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    Chhath Puja 2022: 28 अक्टूबर से शुरू होगा सूर्य देव की उपासना का महापर्व, अभी से जान लें व्रत के जरूरी नियम

    By DeepikaEdited By:
    Updated: Wed, 26 Oct 2022 10:42 AM (IST)

    Chhath Puja 2022 सूर्यदेव की आस्था का महापर्व छठ पूजा का प्रारंभ 28 अक्टूबर से हो रहा है। मान्यता है कि छठी मइया का पवित्र व्रत रखने से सुख-शांति की प्राप्ति होती है। वहीं जालंधर में भी इस पर्व को लेकर खासी रौनक देखने को मिलती है।

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    Chhath Puja 2022: 28 अक्टूबर से शुरू होगी सूर्य देव की उपासना। (सांकेतिक)

    जागरण संवाददाता, जालंधर। Chhath Puja 2022: सूर्य देव की उपासना का चार दिवसीय महापर्व 28 अक्टूबर से शुरू हो रहा है, जो 31 अक्टूबर तक चलेगा। यह पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। इस दौरान भक्त 36 घंटे का निर्जल उपवास कर छठी मइया से संतान के स्वास्थ्य लाभ, सफलता और दीर्घायु के लिए वरदान मांगते हैं। यह व्रत पहले दिन नहाय खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देने के उपरांत व्रत का पारणा करने से संपन्न होता है।

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    सूर्यदेव को अर्घ्य देने का महत्व

    मान्यता है कि छठी मइया का पवित्र व्रत रखने से सुख और शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही सारे दुर्भाग्य समाप्त हो जाते हैं। इस व्रत से निसंतान दंपति को संतान की प्राप्ति होती है।

    छठ पूजा व्रत के नियम

    • व्रत रखने के दौरान पलंग या तख्त पर सोने की मनाही होती है।
    • व्रती को चारों दिन नए और साफ कपड़े पहनने चाहिए।
    • व्रत रखने वाले शख्स को मांस, मदिरा, क्रोध, लोभ, धूम्रपान आदि का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
    • व्रत रखने के दौरान सात्विक भोजन ही करें।
    • छठ पूजा में छठी मैया और भगवान भास्कर को ठेकुआ व कसारका भोग लगाना चाहिए।
    • छठ पूजा में सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए गन्ने का प्रयोग अवश्य करें।

    जालंधर में अस्थाई तौर पर बनाए जाते हैं छठ घाट

    बता दें कि, शहर में नहरी किनारों के साथ-साथ विभिन्न हिस्सों में अस्थाई तौर पर छठ घाट बनाए जाते हैं। श्री देवी तालाब मंदिर में भी भक्तों के लिए छठ घाट बनाया जाएगा। इसके अलावा बस्ती बावा खेल नहर, कालिया कालोनी नहर, बेअंत नगर पार्क, सेलानी माता मंदिर लम्मा पिंड, गुरु नानक पुरा, बशीरपुरा, कमल विहार, बेअंत नगर आदि इलाकों में अस्थाई रूप से छठ घाट बनाए जाएंगे।

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