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    288 लोगों को सांप ने डंसा, जालंधर में बाढ़ के बीच बढ़ी स्नेक बाइट की घटनाएं; कोबरा व करैत के शिकार हो रहे लोग

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 12:50 PM (IST)

    जालंधर में बरसात के मौसम में सांप के डंसने के मामले बढ़ रहे हैं। जनवरी से अब तक 288 मामले दर्ज हुए हैं जिनमें जुलाई और अगस्त में सबसे ज़्यादा मामले आए हैं। स्वास्थ्य विभाग जागरूकता सप्ताह मना रहा है और लोगों को तुरंत डॉक्टरी सहायता लेने की सलाह दे रहा है। अस्पताल में एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन उपलब्ध है।

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    जालंधर में सांप काटने के मामले में तेजी से वृद्धि। सांकेतिक तस्वीर

    कमल किशोर, जालंधर। बरसात के मौसम में सांप काटने के मामले सामने आने शुरू हो चुके है। मामलों की गिनती लगातार बढ़ रही है। सिविल अस्पताल की बात करें को जनवरी से लेकर अब तक 288 सांप काटने मरीज रिपोर्ट हो चुके है। जिसमें जुलाई व अगस्त में कई मामले सामने आ चुके है।

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    मामले अधिकतर देहात क्षेत्रों जैसे शाहकोट, नकोदर, गोराया, लोहियां खास, बेगोवाल, भोगपुर से आए है। दो व्यक्तियों की सांप काटने से मौत हो चुकी है। दोनों मरीज फिल्लौर व रंधावा मसंदा के रहने वाले थे। जून व जुलाई में धान का सीजन होने के चलते सांप काटने के मरीज बढ़ जाते है।

    जनवरी में मात्र एक मरीज सांप काटने का आया था। सबसे अधिक सांप काटने के मरीज जुलाई में आए थे, जिनकी गिनती 108 तक पहुंच गई थी। अगस्त की बात करें तो 81 मरीज रिपोर्ट हुए थे।

    सेहत विभाग का मानना है कि इन दो महीनों में धान का सीजन होने के कारण सांप काटने के मरीज बढ़ जाते है। विभाग की ओर से 15 से 19 सितंबर सांप के काटने संबंधित जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। लोगों को सांप काटने के दौरान इलाज के बारे बताया जा रहा है।

    विभाग का मानना है कि इन मरीजों कोबरा, करैत के साथ-साथ पिट वाइपर किस्म के सांपों द्वारा काटा गया है। अधिकतर मरीज कोबरा द्वारा काटा गया है। अस्पताल में एंटी स्नेक वेनम से एकमात्र इंजेक्शन से इलाज संभव है।

    विभाग का कहना है कि धान के मौसम के दौरान कई किसान फसलों को पानी देने के लिए रात में खेतों में सोते है, इसलिए अधिकांश मामले गांव से आते है। कई लोगों को काटा गया फिलहाल विभाग के पास एंटी वेमन मौजूद है।

    जनवरी से अगस्त तक आए सांप काटने के मरीज

    जनवरी-1

    फरवरी-3

    मार्च-6

    अप्रैल-7

    मई-21

    जून-61

    जुलाई-108

    अगस्त-81

    कार्यकारी सिविल सर्जन डॉ. रमन गुप्ता ने कहा कि सांप काटने के मरीजों की गिनती बढ़ रही है। मानसून के दिनों में सांप काटने के मरीज बढ़ जाते है।

    अगर किसी मरीज को सांप ने काट लिया है तो पहले डॉक्टरी सहायता जरूरी है। सांत काटे जाने पर अस्पताल में इलाज के लिए इंजेक्शन का स्टाक उपलब्ध है। सांप काटे जाने वाले मरीज को शांत रहना चाहिए। शांत ना होने पर मरीज की धड़कन बढ़ जाती है। जिससे जहर पूरे शरीर में फैल जाता है। जख्म को कसकर ना बांधा जाएं।