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    दमनवीर ने फिल्लौर में ड्रग माफिया खिलाफ मांगी STF जांच, बोले- नशा तस्करों को नेताओं का समर्थन

    By Pankaj DwivediEdited By:
    Updated: Tue, 24 Aug 2021 03:59 PM (IST)

    दमनवीर ने कहा कि गांव भनोकी के रहने वाले 32 वर्षीय जसविंदर सिंह का शव गोराया थाना अधीन आते गोहावर क्षेत्र में मिला था। यह स्पष्ट तौर पर नशे की ओवरडोज से मौत है। पुलिस ने इस मामले में सही कार्रवाई नहीं की।

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    पूर्व जेल मंत्री सरवन सिंह फिल्लौर के बेटे एवं कांग्रेस नेता दमनवीर सिंह। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, जालंधर। पंजाब के पूर्व जेल मंत्री सरवन सिंह फिल्लौर के बेटे एवं कांग्रेस नेता दमनवीर सिंह फिल्लौर ने इस बार प्रदेश में गहराए ड्रग संकट को लेकर ड्रग माफिया खिलाफ फिल्लौर में ही स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की जांच कराने की मांग की है। उन्होंने फिल्लौर में ड्रग माफिया की पीठ पर कुछ सियासी लोगों का हाथ होने का आरोप लगाया। दमनवीर ने कहा कि एक तरफ जहां पंजाब भर में रोजाना नशे की ओवरडोज से युवा अपनी जान गंवा रहे हैं, वहीं उनके क्षेत्र फिल्लौर में नशे की सप्लाई तेज हो गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस इस गंभीर समस्या की गहराई तक पहुंचकर नशा तस्करों की रीढ़ की हड्डी तोड़ने में सक्षम नहीं है। इस काम के लिए एसटीएफ की जांच ही एकमात्र विकल्प है।

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    दमनवीर ने कहा कि गांव भनोकी के रहने वाले 32 वर्षीय जसविंदर सिंह का शव गोराया थाना अधीन आते गोहावर क्षेत्र में मिला था। यह स्पष्ट तौर पर नशे की ओवरडोज से मौत है। लेकिन पुलिस ने इस मामले में धारा 174 के तहत कार्रवाई की और इस मौत को हार्ट अटैक से हुई मौत बताया। सच यह है कि मरने वाले के बाईं बाजू पर सिरिंज लगी गांव के सभी लोगों ने देखी।

    कांग्रेस नेता ने कहा कि पंजाब में नशा तस्करों के समूह को सियासी ताकत वाले लोगों का समर्थन है। इसी कारण तस्कर बिना किसी खौफ के नशा बेच रहे हैं। दमनवीर फिल्लौर ने कहा कि एसटीएफ की जांच ही उन मगरमच्छों का पर्दाफाश कर सकती है जो पर्दे के पीछे बैठकर ड्रग माफिया का साथ दे रहे हैं। साथ ही ड्रग माफिया का साथ देने वाले सभी लोगों के नाम का लिफाफा एसटीएफ को तुरंत खोलना चाहिए।

    दमनवीर ने पुलिस से पूछा है कि गोराया में नशे की ओवरडोज से जसविंदर सिंह की मौत की एफआईआर दर्ज नहीं की गई। क्या स्थानीय सांसद या किसी बड़े ड्रग तस्कर ने उन्हें फोन करके कार्रवाई से रोक दिया।दमनवीर ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार पंजाब में नशे की ओवरडोज के कारण 78 मौतें दर्ज की गईं। 2019 में पंजाब में नशीली दवाओं या शराब की लत के कारण 87 लोगों ने आत्महत्या की, इनमें से 13 लोगों की मौत ओवरडोज से हुई।

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