33 वर्षो में 153 बार किया खूनदान, मिला सम्मान
जतिंदर सोनी को 153 बार खूनदान करने के लिए राज्यपाल ने सम्मानित किया। ...और पढ़ें

शाम सहगल, जालंधर
बात 1989 की है। पिता सुरिंदर पाल सोनी साइकिल पर जेल रोड से होते हुए वरियाणा गांव की तरफ जा रहे थे। यहां पर अव्यवस्थित खड़े वाहनों के कारण पिता सड़क दुर्घटना के शिकार हो गए। अस्पताल में डाक्टर ने खून अधिक बह जाने के कारण सबसे पहले खून की मांग कर दी। उस समय सिविल अस्पताल में ब्लड बैंक भी विकसित नहीं था। बड़ी मुश्किल से खून का इंतजाम हुआ और पिता की जांच बची। इस घटना ने शहर के जतिंदर सोनी को एक मिशन दे दिया। यह मिशन था न केवल खुद खूनदान करने का, बल्कि दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करने का। पिछले 33 सालों में वह 153 बाहर खूनदान करके समाज के लिए मिसाल बन चुके हैं। उन्हें अब लोग ब्लड मैन के नाम से जानने लगे हैं। मानवता की सेवा को समर्पित जतिदर सोनी को रेडक्रास सर्टिफिकेट आफ मेरिट का सम्मान पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने दिया है।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश में रीडर के पद पर सेवाएं दे रहे जतिदर सोनी बताते हैं कि जिदगी तथा मौत के बीच जूझ रहे पिता को अगर समय पर खून तथा स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया न होती तो उनका जीवन खतरे में पड़ सकता था। जीवन व मौत के बीच जूझ रहे किसी जरूरतमंद के लिए खून अगर इतना महत्व रखता है तो इसे हर नागरिक को समझना होगा। इसकी शुरुआत उन्होंने 1989 में ही कर दी। यह सफर आज भी निरंतर जारी है। वह बताते हैं कि साल में चार बार खून दान किया जा सकता है। जबकि एसडीपी यानी सिगल डोनर प्लेटलेट्स एक साल में 30 से 40 बार भी डोनेट कर सकते हैं। उन्होंने जरूरतमंद को खून या फिर एसडीपी देने में कभी भी गुरेज नहीं किया। जीवन में 200 बार खून दान करने का लक्ष्य निर्धारित किया हुआ है। इसके बाद भी अगर शरीर तथा स्वास्थ्य इजाजत देगा तो यह सफर जारी रहेगा। उन्हें पहले तीन बार स्टेट अवार्ड के अलावा जिला प्रशासन, जिला रेडक्रास सोसायटी व विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। 950 खून दान कैंप लगाकर 35 हजार यूनिट किया एकत्रित
जतिदर सोनी ने अभी तक 950 खून दान कैंप लगवाने में सहयोग किया है। इनमें 35 हजार यूनिट रक्त एकत्रित कर जरूरतमंदों को नया जीवन प्रदान किया गया है। इसी तरह रेडक्रास सोसायटी के साथ करीब दो दशक से जुड़े जतिदर सोनी अब त्योहारों पर भी खूनदान कैंप लगवाने के साथ-साथ लोगों को भी जागरूक करते हैं। विभिन्न संस्थाओं से जुड़ निभा रहे फर्ज
लायंस क्लब, अलायंस क्लब व भारत विकास परिषद सहित विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संगठनों के साथ जुड़कर जतिदर सोनी इस जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहे हैं। बकौल सोनी तमाम संस्थाओं की बैठकों में वह खूनदान करने के प्रोजेक्ट करने को प्रेरित करते हैं। इसका इंतजाम करने की जिम्मेदारी वह खुद उठाते हैं। पत्नी व रेडक्रास सोसायटी प्रबंधकों को देते हैं श्रेय
जतिदर सोनी खुद को समाज व मानवता को समर्पित करने का श्रेय अपनी पत्नी मोनिका रानी तथा रेडक्रास सोसायटी प्रबंधकों को देते हैं। सोनी बताते हैं कई बार देर रात या फिर तड़के भी जरूरतमंद को खून दान करने के लिए जाना पड़ता है। पत्नी मोनिका रानी इसके लिए उन्हें प्रेरित करती हैं। इसी तरह रेडक्रास सोसायटी के साथ मिलकर सैकड़ों कैंप लगाए हैं। इसमें घनश्याम थोरी, सोसायटी के सचिव इंद्रदेव सिंह मिन्हास सहित सदस्यों का हमेशा सहयोग मिला है।

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