैक्टरी मालिक) के कहने पर यहां आए हैं। हमारा तो बैंक में खाता भी नहीं है लेकिन आधार कार्ड बनवा रखा है जिससे पैसे बदलकर बाबूजी को वापस कर देंगे। उसे चार हजार रुपये बदलवाने पर चार सौ रुपये मिलेंगे, साथ ही फैक्टरी में काम करने से भी छुटकारा मिल गया है।

    उसने बताया है कि इतना ही नहीं, बाबू जी ने तीन माह का वेतन भी एडवांस में नकद दे दिया है। पूछने पर उसने बताया कि उसका वेतन सात हजार रुपये महीना है और फैक्टरी में दो सौ लोग काम करते हैं। अब इसका हिसाब लगाने पर 42 लाख रुपये बनते हैं। ये तो एक फैक्टरी की बात हुई। अन्य शहरों की अधिकतर फैक्टरियों में यही हाल है।

    तीनों महानगरों में तमाम फैक्टरी मालिकों ने श्रमिकों को दो-तीन माह का एडवांस वेतन दे दिया है और उनसे पुराने नोट भी एक्सचेंज करवा रहे हैं। इस तरह करोड़ों रुपये एक दिन में खपा दिए गए हैं। लाइन में तीन घंटे से खड़े मुरारी लाल ने कहा कि उसकी तनख्वाह भी चार हजार रुपये नहीं है। नौकरी न चली जाए इसी चक्कर में वह कंपनी मालिक का आदेश मान रहा है।

    स्कूली बच्चों से बदलवाए नोट

    श्रमिकों के अलावा इस काम में स्कूली बच्चों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। जालंधर के टैगोर नगर में स्थित एक स्कूल के दसवीं-ग्यारहवीं के छात्रों ने बताया कि उनसे एक दिन पहले आधार कार्ड लाने को कहा गया था। शुक्रवार को जब वे स्कूल पहुंचे तो उन्हें 500 सौ व 1000 के नोट देकर बैंक भेज दिया गया कि नोट बदलवा कर लाओ।