'कसरत का देसी तरीका आज भी दमदार, कोरोना काल में डंबल की जगह पानी की बाल्टी ने ली'
एथलेटिक्स खिलाड़ी लवप्रीत सिंह ने जागरण संवाददाता कमल किशोर को बताया कि घर में भार उठाने के लिए डंबल प्लेट व राड नहीं थी। इसके विकल्प के रूप में पानी से भरी बाल्टी उठाने के साथ-साथ ईंटों से एक्सरसाइज की।

जालंधर, जेएनएन। मुश्किल समय में खुद को फिट कैसे रखना है, यह कोरोना काल ने सिखा दिया। पिछले साल मार्च के अंत में जालंधर में पूर्ण रूप से लाकडाउन लग गया। खेल मैदान बंद थे। मन में यहीं चल रहा था कि शरीर को फिट नहीं रखा पाया तो आगे कैसे बढ़ पाऊंगा। मेडल कैसे आएंगे। स्टेमिना व वजन कैसे नियंत्रण में रख पाऊंगा। इसी डर के साथ समय बीतता गया और वजन बढ़ने लगा। चाहकर भी बाहर नहीं जा सकता था। फिर कोच की मदद से घर में ही देसी तरीके से एक्सरसाइज करनी शुरू कर दी। यह कहना है नेशनल गेम्स में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले एथलेटिक्स खिलाड़ी लवप्रीत सिंह का।
लवप्रीत सिंह ने जागरण संवाददाता कमल किशोर को बताया कि घर में भार उठाने के लिए डंबल, प्लेट व राड नहीं थी। इसके विकल्प के रूप में पानी से भरी बाल्टी उठाने के साथ-साथ ईंटों से एक्सरसाइज की। कंधों पर सिलेंडर उठाकर स्कैट लगाई। अब इसी को जीवन को हिस्सा बना लिया है। आज भी जब मैदान में जाने का मन नहीं करता है तो घर में ही एक्सरसाइज कर लेता हूं। अब फिर से शहर में कोरोना के मरीजों की गिनती बढ़नी शुरू हो गई है। इसके बचाव के लिए घर में रहकर स्वयं को फिट रख सकता हूं। एक खिलाड़ी के रूप में मिली इस सीख को कभी नहीं भूल पाऊंगा।
उन्होंने कहा कि यह अकेला मेरे साथ नहीं हुआ। मेरे ग्रुप में कई खिलाड़यों ने इसी तरीके से खुद को फिट रखा। इस मुश्किल समय सीखा कि अगर कुछ करने का जज्बा है तो घर में रहकर भी आप कर सकते हैं। इसके लिए किसी जिम, मैदान या अन्य मशीनी उपकरण की जरूरत नहीं पड़ेगी। सब कुछ हमारे सामने होता है लेकिन हम पहचान नहीं पाते।
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