दुनिया भर में शोहरत के बाद भी बेहद सरल इंसान थे ब्रिगेडियर चांदपुरी, करते थे सबकी मदद
रिटायर्ड ले. कर्नल बलवीर सिंह ने ब्रिगेडियर चांदपुरी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि वह सदा जमीन, इंसानियत और सेना से जुड़े रहे।
जागरण संवाददाता, जालंधर। 1971 के भारत-पाक युद्ध में अदम्य साहस दिखाने वाले ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी में तमाम शोहरत पाने के बाद भी इंसानियत कूट-कूट कर भरी थी। वह हमेशा जरूरतमंदों की मदद करते थे। शनिवार सुबह चंडीगढ़ में ब्रिगेडियर चांदपुरी के निधन पर रिटायर्ड ले. कर्नल बलवीर सिंह ने उनके साथ बिताए पल साझा किए। बलवीर सिंह एक्स सर्विसमैन वेलफेयर एसोसिएशन पंजाब के अध्यक्ष हैं। वे सेना की 17 पैरा फील्ड रेजिमेंट से रिटायर हुए हैं।
उन्होंने ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। यादों के झरोखे में लौटते हुए लेफ्टिनेंट कर्नल बलबीर सिंह ने बताया कि जब वह कसौली कैंटोनमेंट (हिमाचल प्रदेश) में पोस्टेड थे तो ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी से नियमित तौर पर मिलते थे। उनके व्यक्तित्व की खास बात यह थी कि वह सदा जमीन, इंसानियत और सेना से जुड़े रहें।
पाकिस्तान के साथ युद्ध में राजस्थान की लोंगेवाला पोस्ट पर उनकी बहादुरी के किस्से इंडियन आर्मी का इतिहास हैं पर इस बनी 'बॉर्डर' फिल्म ने उन्हें अमर कर दिया। फौज के इतिहास में ऐसे बहुत कम उदाहरण हैं कि बहादुरी दिखाने पर किसी सैन्य अधिकारी को दुनिया में इतनी ख्याति मिली हो। उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में किसी जरूरतमंद की मदद करना और सबसे पहले आगे आना उनके व्यक्तित्व की खासियत थी।
उनके जीवन से प्रेरणा लें लोग
ले. कर्नल ने कहा कि उस वक्त वह रिटायर हो चुके थे और मैं सर्विस में था। कई बार मैं उन से चंडीगढ़ में भी मिला। ब्रिगेडियर चांदपुरी कुछ समारोह में भाग लेने के लिए जालंधर भी आते रहते थे। तब भी उनसे मुलाकात होती रही। उनके निधन की सूचना बड़ी दुखदाई है। वह एक एग्जैंपलरी आर्मी ऑफिसर, एक उम्दा इंसान और सेना के इतिहास में अधिकारियों को प्रेरित करने वाले शख्स थे। हम सभी को उनके जीवन से प्रेरणा लेकर देश सेवा करनी चाहिए।