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    पिता के सपने को पूरा कर रहा जालंधर का बिक्रमजीत, क्रिकेट विश्वकप में नीदरलैंड टीम में चमका रहा भारत का नाम

    By Jagran NewsEdited By: Vinay kumar
    Updated: Thu, 27 Oct 2022 09:14 PM (IST)

    जालंधर के गांव चीमा खुर्द का बिक्रजीत क्रिकेट विश्वकप मे नीदरलैंड की टीम में शामिल होकर भारत का नाम रोशन कर रहा है। जालंधर का लाल नीदरलैंड की टीम का प्रमुख बल्लेबाज है। बाएं हाथ के बल्लेबाज बिक्रमजीत सिंह अब तक 12 वन डे मैच खेल चुका है।

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    क्रिकेट विश्वकप में नीदरलैंड टीम में शामिल हो भारत का नाम रोशन कर रहा जालंधर का बिक्रमजीत।

    अनमोल चाहल, नूरमहल। जालंधर शहर से 40 किलोमीटर दूर नूरमहल से सटे गांव चीमा खुर्द का बिक्रमजीत सिंह क्रिकेट विश्वकप में नीदरलैंड की टीम में शामिल होकर जालंधर, पंजाब व भारत का नाम रोशन कर रहा है। दुनिया में खेल नगरी के नाम से प्रसिद्ध जालंधर का यह लाल नीदरलैंड की टीम का प्रमुख बल्लेबाज है।

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    बल्लेबाजी के गुर व प्रेरणा पिता हरप्रीत सिंह से लेने वाले बिक्रमजीत गदरी बाबेआं दे गांव चीमा खुर्द से हैं। इस गांव के लोगों ने आजादी को लेकर गदर आंदोलन को जन्म दिया था। वह अपने पिता के सपने को पूरा कर रहे हैं।

    19 साल पहले पिता हरप्रीत सिंह व माता परवीन कौर के घर पैदा हुए बिक्रमजीत को क्रिकेट का शौक बचपन से ही था। उसके पिता भी क्रिकेट प्रेमी हैं। उन्होंने ही विक्रमजीत को क्रिकेट के लिए प्रोत्साहित किया था।

    12 वन डे मैच खेल चुका, क्रिकेट के गुर भारत में ही सीखे

    बाएं हाथ के बल्लेबाज बिक्रमजीत सिंह अब तक 12 वन डे मैच खेल चुके हैं और क्रिकेट के गुर भी भारत में ही सीखे हैं। वह 12 वनडे व 7 टी-20 मुकाबलों में भाग लेकर कुल 367 रन बना चुके हैं। बिक्रमजीत सिंह के दादा खुशी चीमा 1980 में नीदरलैंड चले गए थे और आजकल अपने पैतृक गांव चीमा खुर्द में आए हुए हैं। 

    बिक्रमजीत के दादा खुशी चीमा व गांव चीमा खुर्द में बिक्रमजीत का पुश्तैनी घर। (जागरण)

    2008 में पांच साल की उम्र में चला गया था नीदरलैंड

    उन्होंने बताया कि विक्रमजीत 2008 में पांच साल की उम्र में नीदरलैंड चला गया था। उसने 11 साल की उम्र में अंडर-12 क्रिकेट टूर्नामेंट खेलना शुरू किया था। खुशी चीमा बताते हैं कि 2016 से 2018 तक बिक्रमजीत ने चंडीगढ़ की गुरु सागर क्रिकेट अकादमी में क्रिकेट सीखी व बाद में जालंधर के नजदीकी गांव बाजरे में एक क्रिकेट अकादमी में ट्रेनिंग हासिल की।

    भारत में आने पर अधिकतर समय क्रिकेट सीखने में बिताता

    भारत में आने पर बिक्रमजीत अधिकतर समय क्रिकेट सीखने में बिताता था। बीते साल ही बिक्रमजीत की नीदरलैंड क्रिकेट टीम में एंट्री हुई है। बिक्रमजीत सिंह का एक छोटा भाई यटुद्धवीर सिंह है। उसका जन्म नीदरलैंड में ही हुआ। उनका परिवार नीदरलैंड में ट्रांसपोर्ट का काम करता है। इस खबर के सुनने के बाद गांव में खुशी का माहौल है। फिलहाल परिवार के सभी लोग नीदरलैंड में रहते हैं, लेकिन पैतृक निवास अभी भी गांव में है और साल में एक बार उसके दादा ही गांव आते हैं।

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