Army Helicopter Crash: रेसक्यू ऑपरेशन में बारिश बनी बाधा, हादसे के बाद लापता हैं पायलट और को-पायलट
Army Chopper Crash मंगलवार शाम साढ़े आठ बजे सेना ने रेसक्यू आपरेशन को बंद कर दिया था। दिल्ली से गोताखारों को मंगवाया गया था। लेकिन बुधवार की सुबह भारी बारिश के चलते सुबह 11 बजे तक उन्हें ढूंढने का अभियान शुरु नहीं हो पाया है>

कमल कृष्ण हैप्पी, जुगियाल। यहां रणजीत सागर डैम में सेना का ध्रुव ALH Mark-4 हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद चौबीस घंटे बाद भी उसके दोनों पायलट और को-पायलट की तलाश जारी है। मंगलवार शाम साढ़े आठ बजे सेना ने रेसक्यू आपरेशन को बंद कर दिया था। दिल्ली से गोताखारों को बुलवाया गया था लेकिन बुधवार की सुबह भारी बारिश के चलते सुबह 11 बजे तक उन्हें ढूंढने का अभियान शुरू नहीं हो पाया है। वहीं, सेना ने दिल्ली से और रेसक्यू आपरेशन से जुड़े अधिकारियों को बुलाया है।
सेना ने झील से सटे एरिया में टैंट लगा कर पूरे क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया है। स्थानीय लोगों के अलावा पुलिस को भी अब वहां जाने से रोका जा रहा है। बारिश करीब आधा घंटा से हो रही है। बारिश खत्म होने का इंतजार किया जा रहा है। दूसरी ओर, झील में तैर रहे ईंधन को साफ करने को लेकर योजना बनाई जा रही है ताकि गोताखारों को ढूंढने में किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। सेना के अधिकारी सारी स्थिति पर पैनी निगाह रखे हुए हैं ताकि जल्द से जल्द आपरेशन को पूरा किया जा सके।
800 मीटर गहरी है झील
झील की लंबाई 87.2 किलोमीटर तथा चौढाई 2.7 किलोमीटर है, जबकि गहराई सौ से आठ सौ मीटर है। लेकिन, जहां पर हेलीकाप्टर क्रेश हुआ है उसकी गहराई चार सौ मीटर के आस पास बताई जा रही है।
मंगलवार सुबह रूटीन उड़ान पर था चॉपर
बता दें कि मंगलवार सुबह 10:50 बजे सेना का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें दो पायलट सवार थे। दोनों अभी तक लापता हैं। हेलीकॉप्टर ने मामून कैंट से सुबह 8:30 बजे उड़ान भरी थी। वह झील के इर्द-गिर्द एरिया में रुटीन उड़ान पर था। हादसे के बाद झील के पानी की सतह पर चॉपर का तेल बिखर गया है। इस कारण बचाव अभियान में दिक्कत आ रही है। इस कारण मंगलवार को बचाव अभियान पूरा नहीं हो पाया था।
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