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किसानों के धरने का असर: माल से लदे ट्राले 4 दिन से जालंधर में फंसे, दिल्ली नेशनल हाईवे खुलने का इंतजार

Punjab Kisan Andolan पंजाब के किसानों ने शुक्रवार से जालंधर-दिल्ली नेशनल हाईवे ब्लाक कर रखा है। जालंधर से फगवाड़ा जालंधर से होशियारपुर और अमृतसर का सीधा रास्ता ब्लाक हो गया। डायवर्ट रूट से छोटे वाहन तो गुजर रहे हैं लेकिन बड़े ट्राले का निकल पाना संभव नहीं है।

By Vinay KumarEdited By: Published: Tue, 24 Aug 2021 08:05 AM (IST)Updated: Tue, 24 Aug 2021 01:40 PM (IST)
किसानों के धरने का असर: माल से लदे ट्राले 4 दिन से जालंधर में फंसे, दिल्ली नेशनल हाईवे खुलने का इंतजार
जालंधर में पठानकोट बाईपास पर ट्रालों की लगी लंबी लाइनें। जागरण

जालंधर [शाम सहगल]।  Punjab Kisan Andolan Effect जालंधर में किसानों की हड़ताल ने शहर से होकर जाने वाले ट्रालों के पहिए रोक दिए हैं। पिछले चार दिनों से यह ट्राले पठानकोट बाईपास रोड पर अटके हैं। यहां फंसे ड्राइवर किसानों का धरना खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने रूट डायवर्सन किया है लेकिन इन रूटों पर बड़े ट्रालों का टर्न लेना संभव नहीं है। इस कारण पठानकोट बाईपास रोड पर ट्रालों की कतारें लगनी शुरू हो गई हैं। इसके साथ ही इस रोड से गुजर रहे ट्रकों को रात 8 बजे तक इसी मार्ग पर रोका जा रहा है। इससे यह रोड दिन भर पूरी तरह से ब्लाक रहता है।

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बता दें कि गन्ने का न्यूनतम समर्थन मूल्य 400 रुपये करने की मांग को लेकर पंजाब के किसानों ने शुक्रवार से जालंधर-दिल्ली नेशनल हाईवे और रेलवे ट्रैक ब्लाक कर दिया है। इस कारण जालंधर से फगवाड़ा, जालंधर से होशियारपुर और अमृतसर का रास्ता ब्लाक हो गया। डायवर्ट रूट से से कारें व छोटे वाहन तो आसानी से गुजर रहे हैं, लेकिन बड़े ट्राले का यहां से गुजरना संभव नहीं है।

इसलिए बढ़ रही ट्राला वालों की कतार

किसानों द्वारा धरना लगाए जाने के साथ ही बंद किए रास्ते तथा जिला प्रशासन द्वारा किए गए डायवर्सन के तहत जालंधर से फगवाड़ा की तरफ जाने वाला ट्रैफिक डिफेंस कालोनी से कैंट रोड को होते हुए बनाया गया है। जबकि, बड़े ट्राले इस रिहायशी कालोनियों से गुजरना आसान नहीं है। यहीं, कारण है कि पठानकोट रोड हाईवे पर खड़े यह ट्राले धरना खुलने का इंतजार कर रहे हैं।

चार दिनों से धरना खुलने का इंतजार

अमृतसर से लुधियाना ट्राला लेकर जा रहे विजेंद्र कुमार बताते हैं कि वह पिछले चार दिनों से धरना खुलने का इंतजार कर रहे है। भले ही प्रशासन ने रूट डायवर्ट किया है, लेकिन उन मार्गों से बड़े ट्राले का गुजरना संभव नहीं है। जिसके चलते उनके सामने किसानों का धरना खुलने का इंतजार करना ही एकमात्र विकल्प बचा है।

ग्रामीण पहुंचा रहे लंगर, शौचालय की बड़ी मुश्किल

राजस्थान ट्राला लेकर जा रहे शिव कुमार बताते हैं कि पिछले चार दिनों से किसानों का धरना खुलने का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से रोजाना लंगर उपलब्ध करवाया जा रहा है। लेकिन, शौचाल को लेकर समस्या बनी हुई है। गर्मी के बीच लगातार चार दिनों तक नहाने धोने से लेकर शौचालय जाने तक के लाले पड़ गए हैं।

ठप होकर रह गया कारोबार

ट्राला लेकर लुधियाना की तरफ जाने वाले बिट्टू बताते हैं कि पिछले चार दिनों से कारोबार ठप्प होकर रह गया है। इस बीच घर का खर्च निकालना भी मुश्किल हो चुका है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस समस्या का जल्द से जल्द समाधान करना चाहिए।

रात 8 बजे के बाद ट्रकों को दिया जा रहा प्रवेश

एक तरफ जहां बड़े ट्राले मजबूरन जहां खड़े किए गए हैं, तो वहीं दूसरी तरफ माल से भरे हुए तथा खाली ट्रकों को रात आठ बजे के बाद ही पठानकोट चौक से आगे एंट्री दी जा रही है। तर्क यह है कि डायवर्ट किए गए रोड पर भी ट्रैफिक का दबाव रात आठ बजे के बाद कम होता है।

दिन के समय भारी वाहनों का शहर में प्रवेश प्रतिबंधित : डीसी

इस बारे में डीसी घनश्याम थोरी बताते हैं कि शहर के अंदरूनी इलाकों में रात आठ बजे से पहले भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है। ऐसे में रात आठ बजे के बाद ही डायवर्ट किए गए रूटों पर कमर्शियल वाहनों को प्रवेश की इजाजत दी गई है। इसके लिए हाईवे पर नाके लगे हुए है।

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