जालंधर में वकील की गोली लगने से मौत, महिला समेत तीन लोग हिरासत में; पुलिस की कार्रवाई पर उठे सवाल
जालंधर में बस्ती दानिशमंदा के पास राजनगर में एडवोकेट परमिंदर सिंह ढींगरा की गोली लगने से मौत हो गई। पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने गोली चलाने की बात स्वीकार की है। पुलिस ने महिला उसके पति और बेटे को हिरासत में ले लिया है। सिख संगठनों ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए और प्रदर्शन किया।

जागरण संवाददाता, जालंधर। बस्ती दानिशमंदा के पास स्थित राजनगर में मंगलवार दोपहर करीब डेढ़ बजे एडवोकेट परमिंदर सिंह ढींगरा की गोली लगने से मौत हो गई। उनके पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने पुलिस को कहा कि उसने एडवोकेट ढींगरा पर गोली चलाई है। मौके पर पहुंचे एडीसीपी परमजीत सिंह ने बताया कि गोली महिला के बेटे की स्पोर्ट्स गन से चलाई गई थी, जिससे वह शूटिंग रेंज में प्रैक्टिस करता है।
पुलिस ने पड़ोसी परमिंदर कौर, उसके पति यश और बेटे सुनील को हिरासत में ले लिया है। मृतक के स्वजन के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। एडवोकेट परमिंदर सिंह ढींगरा सिख स्टूडेंट फेडरेशन (पीर मोहम्मद) के प्रधान भी थे।
उनको गोली लगने की सूचना मिलते ही सिख संगठनों के सदस्य और बार एसोसिएशन के सदस्य मौके पर पहुंचे और विरोध जताते हुए पुलिस की कार्रवाई पर सवाल भी उठाए। वहीं थाना बस्ती बावा खेल की पुलिस तीन घंटे मामले की जांच करती रही। सिख संगठनों ने इसको लेकर प्रदर्शन किया।
उनका आरोप था कि गोली लगने के बाद एडवोकेट ढींगरा का शव काफी देर तक घर के अंदर पड़ी रहा। सिख संगठनों ने आरोप लगाया कि थाना प्रभारी मौके पर समय रहते नहीं पहुंचे और घायल को अस्पताल पहुंचाने में ढाई घंटे की देरी हुई।
लोगों का कहना है कि पुलिस ने बिना किसी मेडिकल जांच के ही यह घोषित कर दिया कि परमिंदर सिंह ढींगरा की मौत हो चुकी है। प्रदर्शनकारियों ने पूछा कि थाना प्रभारी को कैसे पहले ही यह यकीन हो गया कि व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी है, जबकि उसे तुरंत अस्पताल ले जाया जा सकता था।
परमिंदर सिंह की जांघ पर गोली लगी थी और उस पर चुन्नी भी बांधी हुई थी। उनके सिर से खून बह रहा था और मारपीट के निशान भी थे। माना जा रहा है कि उनके साथ पहले काफी मारपीट हुई है, लेकिन देर रात तक पुलिस इस बारे में कुछ भी नहीं बता रही थी। परमिंदर को गोली लगने की बात से गुस्साए सिख संगठन के सदस्य गेट तोड़ कर अंदर गए। पहले उन्होंने गेट खटखटाया, क्योंकि अंदर परमिंदर सिंह खून से लथपथ थे और कोई गेट नहीं खोल रहा था।
इसके बाद सिख संगठनों में रोष व्याप्त हो गया और उन्होंने गेट तोड़ा और अंदर गए, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। थाना बस्ती बावा खेल के एसएचओ परमिंदर सिंह थिंड ने बताया कि उन्हें राजनगर में गोली चलने की सूचना दोपहर करीब तीन बजे मिली थी। पुलिस जब मौके पर पहुंची, तब एडवोकेट परमिंदर सिंह ढींगरा की मृत्यु हो चुकी थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि गोली पड़ोस में रहने वाली महिला परमिंदर कौर ने चलाई थी।
घटना से पहले ढींगरा और महिला के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। महिला ने स्वीकार किया है कि उसने गन से गोली चलाई थी, जो एडवोकेट के पैर में लगी थी, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मृत्यु गोली लगने से हुई या खून अधिक बहने के कारण हुई है। अब यह विवाद क्या था, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। इसकी जांच पुलिस कर रही है।
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