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    जालंधर में भारी बारिश के बाद बिगड़ी सरकारी क्वार्टरों की हालत, रेलवे कर्मचारी हुए परेशान

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 02:13 PM (IST)

    जालंधर में रेलवे क्वार्टरों की हालत बारिश से बदतर हो गई है छतें टपक रही हैं और सामान खराब हो रहा है। शिकायत निवारण शिविर के बाद भी कोई सुधार नहीं हुआ है। अखिल भारतीय ओबीसी कर्मचारी संगठन ने मुद्दा उठाया पर कार्रवाई नहीं हुई। इंजीनियरिंग विभाग के क्वार्टरों की हालत ज्यादा खराब है जहां कर्मचारियों को एक कमरे में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है।

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    वर्षा ने और बिगाड़ी क्वार्टरों की हालत, रेलवे कर्मचारी परेशान।

    अंकित शर्मा, जालंधर। रेलवे क्वार्टरों की हालत बरसात की वजह से अब पहले से भी ज्यादा खस्ता हो गई है। अधिकतर क्वार्टरों की छतें टपकने लग पड़ी हैं और सामान भी खराब हो रहा है। इस वजह से लगभग 95 प्रतिशत क्वार्टरों की छत पर अभी भी तरपाल बिछी हुई है। हल्की सी बरसात होने पर ही छत पर पानी खड़ा हो जाता है और कमरों के भीतर पानी टपकने लग पड़ता है।

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    हालांकि, एक महीने पहल रेलवे की तरफ से पहली बार मंडल में शिकायत निवारण कैंप लगाया गया था। इसमें भी रेलवे क्वार्टरों की हालत खस्ता होने, मरम्मत आदि की ही ज्यादा शिकायतें आई थीं। कैंप में शिकायतें देने के एक महीने बाद भी अभी तक कुछ नहीं हुआ। जिस वजह से रेल कर्मचारियों की परेशानियां अब पहले से ज्यादा बढ़ गई हैं।

    उन्हें खस्ताहाल क्वार्टरों की छत के नीचे रहने का डर सता रहा है। इस मुद्दे को लेकर अखिल भारतीय ओबीसी कर्मचारी संगठन की तरफ से कई बार उठाया जा चुका है और हाल ही में रेल क्वार्टरों की हालत को जांचने के बाद कर्मचारियों की समस्याओं को फिर से जाना। जिस संबंध में अधिकारियों के समक्ष मुद्दा रखा है। पर अधिकारियों की तरफ से आश्वासन मिलने के बावजूद कार्रवाई शून्य ही है। इससे कर्मचारियों का अधिकारियों के प्रति रोष भी बढ़ता जा रहा है।

    इंजीनियरिंग विभाग के क्वार्टरों की हालत ज्यादा खस्ता

    इंजीनियरिंग विभाग के रिमोट एरिया जानी की आउटर एरिया क्वार्टर की स्थिति बहुत ही खराब है। ढेरों शिकायतें देने के बावजूद उन पर कोई ध्यान नहीं देता। यह क्वार्टर स्टैंडर्ड हैं। रेलवे बोर्ड द्वारा कई बार गाइडलाइन आने के बावजूद फिरोजपुर मंडल में अभी भी क्वार्टर एक कमरे वाले रेल डिब्बों की तरह ही बने हुए हैं। उन्हीं में विधिपुर फटक के नजदीक बना हुआ गेट नंबर 14 का क्वार्टर है। जहां एक कर्मचारी के पास केवल एक ही कमरा है।

    इस क्वार्टर में न तो रसोई घर है और न ही बरामदा। न ही किसी जानकार व अतिथि के आने पर कोई अलग से कमरा है। कर्मचारियों से उस हिसाब से हाउस रेंट भी अत्यधिक काटा जा रहा है। अखिल भारतीय ओबीसी कर्मचारी संगठन के मंडल सचिव बृजेश कुमार ने प्रिंसिपल चीफ इंजीनियर के 2024 में जालंधर इंस्पेक्शन के दौरे में यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने मंडल अधिकारियों को इस संबंध में आदेश भी दिए थे। पर बावजूद उसके अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।