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    ट्रूडो सरकार के फैसले से पंजाबियों पर गिरी गाज, कनाडा में बसने का सपना रह जाएगा अधूरा; 1 महीने में करनी होगी घर वापसी

    कनाडा सरकार ने विजिटर वीजा नियमों में बड़ा बदलाव किया है। अब 10 साल के वीजा में छह नहीं बल्कि एक महीने में घर वापसी करनी होगी। इससे पंजाबियों का कनाडा में स्थायी रूप से बसने का सपना अधूरा रह जाएगा। यहां आप विस्तार से जान सकेंगे कि पंजाबियों पर नए नियमों का क्या असर होगा और पंजाबियों के लिए क्या रास्ता है।

    By Kamal Kishore Edited By: Prince Sharma Updated: Sat, 09 Nov 2024 08:38 PM (IST)
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    अब पंजाब के लोगों का कनाडा में बसने का सपना रह जाएगा अधूरा

    कमल किशोर, जालंधर। भारत और कनाडा के बीच बढ़ता तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच ट्रूडो सरकार ने विजिटर वीजा नियमों में बड़े बदलाव किए हैं। पहले स्टूडेंट वीजा, अब विजिटर वीजा के नियमों में बदलाव कर दिए गए हैं। इसका असर पंजाब के लोगों पर पड़ना स्वाभाविक है।

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    ऐसे में अब पंजाबियों का कनाडा में स्थायी रूप से बसने का सपना अधूरा रह जाएगा। बता दें कनाडा सरकार ने दस वर्ष का विजिटर वीजा देने में बदलाव किया है। इसके बंद होने से अब लोगों को केवल एक महीने तक का विजिटर वीजा मिलेगा और एक महीने बाद कनाडा में लौटना होगा।

    पहले लोग दस वर्ष का कनाडा वीजा लगाकर रख लेते थे और कभी भी घूमने के लिए निकल जाते थे। इससे पहले सरकार ने स्टडी वीजा के नियमों के बदलाव कर दिए थे। दोगुनी जीआइसी के साथ-साथ वर्क परमिट वाले विद्यार्थियों को काम भी नहीं मिल रहा है।

    वर्ष 2023 में 12 लाख विजिटर वीजा जारी किए थे

    कनाडा वीजा एक्सपर्ट सुखविंदर नंद्रा व दविंदर कुमार ने बताया कि विजिटर वीजा का समय दस वर्ष खत्म होने पर पंजाबियों पर अधिक असर पड़ेगा। वर्ष 2023 की बात करें तो 12 लाख वीजा मिला था, जिसमें 55 फीसद पंजाबी थे। वर्ष 2021 में भारतीयों को 2.37 करीब विजिटर वीजा जारी किए थे। लेकिन 2022 में यह गिनती 11 लाख हो गई थी। हर वर्ष की बात करें पंजाब ने छह से सात लाख लोगों को विजिटर वीजा लेते है।

    कनाडा का वीजा लगाकर रख लेते थे पंजाबी

    कई पंजाबी पासपोर्ट पर कनाडा का वीजा लगाकर रख लेते थे। साथ ही यूएसए का वीजा अप्लाई करते थे। कनाडा का वीजा लगा होने की वजह से यूएसए का वीजा जल्द मिलने के आसार होते है। कई लोग कनाडा से यूएसए वीजा अप्लाई की अप्वाइंटमेंट लेते थे।

    अप्वाइंटमेंट मिलने के बाद वीजा की तारीख मिल जाती थी। वीजा लगभग मिल जाता था। यूएसए का वीजा लगने के बाद कई पंजाबियों ने वापस आने की बजाए यूएसए में काम करना शुरु कर दिया है। पंजाबी कनाडा में वर्क परमिट व विजीटर वीजा पर गए है वह यूएसए का वीजा लगाकर काम कर रहे है।

    अब पंजाबियों का बसने का सपना टूटने के कगार पर

    कनाडा सरकार दस वर्ष का वीजा देती थी। अगर व्यक्ति विजिटर वीजा लगाकर कनाडा गया है तो छह महीने से पहले भारत लौटना पड़ता था। भारत में दो-तीन महीने रहकर दोबारा कनाडा की टिकट लेकर जा सकता था। विजिटर वीजा लेने के लिए अप्लाई करने वाले व्यक्ति को कोई रीजन देना पड़ता था।

    बता दें अगर किसी का बच्चा कनाडा में स्टडी वीजा के लिए गया है। उक्त यूनिवर्सिटी या कॉलेज का दीक्षांत समारोह है तो बच्चा अपने अभिभावक को आमंत्रित कर सकता है।

    भारत में बैठे अभिभावकों को विजिटर वीजा के लिए अप्लाई करना पड़ता है। वीजा अप्लाई करने के लिए कोई ना कोई रीजन कनाडा एंबेसी को बताना होता था। जिसके आधार पर वीजा पर मुहर लगती है। अब कनाडा सरकार दस वर्ष की बजाए वीजा अप्लाई के दौरान बताए गए रीजन को देखते हुए वीजा जारी कर सकती है।

    विजिटर वीजा को वर्क परमिट में कर लेते थे कनवर्ट

    कनाडा का दस वर्ष का वीजा लेकर पंजाबी विजिटर वीजा को वर्क परमिट में कनवर्ट कर लेते थे। विजिटर वीजा पर आप कनाडा में किसी जगह पर काम नहीं कर सकते।

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    अगर काम करते पकड़े जाते है तो काम करवाने वाले को जुर्माना और जो काम करने वाले को डिपोर्ट किया जाता है। कैश के काम में डॉलर भी कम मिलते थे। इसी के चलते पंजाबियों ने विजिटर वीजा को वर्क परमिट पर कनवर्ट और एक वर्ष बाद पीआर की फाइल लगा लेते थे ताकि मेहताना पूरा मिले।

    चुनावी राजनीतिकरण को लेकर किए जा रहे है बदलाव

    कनाडा में बसे पंजाबियों का कहना है कि चुनावी माहौल को देखते हुए यह फैसले लिए जा रहे है। नए-नए नियम निकाले जा रहे है। भारतीयों की गिनती अधिक होने की वजह से काम नहीं मिल रहा है। घर का रेंट अधिक है। जिसके कारण स्टडी पर गए विद्यार्थी को मुश्किल का सामना करना पड़ता है।

    विजिटर वीजा पर गए लोग कम डॉलर लेकर करते थे काम

    चार से पांच वर्ष पहले की बात करें तो विजीटर वीजा पर गए लोग कनाडा में कम डालर में काम करते थे। कनाडाई लोगों को काम मिलने में मुश्किल हो गई। यह भी कारण हो सकता है कि कनाडा सरकार ने विजिटर वीजा पर काम करने पर रोक लगा दी। दस वर्ष के वीजा बंद से पंजाबियों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।

    किसी व्यक्ति के लोग कनाडा के निवासी है। उनसे मिलने के लिए भारत में बैठे रिश्तेदारों कोे बार-बार वीजा अप्लाई करना होगा। वीजा अबेंसी फीस भरनी होगी। किसी ट्रेवल एजेंट के पास जाते है तो 50 से 60 हजार रूपये वीजा अप्लाई फाइल चार्ज का भुगतान करना होगा।

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