अपहरण कर साढ़े चार माह तक सामूहिक दुष्कर्म, गर्भवती हुई लड़की
जालंधर में एक नाबालिग लड़की को अपहरण कर पांच युवक उससे साढ़े चार माह तक सामूहिक दुष्कर्म करते रहे। इससे वह गर्भवती हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज करने की जगह समझौता कराने की कोशिश की।
जेएनएन, जालंधर। जिले के मकसूदां की 16 साल की नाबालिग लड़की का अपहरण कर साढ़े चार माह तक सामूहिक दुष्कर्म किया गया। किसी तरह चंगुल से छूट पुलिस के पास पहुंची तो एसएचओ ने डेढ़ माह तक एफआइआर दर्ज नहीं की। यही नहीं एसएचओ ने दबाव डाल साढ़े तीन लाख में समझौता कराया लेकिन पीडि़ता को सिर्फ डेढ़ लाख रुपये दिए। लड़की छह माह की गर्भवती है अौर डाक्टरों ने उसका मेडिकल करने से इन्कार कर दिया। अब उसका डीएनए टेस्ट किया जाएगा।
एसएचओ द्वारा मामला दर्ज नहीं करने पर परेशान लड़की ने एसएसपी गुरप्रीत सिंह भुल्लर से शिकायत की। इसके बाद मामला दर्ज किया गया। एसएसपी ने एसएचओ लाइन हाजिर कर दिया है।
एसएचओ ने साढ़े तीन लाख में कराया था समझौता, पीडि़ता को दिए सिर्फ डेढ़ लाख
एसएसपी गुरप्रीत सिंह भुल्लर के निर्देश के बाद मकसूदां पुलिस ने नाबालिग लड़की से अपहरण और दुष्कर्म की बुधवार को रिपोर्ट दर्ज की। लड़की का कहना है कि उसकी एक फैक्टरी में काम करने वाले दीपक नामक युवक से जान पहचान थी। 19 सितंबर 2016 को दीपक ने उसे धोखे से नशीला पदार्थ खिला दिया और उसे भुलत्थ ले गया।
लड़की ने पुलिस को बताया कि वहां दीपक ने उससे दुष्कर्म किया। इसके बाद दीपक के भाई व उसके तीन दोस्तों ने भी उसको हवस का शिकार बनाया। उन लोगों ने साढ़े चार माह तक उसे कमरे में बंद रखा। इस दौरान पांचों उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करते रहे। डेढ़ माह पहले वह किसी तरह वहां से भाग निकली और सीधा घर पहुंची।
यह भी पढ़ें: सास ने बहू के प्रेमी को पिटवाया तो युवक ने अपनी गर्दन पर किए चाकू से वार
इसके बाद लड़की ने घरवालों नके साथ जाकर कई बार थाने में शिकायत दी, लेकिन उनकी एफआइआर तक नहीं दर्ज की गई। लड़की के परिजनों का आरोप है कि डेढ़ माह पहले आरोपियों को पकड़कर पुलिस ने उन पर राजीनामे का दबाव बनाया। इसमें इलाके के ही एक व्यक्ति के मार्फत दोनों पक्षों में पुलिस ने साढ़े तीन लाख में राजीनामा करा दिया लेकिन लड़की को सिर्फ डेढ़ लाख ही दिए गए। बाकी रुपये उक्त व्यक्ति और पुलिस के बीच बंट गए।
यह भी पढ़ें: सीनियर छात्र कमरे में आकर करते थे अपने जूनियर से कुकर्म
इसके बाद लड़की 26 मार्च को एसएसपी गुरप्रीत सिंह के पास पहुंची और पूरी बात बताई। इसके बाद एसएसपी ने तत्काल प्रभाव से एसएचओ सुक्खा सिंह को लाइन हाजिर कर दिया। पूरे मामले की जांच करतारपुर के डीएसपी अरविंद पुरी को सौंपी गई है। सुक्खा सिंह के हटाए जाने के बाद नए एसएचओ बने एसआइ सुरजीत सिंह ने बुधवार को लड़की के बयान के आधार पर दीपक व उसके साथियों पर अपहरण व दुष्कर्म का मामला दर्ज कर लिया।
-----------
पीडि़ता छह माह की गर्भवती, गर्भपात से जान को खतरा
मकसूदां एसएचओ सुरजीत सिंह ने मामला दर्ज करने के बाद लड़की को सिविल अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए ले गए। डाक्टरों ने जांच के बाद बताया कि लड़की छह माह की गर्भवती है, इसलिए उसका मेडिकल नहीं हो सकता। दुष्कर्म की पुष्टि के लिए उसका डीएनए टेस्ट कराना होगा। डाक्टरों का कहना कि हाई रिस्क के चलते गर्भपात किया जाना मुश्किल है। इससे लड़की की जान को खतरा हो सकता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।