Canada Visa: कनाडा का स्टूडेंट वीजा मिलने में हो रही देरी, दो से तीन महीने करना होगा इंतजार; क्या बनी वजह?
India Canada Controversy कनाडा और भारत के बीच बढ़ते तनाव का असर पढ़ाई और नौकरी के लिए कनाडा जाने वाले भारतीय छात्रों पर पड़ रहा है। स्टडी वीजा के लिए लगने वाला समय बढ़ गया है और वीजा फीस भी दोगुनी हो गई है। कनाडा में पार्ट-टाइम जॉब के अवसर भी कम हो रहे हैं। जानिए पूरी खबर विस्तार से।
कमल किशोर, जालंधर। भारत व कनाडा का रिश्ता टूटने के कगार पर पहुंचने वाला है। भारत ने कनाडा से उच्चायुक्त को वापस बुलाने व छह कनाडाई राजनयिकों को निकाले जाने को लेकर दोनों देशों के रिश्तों में खटास दिख रही है। जिसका असर दोआबा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों पर देखने को मिलेगा। पहले ही कनाडा ने स्टडी वीजा पर जाने वाले विद्यार्थियों की जेआइसी दोगुणी कर दी थी।
एक वर्ष पहले जीआइसी (गारंटिंड इंवेस्टमेंट सर्टिफिकेट) 10,200 डॉलर के करीब थी। अब विद्यार्थी को 20,650 डॉलर करीब का भुगतान करना पड़ रहा है। धीरे-धीरे कनाडा पर युवाओं का मोह भी भंग हो रहा है।
दोनों देशों में चल रही खींचतान ने कनाडा सरकार ने वीजा देने में समय लगा रही है। पहले स्टडी वीजा आने में दस से बीस दिन समय लगता था। अब दो से तीन महीने लग रहे है।
विजिटल वीजा में भी लग रहा समय
विजिटर वीजा की बात करें तो एक महीने में वीजा आ जाता था। अब 112 दिन का समय लग रहा है। खींचतान अधिक बढ़ जाती है तो स्टडी व विजिट वीजा मिलने में ओर अधिक समय लग जाता है।
एसोसिएशन कंसलटेंट फार ओवरसीज स्टडी के मुताबिक पंजाब से हर वर्ष करीब तीन लाख से अधिक विद्यार्थी कनाडा में स्टडी वीजा पर पढ़ने के लिए जाते है।
वहीं दोआबा से हर वर्ष तीस हजार के करीब विद्यार्थी स्टडी वीजा पर पढ़ने के लिए कनाडा जाता है। हर वर्ष 65 से 68 हजार करोड़ रुपये फीस के रूप में कनाडा को अदा किए जा रहे है।
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कनाडा में पार्ट टाइम जॉब भी करते है विद्यार्थी
- ड्राइविंग-18.74 प्रतिशत
- एग्रीकल्चर- 12.52 प्रतिशत
- पेट्रोल पंप-6.23 प्रतिशत
- स्टोर कीपर- 11.19 प्रतिशत
- रेस्तरां- 8.12 प्रतिशत
- मोटर गैरेज-7.80 प्रतिशत
- प्लंबिंग- 3.60 प्रतिशत
किस कोर्स की ज्यादा अहमियत
- होटल मनेजमेंट- 21.19 प्रतिशत
- आइटी- 21.25 प्रतिशत
- बिजनेस स्टडी-11.25 प्रतिशत
- फाइनेंस-13.80 प्रतिशत
- हेल्थ साइंस- 6.35 प्रतिशत
- एमबीए-4.48 प्रतिशत
वो बड़े शहर जहां सबसे अधिक पंजाबी है
कोलिंबिया के सरी, डेल्टा, वैंकूवर, ओंटेरियो के टोरंटो, ब्रैम्पटन, मिसिसागा, माल्टन, अलबर्टा राज्य के एडमंटन, कैलेगरी, न्यूबेक राज्य के मोंट्रियाल, विनिपेग पंजाबी अधिक रहते है।
एसोसिएशन कंसलटेंट फार ओवरसीज स्टडी के महासचिव दविंदर कुमार व सदस्य सुखविंदर नंद्रा ने बताया कि दोनों देशों के रिश्ते खराब होने से असर वहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों पर पड़ेगा।
पंजाब के अधिकतर युवा कनाडा को अधिक तरजीह देते है। भविष्य खतरे में आ सकता है। पहले ही वहां गए विद्यार्थियों को काम नहीं मिल रहा है। रहने के लिए घरों की कमी हो गई है। अगर हालात ऐसे ही रहे तो युवाओं को कनाडा जाने का मोहभंग हो जाएगा। फिलहाल वर्ष 2024 में इसका असर देखने को मिल रहा है।
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