पंजाब चुनाव 2022: चार दिन पहले भाजपा में शामिल हुए कांग्रेस विधायक बलविंदर सिंह ने की फिर घर वापसी
Punjab Vidhan Sabha Chunav 2022 कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए विधायक बलविंदर सिंह ने फिर से कांग्रेस का दामन थाम लिया है। विधायक बलविंदर सिंह चार दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुए थे। उनकी कांग्रेस में वापसी की जानकारी उनके बेटे हैरी ने दी है।
जागरण संवाददाता, बटाला। चार दिन पहले भाजपा में शामिल हुए कांग्रेस विधायक बलविंदर सिंह ने फिर वापसी कर दी है। यह जानकारी बलविंदर सिंह के बेटे हैरी ने फेसबुक पर पोस्ट डालकर दी है। गत दिवस बलविंदर सिंह भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा के साथ पार्टी के कार्यक्रम में भी शामिल हुए थे। यह बैठक 5 जनवरी को फिरोजपुर में होने वाली बीजीपी की रैली के सबंध में बैठक में थी। रैली को पीएम नरेन्द्र मोदी ने संबोधित करना है।
श्री हरगोबिंदपुर से विधायक बलविंदर सिंह ने रविवार को भाजपा प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा के साथ बटाला में 5 जनवरी को फिरोजपुर में होने वाली पीएम की रैली को लेकर बैठक की थी। बैठक में उन्होंने कहा था कि वह रैली के लिए अपनी ओर से 50 बसें ले जाएंगे, लेकिन अचानक उन्होंने भाजपा क्यों छोड़ी अभी इसका पता नहीं चल पाया है।
बलविंदर सिंह ने जागरण से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी भाजपा में जाने से पहले अपने समर्थकों से बातचीत हुई थी। कुछ समर्थकों को छोड़ अधिकांश ने सहमति जताई थी। इसके बाद वह 28 दिसंबर को भाजपा में शामिल हुए। लेकिन, इस बीच कुछ किसान संगठन उनके भाजपा में जाने से नाराज हो गए। चुनाव से ठीक पहले किसान नाराज न हों इसको देखते हुए बलविंदर सिंह ने अपना फैसला बदल दिया।
श्री हरगोबिंदपुर में किसान मतदाता अधिक हैं। ऐसे में बलविंदर सिंह कोई जोखिम मोल नहीं लेना चाहते। भाजपा ने हालांकि तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया है, लेकिन अभी भी कई किसान नाराज हैं। बलविंदर सिंह का कहना है कि वह यह सोचकर भाजपा में शामिल हुए थे कि केंद्र में भाजपा की सरकार है। इससे वह क्षेत्र के विकास में गति ला सकते हैं, लेकिन कुछ लोगों को उनका भाजपा में जाना नागवार गुजरा, इसलिए मैंने घर वापसी की और मुख्यमंत्री चन्नी ने चंडीगढ़ में वापसी करवाई है।
बता, दें कि कल दोपहर करीब 1 बजे बलविंदर लाडी बीजेपी प्रदेश प्रधान के साथ बटाला में बैठक कर रहे थे, जिसमें 5 जनवरी को फिरोजपुर में होने वाली पीएम की रैली में कार्यकर्ताओं को ले जाने की रूपरेखा तैयार की जा रही थी। बलविंदर सिंह ने 50 बसों का काफिला ले जाने की सहमति जताई थी, लेकिन देर शाम बलविंदर सिंह कांग्रेस में वापस चले गए।