जालधंर के ज्वेलरी शॉप में लूट, पहले दो दिन तक की रेकी; फिर ज्वेलर्स के बेटे को अकेला देख वारदात को दिया अंजाम
जालंधर के भार्गव कैंप में विजय ज्वेलर्स में हुई लूट की साजिश दो दिन पहले रची गई थी। मुख्य आरोपी कुशल ने दुकान की रेकी की और मालिक के बेटे को अकेला देखकर लूट को अंजाम दिया। आरोपियों ने नशे की लत के कारण पैसों की जरूरत बताई। पुलिस ने कुछ नकदी और सोना बरामद किया है और आरोपियों को अजमेर से गिरफ्तार किया है।
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पहले दो दिन की रेकी, फिर ज्वेलर्स के बेटे को अकेला देख की लूट।
जागरण संवाददाता, जालंधर। भार्गव कैंप स्थित विजय ज्वेलर्स की दुकान में हुई लूट की जांच में सामने आया है कि घटना के दो दिन पहले इसकी साजिश रची गई थी। मुख्य आरोपित कुशल ने दो दिन तक दुकान की रेकी की थी और देखा कि विजय ज्वेलर्स के मालिक का बेटा अकसर दुकान पर किस समय ज्यादा देर तक अकेला रहता है।
इसके बाद उन्होंने सुबह लूट की। आरोपितों ने कहा कि नशे के लिए उन्हें पैसों की जरूरत थी और लूट के बाद उन्होंने पैसों से नशा भी खरीदा था। पूछताछ में कुशल ने बताया कि लूट के बाद भागते समय उन्होंने पिस्तौल एक अन्य युवक को पकड़ा दी थी, जो फरार है।
वहीं , पुलिस ने आरोपितों से करीब 23,000 रुपये और कुछ मात्रा में सोना बरामद किया है। हालांकि पुलिस ने आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। जांच में सामने आया कि दिनभर वे एक आटो में घूमते रहे। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर उस आटो चालक को राउंडअप किया, जिसने बताया कि उसने तीनों आरोपितों को रेलवे स्टेशन छोड़ा था। आरोपित सोना बेचने के लिए अजमेर पहुंचे थे और वहां किसी व्यक्ति से संपर्क किया था।
30 अक्टूबर को की थी लूट
भार्गव कैंप में लूट की वारदात 30 अक्टूबर की सुबह करीब 10 बजे हुई थी। उस दिन तीन नकाबपोश बदमाश पिस्तौल और दातर लेकर विजय ज्वेलर्स, भार्गव कैंप में घुस गए। उन्होंने दुकान मालिक अजय कुमार पुत्र विजय कुमार, निवासी अवतार नगर के बेटे को धमकाकर गहने और नकदी लूट ली। वारदात के बाद आरोपित वहां से भाग निकले। जांच में पता चला कि तीनों आरोपितों ने अजमेर में रहने वाले एक व्यक्ति गौरव उर्फ टोनी के यहां शरण ली थी। पुलिस ने वहां से चारों को गिरफ्तार कर लिया।

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