डीसी ने सरफेस वाटर प्रोजेक्ट सितंबर तक पूरा करने का दावा किया, जमीनी हकीकत इससे अलग
दो साल में भी सरफेस वाटर प्रोजेक्ट को पूरा करना आसान नहीं होगा। 6 महीने से सरफेस वाटर प्रोजेक्ट का अधिकांश काम ठप। 70 किलोमीटर से ज्यादा बिछानी है पाइप लाइन। 5 अंडरग्राउंड वाटर टैंक में से एक पर अभी शुरू नहीं हुआ काम।

जागरण संवाददाता, जालंधर। जिले में चल रहे बड़े प्रोजेक्टों की समीक्षा करते हुए शुक्रवार को डीसी जसप्रीत सिंह ने दावा किया कि शहर में 24 घंटे पानी की सप्लाई का सरफेस वाटर प्रोजेक्ट सितंबर, 2023 तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पर काम तेजी से चल रहा है और लोगों को सितंबर 2023 के बाद से सतलुज दरिया का पानी पीने के लिए मिलेगा। हालांकि डीसी का यह दावा जमीनी तौर पर चल रहे काम से मिलता नजर नहीं आ रहा।
70 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाने की कोई योजना नहीं
सरफेस वाटर प्रोजेक्ट पर अभी काम इतना अधिक लंबित है कि अगले दो साल में भी इसे पूरा करना आसान नहीं होगा। पिछले छह महीने से अधिकांश काम ठप पड़ा हुआ है। हालांकि अब काम में थोड़ी बहुत हलचल है, लेकिन अभी भी 70 किलोमीटर से ज्यादा पाइप लाइन बिछानी है और इसके लिए अभी तक कोई योजना नहीं बनाई गई है।
भूमिगत वाटर टैंकों पर भी काम शुरू नहीं
शहर में बनने वाले पांच अंडरग्राउंड वाटर टैंक में से एक पर अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है। एक पर खोदाई शुरू हुई है। जो तीन टैंक बन रहे हैं वह भी कछुआ चाल से ही आगे बढ़ रहे हैं। इन्हें बनाने में ही कई महीने लग जाएंगे।
डीसी ने मीटिंग में अधिकारियों को कहा कि कार्य की गुणवत्ता और मानक को बनाए रखते हुए सरफेस वाटर प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा करने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाए। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत शहर के पांच स्थानों में से बर्ल्टन पार्क, ढिलवां, माडल टाउन और सूर्या एनक्लेव में भूमिगत टैंकों का निर्माण चल रहा है। फोकल प्वाइंट में पानी की टंकी के लिए खोदाई अगले सप्ताह शुरू होगी।
कस्बों के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के कामों की समीक्षा की
डिप्टी कमिश्नर ने आदमपुर, करतारपुर और गोराया में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की प्रगति का जायजा लिया। डीसी ने संबंधित अधिकारियों को इन परियोजनाओं को समय पर पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि गोराया में निर्माणाधीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम 75 प्रतिशत पूरा हो चुका है और दिसंबर के अंत तक यह 100 प्रतिशत पूरा हो जाएगा। आदमपुर और करतारपुर के ट्रीटमेंट प्लांट का 35 और 30 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
जालंधर बाईपास के काम में तेजी जाने के निर्देश
जिले में चल रही विभिन्न राजमार्ग परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को जालंधर बाईपास के निर्माण की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जालंधर बाईपास प्रोजेक्ट के तहत करीब 80 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। इसके तहत 264 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि संबंधित भूमि मालिकों को दी जा चुकी है। इसी तरह अमृतसर-बठिंडा ग्रीनफील्ड बाईपास के तहत 67 प्रतिशत जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है और भूमि मालिकों को मुआवजे के तौर पर 57 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
जालंधर में एंट्री और एग्जिट प्वांइट पर दुर्घटना रोकने के उपाय करेंगे
डीसी ने नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया (एनएचएआइ) के अधिकारियों को जिले के मौजूदा एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त व्यवस्था और आवश्यक मरम्मत करने के निर्देश दिए हैं। एनएचएआइ के अधिकारियों ने बताया कि फिल्लौर से जालंधर तक जिले में 12 नए एंट्री और एग्जिट प्वाइंट का निर्माण करने का प्रस्ताव है, जिससे सुचारू और सुरक्षित यातायात सुनिश्चित हो सकेगा।
डीसी जसप्रीत सिंह ने पीएपी और पठानकोट चौक पर सुचारू ट्रैफिक व्यवस्था के लिए अधिकारियों को ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए। आदमपुर एयरपोर्ट रोड, कला संघिया ड्रेन, जालंधर छावनी क्षेत्र के आसपास बनने वाली पेरीफेरी रोड, बाढ़ सुरक्षा कार्यों, जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट और नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट के तहत लाइट लगाने के कार्य की भी समीक्षा की। मीटिंग में एडीसी डेवलपमेंट वरिंदरपाल सिंह बाजवा, जालंधर डेवलपमेंट अथारिटी के एडिशिनल एडमिनिस्ट्रेटर जसबीर सिंह, एसडीएम डा. जय इंदर सिंह, बलबीर राज सिंह, जिला राजस्व अधिकारी जशनजीत सिंह व अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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