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    दूसरी बार 44 महिला पार्षद पहुंची निगम हाउस, लेकिन मेयर पद अभी भी उनसे दूर; जानें क्या है समीकरण?

    जालंधर में दूसरी बार 44 महिला पार्षद पहुंची हैं लेकिन मेयर पद अभी उनसे दूर है। 1991 से अब तक हुए सात चुनावों में किसी भी दल ने महिला पार्षद को मेयर नहीं बनाया। इस बार भी महिलाओं की संख्या 44 ही रही लेकिन उनकी प्रतिशतता कम हुई। बीजेपी और कांग्रेल से एक-एक पार्षद को अपने खेमे में शामिल करने के बाद आप के पास अब 18 महिला पार्षद हैं।

    By Sanjay Verma Edited By: Rajiv Mishra Updated: Wed, 25 Dec 2024 11:57 AM (IST)
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    जालंधर नगर निगम में इस बार 44 महिला पार्षद निर्वाचित हुई (फाइल फोटो)

    संजय वर्मा, जालंधर। ये दूसरा अवसर है जब 44 पार्षद महिलाएं निगम हाउस में पहुंची है। फिर भी जालंधर के मेयर की कुर्सी अभी भी इनसे दूर है। 1991 में बनी जालंधर नगर निगम के इस बार सातवें चुनाव थे लेकिन किसी भी दल ने महिला पार्षद को मेयर की कुर्सी पर बिठाने पर विचार नही किया।

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    इससे पहले भी जालंधर के 80 वार्ड में से 44 पार्षद महिलाएं ही थी। इस बार वार्ड बढ़ कर 85 तो हुए लेकिन महिलाओं की संख्या 44 ही रही। इस बार महिलाओं की प्रतिशतता कम हुई। मेयर के लिए आप में मंथन चल रहा है वहीं महिला पार्षदों में से किसी एक को सीनियर डिप्टी मेयर की कुर्सी मिल सकती है।

    AAP के पास अब 18 महिला पार्षद

    चुनावों में कांग्रेस की 17, आप की 16, भाजपा की 9 और 1 निर्दलीय महिला उम्मीदवार जीत के बाद हाउस तक पहुंची है। 39 सीट जीतने वाली आप ने बहुमत की जोड़ तोड़ में करते हुए कांग्रेस और भाजपा की एक-एक महिला पार्षद को अपने खेमे में कर लिया। इस तरह आप के पास अब 18 महिला पार्षद है।

    पहले 80 वार्ड से 44 सीट लेनी वाली महिला पार्षदों की संख्या 55 प्रतिशत थी जो इस बार घट कर 51.76 प्रतिशत रह गई है। फिर भी जीत का आंकड़ा 50 प्रतिशत से उपर रहने के बाद भी महिला पार्षदों को सेकिंड लाइन में रखा गया है।

    ...कांग्रेस में महिलाओं का दबदबा

    कांग्रेस की 24 सीटों में से 17 पर महिलाओं ने जीत की बाजी मारी। सबसे अधिक कांग्रेस में जीत हासिल करने वाली महिलाओं का प्रतिशत 70.83 रहा।

    इसी तरह भाजपा की 19 सीटों में 9 पर महिलाओं ने जीत दर्ज कर आंकड़ा 47.36 प्रतिशत रखा जबकि आम आदमी पार्टी की कुल 39 सीट में से 16 महिलाओं की जीत से आंकड़ा 41.02 प्रतिशत रहा।

    पुरुष उम्मीदवारों के मुकाबले महिलाओं की स्थिति मजबूत होती नजर आई लेकिन इसका राजनीतिक लाभ कितना मिलता है देखने का विषय है।

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    पूर्व मेयर व पत्नी दोनों हारे

    जालंधर में कांग्रेस के पूर्व मेयर और इस बार आप की टिकट पर चुनाव लड़े जगदीश राजा व उनकी पूर्व डिप्टी मेयर पत्नी अनीता राजा चुनाव हार गए। इसी प्रकार भाजपा के पूर्व विधायक शीतल अंगुराल के भाई राजन अंगुराल भी चुनाव हार गए। कांग्रेस के पूर्व विधायक एवं जालंधर शहरी प्रधान राजेंद्र बेरी की पत्नी उमा बेरी चुनाव जीतने में सफल रहीं।

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