'BJP दलितों पर अत्याचार को दे रही बढ़ावा, अन्याय चर्म पर...', कांग्रेस नेता परगट सिंह ने रायबरेली और IPS सुसाइड मामले में केंद्र सरकार को घेरा
कांग्रेस नेता परगट सिंह ने भाजपा पर दलितों के खिलाफ अत्याचारों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है। उन्होंने रायबरेली की घटना, सुप्रीम कोर्ट के जज पर हमले और आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में अंतर है और दलितों के खिलाफ अन्याय चरम पर है। उन्होंने एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की मांग की है।

कांग्रेस नेता परगट सिंह ने भाजपा पर दलितों के खिलाफ अत्याचारों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया (फोटो: जागरण)
जागरण संवाददाता, जालंधर। ऑल इंडयाि कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं विधायक परगट सिंह ने देशभर में दलित समुदाय पर बढ़ते अत्याचारों को सोची समझी साजिश करार दिया है। उन्होंने इसके लिए भाजपा शासित केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। परगट सिंह ने कहा कि रायबरेली में एक दलित व्यक्ति की नृशंस हत्या, सुप्रीम कोर्ट दलित समुदाय के जज पर हमला और हरियाणा में एक दलित आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या इसी ओर इशारा कर रहे हैं। विधायक परगट सिंह ने एससी/एसटी एक्ट का सख्ती से पालन करवाने, स्वतंत्र जांच और जातिगत भेदभाव को खत्म करने के लिए व्यापक सुधारों की मांग की है।
पद्मश्री परगट सिंह ने कहा कि बाबा साहेब ड. बीआर अंबेडकर और संविधान की रक्षा करने की कसमें खाने वाली भाजपा की कथनी और करनी में जमीन आसमान का फर्क है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई, आईपीएस वीई पूर्ण कुमार की खुदकुशी ऐसे मामले हैं जो सीधे तौर पर संविधान के पहरेदारों पर हुए हमलों की तरफ संकेत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूर्ण कुमार की आत्महत्या सामाजिक ज़हर का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि एक समुदाय खास व संविधान की रक्षा करने वाली लॉबी को निशाना बनाया जा रहा है। जब एक आईपीएस अधिकारी को उसकी जाति के कारण अपमान और अत्याचार सहने पड़ें- तो सोचिए, आम दलित नागरिक किन हालात में जी रहा होगा। ये घटनाएं बताती हैं कि वंचित वर्ग के ख़िलाफ अन्याय अपनी चरम सीमा पर है। परगट सिंह ने कहा कि आरएसएस-भाजपा की नफ़रत और मनुवादी सोच ने समाज को विष से भर दिया है।
दलित, आदिवासी, पिछड़े और मुस्लिम आज न्याय की उम्मीद खो रहे हैं। विधायक परगट सिंह ने कहा कि अपनी कुर्सी खिसकती देख आरएसएस व भाजपा कहीं देश को ऐसी स्थिति की तऱफ धकलने की तैयारी तो नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि जस्टिस गवई, जो भारत के दूसरे दलित मुख्य न्यायाधीश और बोधि समुदाय से पहले मुख्य न्यायाधीश हैं, ने हाल ही में एक याचिका खारिज की थी, जिसके बाद यह हमला हुआ। परगट सिंह ने इस मामले में एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करने की मांग की।
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