बाबा सोहन सिंह भकना म्यूजियम में मेला गदरी बाबेयां दा आज से
31 अक्टूबर से देश भगत यादगार हाल में 30वां मेला गदरी बाबेयां दा से शुरू होगा।
संवाद सहयोगी, जालंधर : 31 अक्टूबर से देश भगत यादगार हाल में 30वां मेला गदरी बाबेयां दा से शुरू होगा। मेले में शामिल होने के लिए लाखों की संख्या में लोग पहुंचने वाले हैं। लोगों के लिए हर साल की तरह इस बार भी नाटकों के मंचन की व्यवस्था भी की गई है। मेले से एक दिन पहले पुस्तक प्रदर्शनी की शुरुआत हो गई है जिसमें 80 से अधिक स्टाल लगाए गए हैं। मेले का शुभारंभ नए बने म्यूजियम बाबा सोहन सिंह भकना का उद्घाटन कर किया जाएगा। इसके बाद विचार चर्चा का सेशन शुरू होगा जिसे दो भागों में बांटा गया है। दोपहर 11 बजे से एक बजे तक किसान आंदोलन और दो बजे से चार बजे तक बब्बर अकाली लहर और मौजूदा हालात पर चर्चा होगी। फिर शाम चार बजे कवि दरबार और शाम 6:00 बजे फिल्म शो दिखाया जाएगा।
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म्यूजियम में लाहौर का सेंट्रल जेल का दृश्य
देश भगत यादगार हाल में दूसरा म्यूजियम बाबा सोहन सिंह भकना के नाम से बनाया गया है। आज के युवा पीढ़ी को बहुत समय के हालातों से रूबरू करवाने के लिए म्यूजियम में लाहौर का सेंट्रल जेल, करतार सिंह सराभा की प्रेस मशीन, काले वाला कुआं, फांसी का दृश्य जैसे अन्य कई चीजें तस्वीरों के रूप में दर्शाया गया है। लाहौर के सेंट्रल जेल की तस्वीर के साथ लिखित में दिया गया है कि किस तरीके से उस समय जेल में कैदी बनाए हुए देशभक्तों से सिर पर नारियल तुड़वा कर तेल निकलवाते थे। इसके अलावा गदर लहर के स्वतंत्रता संग्रामियों में का इतिहास म्यूजियम में लिखित रूप में दिखाया गया है। जिसे देखकर लोगों के अंदर देश के प्रति कुछ कर गुजरने का जुनून पैदा हो।
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पुस्तक प्रदर्शनी में लगे 80 से अधिक स्टाल
देश भगत यादगार हाल में 30 अक्टूबर से पुस्तक प्रदर्शनी सुबह 11 बजे से शुरू हो गई है। इसमें विभिन्न राज्य एवं शहरों से लगभग 80 से भी अधिक पुस्तक प्रकाशन वालों ने अपने स्टाल लगाए हैं। इसमें प्रसिद्ध लेखक और कवि मुंशी प्रेमचंद, रविद्र नाथ टैगोर, अमृता प्रीतम, साहिर लुधियानवी, शिव कुमार बटालवी, अरुंधति रॉय, खुशवंत सिंह, महात्मा गांधी, राजा राय, सरोजिनी नायडू, चाणक्य, चार्ली चैपलिन, एपीजे अब्दुल कलाम, कबीर दास, शायद मुमताज अली, आर के नारायण के साथ अन्य कई लेखकों की पुस्तकें शामिल की जाएंगी। पुस्तक प्रेमी दूर दूर से यहां पर पुस्तकें खरीदने के लिए हर साल आते हैं। कमेटी सदस्य अमोलक सिंह का कहना है कि 2 लाख के लगभग पुस्तकें बिकने की उम्मीद है।
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