पंजाब फर्जी डिग्री मामले में गिरफ्तार डॉक्टर का बड़ा खुलासा, कहा- इंटरनेट से सीखी थी डिग्रियां बनाना
जालंधर में फर्जी डिग्री मामले में गिरफ्तार डॉ. पुष्कर गोयल ने इंटरनेट से डिग्रियां बनाना सीखा था। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया है जबकि एक महिला आरोपी अभी भी फरार है। जांच में पता चला है कि डॉक्टर और उसके साथियों ने मिलकर फर्जी डिग्री का गोरखधंधा चलाया था जिसमें वे युवाओं को विदेश भेजने के लिए फर्जी डिग्रियां बेचते थे।
जागरण संवाददाता, जालंधर। फर्जी डिग्रियां तैयार करने और अवैध शराब रखने के आरोप में गिरफ्तार किए गए डॉ. पुष्कर गोयल ने इंटरनेट की मदद से डिग्रियां बनाना सीखा था। पुलिस ने उसे पुलिस रिमांड खत्म होने पर जेल भेज दिया लेकिन उसके साथ नामजद हुई लड़की को पुलिस पांच दिन बाद भी गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
बताया जा रहा है कि डॉक्टर और उसके साथ काम करने वाली लड़कियों ने भी इंटरनेट के माध्यम से डिग्री बनाना सीखा और फिर इंटरनेट की मदद से ही डिग्रियों के नंबर, जो संबंधित यूनिवर्सिटी या कालेज की डिग्री पर लगते थे, भी ढूंढ कर लगाते थे। पुलिस अब बरामद हुई डिग्रियों के नाम वाले लोगों को तलाश कर रही है।
अभी तक की जांच में सामने आया है कि डॉक्टर लोगों को बताता था कि उसके कई यूनिवर्सिटी और कालेज के प्रबंधकों के साथ अच्छे संबंध हैं और उनको बैक डेट की डिग्री बना कर देगा। हालांकि, यह भी सामने आ रहा है कि ट्रैवल एजेंट जानते थे कि फर्जी डिग्री ले रहे हैं लेकिन आगे लोगों को गलत बताते थे।
ऐसे में अब पुलिस डिग्री पर लगे नाम वाले लोगों को जांच में शामिल करने जा रही है ताकि पता लगाया जा सके कि यह गोरखधंधा कैसे चलता था। जिन लोगों ने जानबूझ कर फर्जी डिग्री जानते हुए भी ली है, उनको भी केस में नामजद किया जाएगा।
वहीं, ट्रैवल एजेंटों के साथ संबंधों की भी पुलिस जांच कर रही है। वहीं पुलिस ने इस मामले में फरार चल रही आरोपित मोनिका की तलाश में कई जगह पर छापेमारी की लेकिन वो फरार रही। थाना सात के प्रभारी बलविंदर सिंह का कहना था कि फरार चल रही मोनिका की भी तलाश की जा रही है।
यह है मामला
21 सितंबर को थाना 7 की पुलिस ने अर्बन एस्टेट फेस-1 स्थित कोठी नंबर 1023 पर छापेमारी कर बड़ी मात्रा में शराब, फर्जी मुहरें और दस्तावेज बरामद किए थे। छापेमारी के दौरान पुलिस को कई यूनिवर्सिटियों की फर्जी डिग्रियां मिलीं, जिन्हें लाखों रुपये लेकर विदेश भेजने की चाह रखने वाले युवाओं को बेचा जाता था। एक महिला ने डॉक्टर पुष्कर गोयल के खिलाफ शिकायत दी थी कि इस कोठी में महिलाओं को शादी और नौकरी के बहाने बुलाया जाता है।
वहां पहुंचने पर उन्हें 50-50 हजार की नौकरी का झांसा दिया जाता, लेकिन बाद में शराब पिलाकर मानसिक और शारीरिक तौर पर परेशान किया जाता था। महिला का आरोप था कि यहां काम करने वाले डॉक्टर गोयल का साथ देते हैं। इन लोगों को हर लड़की को लाने के बदले 20 हजार रुपये तक दिए जाते थे।
इसके अलावा इस कोठी से फर्जी डिग्रियां बनाई जाती थीं, जिन्हें 2.5 से 3 लाख रुपये में बेचा जाता था। इन डिग्रियों के आधार पर युवाओं को विदेश भेजने का काम किया जाता था। यहां मेडिकल डिपार्टमेंट के नाम पर बोर्ड लगाए जाते थे, जो महज दिखावा था।
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